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Ganesh Chaturthi 2020 : जानिए श्री गणेश का शुभ स्वरूप कितनी समृद्धि लाता है घर में

Ganesh Chaturthi 2020 : जानिए श्री गणेश का शुभ स्वरूप कितनी समृद्धि लाता है घर में - Shri Ganesha chaturthi 2020
भगवान श्रीगणेश की उपासना से विद्या, बुद्धि, विवेक, यश, सिद्धि सहजता से प्राप्त हो जाती हैं। भगवान श्रीगणेश प्रथम पूज्य देवता हैं। किसी भी कार्य को आरंभ करने से पहले श्रीगणेश का स्मरण करने से वह कार्य अवश्य पूर्ण होता है। श्रद्धा और आस्था के साथ श्री गणपति की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

माता पार्वती ने पुत्र प्राप्ति के लिए पुण्यक नामक उपवास किया था। इसी उपवास के प्रभाव से श्री गणेश पुत्र रूप में प्राप्त हुए। भगवान श्री गणेश के शरीर का रंग लाल एवं हरा है। लाल रंग शक्ति और हरा रंग समृद्ध‍ि का प्रतीक माना जाता है। इसलिए जहां श्रीगणेश हैं वहां शक्ति और समृद्ध‍ि दोनों का वास है।
 
भगवान श्रीगणेश को विघ्नहर्ता, मंगलमूर्ति, लंबोदर, व्रकतुंड आदि नामों से पुकारा जाता है। महाभारत में भगवान श्रीगणेश के स्वरूप और उपनिषद में उनकी शक्ति का वर्णन किया गया है। महर्षि व्यास की महाभारत भगवान श्रीगणेश ने ही लिखी। 
 
उन्होंने अपना एक दंत तोड़कर महाभारत की रचना की। इस कारण वह एकदंत कहलाए। भगवान श्रीगणेश के कानों में वैदिक ज्ञान, मस्तक में ब्रह्म लोक, आंखों में लक्ष्य, दाएं हाथ में वरदान, बाएं हाथ में अन्न, सूंड में धर्म, पेट में सुख-समृद्धि, नाभि में ब्रह्मांड और चरणों में सप्तलोक का वास माना जाता है। 
 
भगवान श्रीगणेश की रिद्धि और सिद्धि नामक दो पत्नियां हैं। शुभ और लाभ उनके दो पुत्र हैं। 

बड़े ही मनमोहक से दिखने वाले गणेश जी के भव्य और दिव्य स्वरुप, शारीरिक संरचना में भी विशिष्ट व गहरा अर्थ निहित है। शिवमानस पूजा में श्री गणेश को प्रणव यानी ॐ कहा गया है। इस एकाक्षर ब्रह्म में ऊपर वाला भाग गणेश का मस्तक, नीचे का भाग उद ,चंद्रबिंदु लड्डू और मात्रा सूंड है। इनकी चार भुजाएं चारों दिशाओं में सर्वव्यापता की प्रतीक हैं। उनकी छोटी पैनी आँखें सूक्ष्म -तीक्ष्ण दृष्टि की सूचक हैं।
 
श्रीगणेश अपने सम्पूर्ण स्वरूप में हमारे घर में

सुख,रिद्धि-सिद्धि,

शुभ-लाभ,

धर्म,वरदान,

यश,सुख,समृद्धि,

वैभव, पराक्रम,

सफलता,प्रगति,

सौभाग्य,ऐश्वर्य,

धन,सम्पदा और आरोग्य का आशीष लेकर आते हैं...
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