Diwali 2025 Vastu guide: दिवाली केवल रौशनी और मिठास का त्योहार नहीं है, बल्कि यह एक नया आरंभ करने का भी अवसर है। इस शुभ पर्व पर अगर आप वास्तु के कुछ छोटे-छोटे नियमों का पालन करें, तो घर में सुख, समृद्धि और तरक्की का वास हो सकता है। लेकिन कई बार जाने-अनजाने में हम कुछ ऐसी वास्तु गलतियां कर बैठते हैं, जो हमारी तरक्की में रुकावट बन जाती हैं। इस लेख में हम बताएंगे कि दिवाली पर कौन सी वास्तु गलतियां नहीं करनी चाहिए और कैसे आप इन्हें सुधार कर अपनी जिंदगी में सकारात्मक ऊर्जा ला सकते हैं।
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तो आइए आपकी सुविधा के लिए यहां कुछ वास्तु से जुड़ी गलतियां दी जा रही हैं, जो दिवाली पर भूलकर भी नहीं करनी चाहिए:
1. गंदगी या अव्यवस्था को नजरअंदाज करना:
दिवाली से पहले साफ-सफाई ज़रूरी होती है। गंदगी और कबाड़ नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। खासकर मुख्य दरवाजे, पूजा स्थल, रसोई घर और तिजोरी/सेफ की सफाई जरूर करें।
2. मुख्य द्वार को सजाए बिना छोड़ देना:
वास्तु के अनुसार, मुख्य द्वार लक्ष्मीजी के प्रवेश का मार्ग होता है। दरवाजे पर तोरण, स्वस्तिक, ॐ, लक्ष्मी पग आदि बनाएं या लगाएं।
3. दीये और लाइट गलत दिशा में लगाना:
दीये और रोशनी को पूर्व या उत्तर दिशा में अधिक जलाएं, ये दिशाएं सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती हैं। दक्षिण दिशा में रोशनी कम होनी चाहिए, पूर्व या उत्तर दिशा में अंधेरा शुभ नहीं होता।
4. टूटी-फूटी चीजें रखना:
दिवाली से पहले टूटी मूर्तियां, फूटे बर्तन, पुराने जूते-चप्पल और नकारात्मक तस्वीरें जैसे युद्ध या रोते हुए चेहरे हटा दें। इससे घर में रुकावट और क्लेश बढ़ता है।
5. झाड़ू को गलत तरीके से रखना:
6. पूजा की दिशा गलत होना:
लक्ष्मी-गणेश की पूजा उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) दिशा में करें। पूजा करते समय आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
7. बिना शुद्धि के पूजा करना:
घर की और स्वयं की शुद्धि के बिना पूजा करना वास्तु दोष को आमंत्रित करता है। गंगाजल, धूप, दीप, और सुगंधित द्रव्यों से वातावरण को शुद्ध करें।
8. अवांछित चीज़ों को स्टोर करना:
बेकार पड़े इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स, टूटे फर्नीचर या खराब बर्तन स्टोर करके न रखें। इससे ऊर्जा का प्रवाह रुकता है और धन हानि हो सकती है।
9. केवल बाहर रोशनी करना, अंदर अंधेरा छोड़ना:
घर के बाहर रोशनी करना शुभ है, लेकिन घर के अंदर अंधेरा छोड़ना वास्तु दोष माना जाता है। लक्ष्मी केवल वहां आती हैं जहां उजाला, स्वच्छता और शांति होती है।
10. अकेले लक्ष्मी जी को न पूजें:
दिवाली की पूजा में केवल लक्ष्मी जी की नहीं, गणेश जी और सरस्वती जी की भी पूजा करनी चाहिए। गणेश जी विघ्नहर्ता हैं और सरस्वती जी ज्ञान की देवी, जिससे लक्ष्मी टिकती हैं।
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