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जीवन के सारे रिश्तों में से एक महत्वपूर्ण रिश्ता है दोस्ती। कहते हैं अच्छा और सच्चा दोस्त खुदा का दिया अनमोल तोहफा होता है। ऐसे ही खास दोस्त को अपनी भावनाओं का अहसास दिलाने का दिन है फ्रेंडशिप-डे। अगस्त के पहले रविवार को मनाए जाने वाले इस विशेष दिन के लिए युवाओं ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। शहर की प्रमुख से लेकर छोटी-छोटी गिफ्ट्स शॉप पर उपहार, बैंड्स और कार्ड्स सज गए हैं। बड़ी संख्या में युवा अपने दोस्तों के लिए उपहार खरीदते नजर आ रहे हैं।
ग्रीटिंग्स की ब्यूटी बरकरार: भले की नेट आ गया हो मेल का फैशन बढ़ गया हो, लेकिन अभी भी कार्ड्स का अपना ही अनूठा महत्व है। फ्रेंडशिप-डे पर कार्ड्स से बाजार सज गए हैं। क्षितिज त्रिपाठी और मनोज गुप्ता अपने खास दोस्तों को कार्ड ही देने वाले हैं। उनका मानना है कि कार्ड में आप अपनी दिल की सारी बातों को कह सकते हो।
ई-कार्ड का है जमाना : इसी प्रकार मयंक और नेहा ई-कार्ड भेजेंगे अपने दोस्तों को। इसके लिए नेट पर उनकी सर्चिंग शुरू हो गई है और अच्छे कार्ड्स को ये लोग सेव करके रखते जा रहे हैं। कुल मिलाकर हर तरफ फ्रेंडशिप-डे मनाने की तैयारियां जोरों से चल रहीं हैं। आखिर, दोस्त की खुशी का सवाल है।
बैंड से होगी गहरी बॉन्डिंग : हिन्दी फिल्म 'कुछ-कुछ होता है' के बाद फ्रेंडशिप बैंड्स बांधने का जो सिलसिला शुरू हुआ है वो आज तक जारी है। प्रतिवर्ष फ्रेंडशिप-डे पर हजारों की संख्या में बैंड्स बेचे और खरीदे जाते हैं। अविनाश सिंह ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि अपनी दोस्ती को और गहरा करने के लिए फ्रेंडशिप बैंड्स बांधे जाते हैं। आजकल मार्केट में तरह- तरह के बैंड्स मिलते हैं जिनकी कीमत भी बजट में रहती है। जिसका जैसा बजट हो वह वैसा बैंड खरीद ले, एक रुपए से लेकर 50 रुपए तक का। इसके साथ ही कई वैरायटी के बैंड्स बाजार में मिल जाते हैं।
ऑरकुट और फेसबुक जिंदाबाद : वो खुशनसीब होते हैं जिनके दोस्त उनके साथ रहते हैं लेकिन हर कोई ऐसा नहीं होता। कोई जॉब के लिए तो कोई शादी करके विदेशों तक में बस गए हैं। ऐसे दोस्तों को याद करने के लिए और उन तक अपने दिल की बात पहुंचाने के लिए ही आजकल ऑरकुट और फेसबुक पर संदेश भेजना पसंद किया जा रहा है। काजल दीक्षित बताती हैं कि इसके साथ ही मेल और मोबाइल मैसेज भी फ्रेंडशिप डे का संदेश भेजने के लिए प्रयोग किए जा रहे हैं। इसके लिए हम लोग अभी से अच्छे-अच्छे मैसेज तैयार कर रहे हैं और ढूंढ रहे हैं।

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उपहार ही नहीं पैकिंग भी हो खास : आशीष कुमार और अनुराग का मानना है कि आजकल समय बहुत बदल गया है। आप अपनी चीज को कितने अच्छे से प्रजेंट करते हो यह मायने रखता है। ऐसा ही उपहारों के साथ भी हो गया है। भले ही लाख कीमती और अच्छी गिफ्ट हो लेकिन यदि उसकी पैकिंग अच्छी नहीं हुई तो न देने वाले को मजा आता है और न लेने वाले को। इसीलिए हम गिफ्ट तो खरीदेंगे ही साथ ही उसकी पैकिंग भी कुछ अलग हटकर करवाएंगे। जो हमारे दोस्त को हमेशा याद रहे।