अगर कोई व्यक्ति पूरे साल की एकादशी पर व्रत नहीं करता है तो उसे निर्जला एकादशी पर विशेष उपाय और व्रत कर लेना चाहिए। आइए जानते हैं इस दिन क्या उपाय करने से कामना पूरी होती है...
1. सुबह जल्दी उठें और उठते ही सबसे पहले अपनी दोनों हथेलियां देखें। मंत्र बोलें-
कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती। करमूले तू गोविंद, प्रभातेकरदर्शनम्।।
कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती। करमूले तू गोविंद, प्रभातेकरदर्शनम्।।
2. पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालें और स्नान करें। ऐसा करने से घर पर ही तीर्थ स्नान का फल मिल सकता है।
3. स्नान के बाद तांबे के लोटे से सूर्य को जल चढ़ाएं। मंत्र बोलें ऊँ सूर्याय नम:।
4. किसी गरीब को या मंदिर में तिल, वस्त्र, धन, फल और मिठाई का दान करें।
5. अगर संभव हो सके तो किसी पवित्र नदी में स्नान करें। स्नान करते समय वरुण मंत्र- ऊँ वरुणाय नमः का जाप करें।
6. इस दिन निर्जल रहकर व्रत करना चाहिए। निर्जल यानी बिना पानी का व्रत। अगर निर्जल व्रत नहीं कर सकते हैं तो फलाहार और दूध का सेवन करते हुए व्रत कर सकते हैं।
7. इस तिथि पर स्नान के बाद घर के मंदिर में पूजा करें। पितरों के लिए तर्पण करें। किसी मंदिर जाकर भगवान के सामने धूप, दीप जलाएं। प्रसाद, हार-फूल, केसर आदि चीजें चढ़ाएं।
8. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की भी विशेष पूजा करें। भगवान के सामने घी का दीपक जलाएं। माता पार्वती को सुहाग की चीजें अर्पित करें।
9. भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा जरूर करें। पूजा में भगवान विष्णु की किसी भी कथा का पाठ करें। कथा जैसे रामायण, सत्यनारायण की कथा, विष्णु पुराण आदि।
10. किसी नजदीकी शिव मंदिर जाएं और भगवान को नारियल, बिल्वफल, सीताफल, सुपारी, मौसमी फल आदि चीजें चढ़ाएं।
11.निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु को खीर का भोग लगाएं। इसमें तुलसी का पत्ता अवश्य डालें। तुलसी पत्र सहित खीर से भगवान विष्णु का भोग लगाने पर घर-परिवार में शांति बनी रहती है।
12.निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पीले रंग के वस्त्र, फल और अनाज अर्पित करना चाहिए। भगवान विष्णु की पूजा के उपरांत इस चीजों को किसी ब्राह्मण को दान देना चाहिए। ऐसा करने से घर में कभी क्लेश नहीं होते हैं।
13. निर्जला एकादशी के दिन किसी गरीब को या मंदिर में तिल, वस्त्र, धन, फल और मिठाई का दान करें।
14. निर्जला एकादशी के दिन पीपल के पेड़ में जल अर्पण करना चाहिए। पीपल में भगवान विष्णु का वास होता है। इसलिए ऐसा करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है।