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Ganesh Chaturthi 2023: गणेश जी की कौन से रंग की मूर्ति करें स्थापित? जिससे हो कल्याण

Ganesh Chaturthi 2023: गणेश जी की कौन से रंग की मूर्ति करें स्थापित? जिससे हो कल्याण - Ganesh pratima kon se rang ki hona chahiye
Ganesh Chaturthi murti 2023: भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर भगवान गणेशजी का जन्म उत्सव मनाया जाता है। इस बार 19 सितंबर 2023 मंगलवार को अभिजीत मुहूर्त में गणेश मूर्ति स्थापना की जा सकती है। हालांकि आपके मन में प्रश्न होगा कि किस मुहूर्त में और कौन से रंग की प्रतिमा घर में लाकर स्थापित करें?
 
गणेश मूर्ति कैसी होना चाहिए- ganesh pratima kon se rang ki sthapit karen?
  • गणेशजी की किसी आसन या सिंहासन पर बैठी हुई मूर्ति घर में लाएं।
  • गणेशजी की मिट्टी या बालू की प्रतिमा स्थापित करना चाहिए, क्योंकि माता पार्वती ने उन्हें इसी से बनाया था।
  • गणपति की मूर्ति लाते समय यह जरूर ध्यान रखें कि उनके साथ मूषक जरूर हो।
  • गणेशजी की ऐसी प्रतिमा हो जिसका एक दांत टूटा हुआ हो।
  • गणेश प्रतिमा के चार हाथ हो। चारों हाथों में वे क्रमश: पाश, अंकुश, मोदक पात्र तथा वरमुद्रा धारण किए हुए हो।
  • जिस मूर्ति में सूंड का अग्रभाग बाईं है उस मूर्ति को स्थापित करने का प्रचलन है।
  • प्रयास करें कि मूर्ति जनेऊधारी हो। यदि नहीं हो तो पूजा के समय मूर्ति को जनेऊ धारण करवाएं।
  • गणेशजी का सिर मुकुट, टोपी या पगड़ी आदि से परंपरा अनुसार ढका होना चाहिए।
  • गणेशजी रक्तवर्ण, लम्बोदर, शूर्पकर्ण तथा पीतवस्त्रधारी हैं। लाल या पीला वस्त्र शुभ होते हैं।
  • गणेशजी के मस्तक पर केसर या चंदन का त्रिपुण्ड तिलक लगा होना चाहिए।
  • घर के उत्तर या ईशान कोण में गणेश प्रतिमा की स्थापना करना चाहिए।
Ganesh ji
किस रंग की हो गणेश मूर्ति?
  • मूर्ति का रंग सफेद, सुनहरी, सिंदूरी या हरा लेना शुभ है।
  • पीले या रक्त रंग की प्रतिमा स्थापित कर उसकी उपासना करना शुभ होता है।
  • हल्दी से बनी या लेप की हुई प्रतिमा हरिद्रा गणपति कहलाती है। इसकी उपासना से मनोकामना पूर्ण होती है।
  • नीले रंग की गणेश मूर्ति "उच्छिष्ट गणपति" कहते हैं। इनकी दशों दिशाओं में उपासना करना होती है।
  • एकदंत गणपति गणपति कर प्रतिमा श्यामवर्ण होनी चाहिए। इनकी उपासना से पराक्रम बढ़ता है
  • सफेद रंग के गणपति की प्रतिमा की उपासना से कर्ज से मुक्ति मिलती है इसीलिए इन्हें ऋणमोचन गणपति कहते हैं।
  • चार भुजाओं वाले रक्त-वर्ण गणेश मूर्ति "संकष्टहरण गणपति" कहलाते हैं, इनकी उपासना से संकटों का नाश हो जाता है।
  • त्रिनेत्रधारी, रक्तवर्ण और दस भुजाधारी गणेश मूर्ति को "महागणपति" कहते हैं। इस मूर्ति में सभी गणेश समाहित होते हैं।
  • घर में गणेश चतुर्ती पर सफेद, सिंदुरी या पीले रंग की मूर्ति स्थापित करें।
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