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निर्जला एकादशी के दान की सूची, शुभ संयोग और पारण का समय

निर्जला एकादशी के दान की सूची, शुभ संयोग और पारण का समय - Nirjla Ekadashi 2023
Nirjala Ekadashi 2023 
 
धार्मिक शास्त्रों में निर्जला एकादशी (Nirjla Ekadashi) व्रत सबसे कठिन माना जाता है, क्योंकि इस व्रत में भोजन और पानी दोनों का ही त्याग करना पड़ता है। इस दिन जल नहीं पीना चाहिए, बल्कि जल का दान करने का विशेष महत्व है।

इस बार निर्जला एकादशी 31 मई 2023, बुधवार के दिन मनाई जा रही है। इस दिन मंत्र- 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का उच्चारण करना अधिक पुण्यकारी माना जाता है। यह व्रत करने से पूरे वर्ष की एकादशी के व्रत का फल प्राप्त होता है। इस दिन को गायत्री प्रकटोत्सव पर्व या जयंती के रूप में मनाया जाता है। 

आइए यहां जानते हैं, निर्जला एकादशी के शुभ संयोग, पारण का समय तथा दान की सूची- 
 
निर्जला एकादशी दान की सूची- Nirjala Ekadashi Daan Samgri List 
 
- गौ दान, 
- वस्त्र से ढंक कर जल से भरा घड़ा या कलश,
- स्वर्ण दान, 
- अन्न दान, 
- जल दान, 
- वस्त्र दान, 
- जूता 
- ऋतु फल, 
- सब्जियां, 
- पानी की सुराही, 
- हाथ का पंखा, 
- छाता दान, 
- चीनी,
- मिष्ठान्न
- दक्षिणा, 
आदि का दान करना उचित रहता है। 
 
निर्जला एकादशी शुभ मुहूर्त एवं पारण समय : Nirjala Ekadashi 2023 Date, Muhurat and Parna Time
 
31 मई 2023 : निर्जला एकादशी व्रत-
 
ज्येष्‍ठ शुक्ल एकादशी तिथि का प्रारंभ- 30 मई 2023, मंगलवार को 01.07 पी एम से शुरू।
एकादशी तिथि की समाप्ति- 31 मई 2023, बुधवार को 01.45 पी एम पर। 
 
निर्जला एकादशी पारण टाइम- 
व्रत पारण का समय- 1 जून 2023, बृहस्पतिवार- 05.24 ए एम से 08.10 ए एम तक।
पारण तिथि पर द्वादशी का समापन समय- 01.39 पी एम पर।
31 मई 2023, बुधवार- दिन का चौघड़िया
 
लाभ - 05.24 ए एम से 07.08 ए एम
अमृत - 07.08 ए एम से 08.51 ए एम
शुभ - 10.35 ए एम से 12.19 पी एम
चर - 03.46 पी एम से 05.30 पी एम
लाभ - 05.30 पी एम से 07.14 पी एम
 
रात्रि का चौघड़िया
शुभ - 08.30 पी एम से 09.46 पी एम
अमृत - 09.46 पी एम से 11.03 पी एम
चर - 11.03 पी एम से 01 जून को 12.19 ए एम तक। 
लाभ - 02.51 ए एम से 01 जून को 04.07 ए एम तक। 
 
शास्त्रानुसार इस दिन पूरे विधि-विधान से भगवान श्री विष्णु की पूजा करने तथा उपरोक्त सामग्री अपने सामर्थ्य के अनुसार दान करने से यश, वैभव, कीर्ति, धन-धान्य, चल-अचल संपत्ति, सफलता और समस्त सुख की प्राप्ति होती है।
  
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