बीते कुछ दशकों में महिलाओं ने दुनिया के हर क्षेत्र में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करवाई है। चाहे वो एन्टरप्रिन्यौरशिप के साथ कोई नई शुरुआत हो या अपने स्थापित एंपायर को आगे बढ़ाने का काम हो। चाहे मीडिया जगत में नए प्रतिमान गढ़ने के उदाहरण हो या फिर पॉलिटिक्स में अपने नाम की एक अमिट लकीर खींचना हो।
हर तरफ हर क्षेत्र में महिलाओं की एक स्पष्ट तस्वीर नजर आ ही जाएगी। साल 2020 के अंत में वेबदुनिया ने कुछ ऐसी ही सशक्त महिला शक्तियों के नाम को फिर से रेखांकित करने या यूं कहें कि याद दिलाने के लिए यह रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें 10 सशक्त महिलाओं की सफलता को शामिल किया गया है।
आइए जानते हैं इस साल की सबसे चर्चित, ताकतवर महिला शक्तियां।कमला हैरिस
7 नवंबर, 2020 को कमला हैरिस अमेरिकी इतिहास में उपराष्ट्रपति के लिए चुनी गई पहली महिला बनीं। 2016 में हैरिस संयुक्त राज्य की सीनेट के लिए चुनी जाने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी महिला थीं। जबकि 2010 में हैरिस कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल के रूप में सेवा देने वाली पहली अफ्रीकी-अमेरिकी महिला बनीं। हैरिस कैलिफोर्निया की मूल निवासी हैं और उनकी मां भारत से पिता जमैका से हैं।
किरण मजुमदार शॉ
किरण मजूमदार शॉ बायकॉम लिमिटेड की चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। इन्होंने बायकॉम की शुरूआत 1978 में की थी। इसकी शुरूआत हुई थी औद्योगिक एंजाइमों के निर्माण से और आज यह एक बायो-फार्मास्युटिकल कंपनी बन चुकी है। आज यह कंपनी टॉप बायोमेडिसिन रिसर्च सेंटर बन चुकी है जहां पर इस समय डायबिटीज पर फोकस किया जा रहा है।
जिया मोदी
जिया मोदी कॉर्पोरेट कानून की निर्विवाद रानी बनी हुई हैं। जिया मोदी एक भारतीय कानूनी सलाहकार हैं। उन्हें कॉर्पोरेट विलय और अधिग्रहण कानून, प्रतिभूति कानून, निजी इक्विटी और परियोजना वित्त के क्षेत्र में महतवपूर्ण माना जाता है। कहा जाता है कि एयरटेल और टेलिनॉर के विलय के पीछे इनका ही मास्टर माइंड दिमाग था। फॉर्चुनइंडिया ने उन्हें साल 2020 में अपनी सूची में दो नंबर पर रखा है।
रोशनी नडार मलहोत्रा
एचसीएल के अरबपति संस्थापक शिव नादर की एकमात्र बेटी रोशनी नडार मल्होत्रा को इस साल जुलाई में $ 10 बिलियन वाली आईटी सेवा कंपनी एचसीएल टेक्नोलॉजीज का चेयरपर्सन नियुक्त किया गया। उन्होंने नोएडा स्थित कंपनी का कार्यभार संभाला, हालांकि यह कोई औचन निर्णय नहीं था, कंपनी को लंबे समय से रोशनी में नडार एंपायर को संभालने की संभावना नजर आ रही थीं और वह एक नियोजित रूप में कंपनी की उत्तराधिकारी बन गईं। फार्चुनइंडिया की सूची में वे 10वें नंबर पर हैं।
निर्मला सीतारमन
निर्मला सीतारमण को मई 2019 में भारत के वित्त मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था, और वह कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री भी हैं। वह भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं। राजनीति में अपने करियर से पहले सीतारमण ने यूके आधारित कृषि इंजीनियर्स एसोसिएशन और बीबीसी वर्ल्ड सर्विस में भूमिकाएं निभाईं। उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य के रूप में भी काम किया है। फिलहाल वे राजनीति में एक सशक्त नाम है और 2020 की फोर्ब्स की 100 पावरफुल महिलाओं की सूची में वे 41वें नंबर पर हैं।
ईशा अंबानी
महज 29 साल की ईशा अंबानी ने विरासत में मिली संपत्ति और व्यापार में बेहद सशक्त तौर से अपनी जगह बना ली है। अपने पिता मुकेश अंबानी जो कि एशिया के सबसे अमीर आदमी है, उनके नेतृत्व में 87 बिलियन डॉलर की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) में खुद के लिए जगह बनाना उपलब्धि है। फार्चुनइंडिया की 2020 की सूची में वे 16वें नंबर पर हैं।
मल्लिका श्रीनिवासन
सहज कारोबारी रणनीति व सूझबूझ के साथ लिए मजबूत फैसलों ने मल्लिका श्रीनिवासन को उद्योग जगत में आयरन लेडी की पहचान दिलाई है। बाजार के उतार-चढ़ावों के बीच मल्लिका ने हमेशा सीधी लकीर खींचने की रणनीति अपनाई है। यही वजह है कि आज उनकी कंपनी टैफे, ट्रैक्टर व फार्म इक्विपमेंट उद्योग की जानी-मानी ग्लोबल खिलाड़ी है। पिछले साल अगस्त में श्रीनिवासन ने ट्रैक्टर के सीईओ का पद छोड़ दिया। ग्रामीण आय में गिरावट के कारण भारत में ट्रैक्टर निर्माताओं के लिए वित्तीय वर्ष 2019-20 की बिक्री 10 प्रतिशत से ज्यादा थी। लेकिन मार्च के बाद के कोविड के कारण लगे लॉकडाउन में ज्यादा मदद नहीं मिली, बावजूद इसके वे इस कंपनी को आगे बढ़ा रहीं हैं। 60 साल की मल्लिका श्रीनिवासन फार्चुन की सूची में 15 नंबर पर हैं।
सुनिता रेड्डी
भारत की सबसे बड़ी अस्पताल श्रृंखला अपोलो को देश की सबसे बड़े अस्पताल सेवा बनाने में सुनिता रेड्डी का बहुत बड़ा हाथ रहा है। इनकी मेहनत से वित्त वर्ष 2018 में अपोलो के रेवेन्यू में 14 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। वहीं अपोलो फारमेसी के बिजनेस में 18 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। यह सेवा कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भी आगे रही। रेड्डी द्वारा संचालित अपोलो हॉस्पिटल्स में कोविड-19 रोगियों के लिए 2,000 से अधिक बेड आवंटित किए गए, जिसमें 1,000 आईसीयू बेड या इसकी कुल क्षमता का लगभग 15 से 20 प्रतिशत शामिल था। इस चेन के अस्पतालों में 37,000 रोगियों (14 सितंबर, 2020 तक) का इलाज किया और 150,000 से ज्यादा जांचें की गईं।
कली पुरी
साल 2017 में इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन नियुक्त की गई कली पुरी ने पूरे टेलीविजन, मीडिया समूह और प्रिंट मीडिया में अहम योगदान दिया है। समूह को डिजिटलाइज्ड करने में उनका खास रोल है। उन्हीं के मार्गदर्शन में वेब पोर्टल्स- द लल्लन टॉप, डेलीओ, ऑडनारी, पकवालगली और आईचौक लॉन्च किए गए। टीवी टुडे नेटवर्क का 2020 में औसत मासिक कवरेज 266 मिलियन तक पहुंचा। वे द इंडिया टुडे कॉन्क्लेव का चेहरा हैं। फार्चुनइंडिया की इस साल की सूची में वे 8नंबर पर हैं।
हरसिमरत कौर बादल
हरसिमरत कौर ने किसान बिल के विरोध में केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दिया, इसके बाद वे चर्चा में आईं। किसान आंदोलन को लेकर भी वे लगातार चर्चा और सुर्खियों में रहीं। अभी भी वे आंदोलन के साथ हैं। हरसिमरत कौर द्वारा इस्तीफा देना एक बड़ा फैसला था। वे सिरोमणी अकाली दल की तरफ से केंद्र सरकार में मंत्री थीं। अभी भी किसान बिल को लेकर सरकार और किसानों के बीच गतिरोध जारी है।