शनिवार, 18 अक्टूबर 2025
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. दीपावली
  4. laxmi puja samagri list in hindi
Written By WD Feature Desk
Last Updated : शनिवार, 18 अक्टूबर 2025 (13:56 IST)

Diwali:इस दिवाली लक्ष्मी पूजन में यदि रख लीं ये 12 चीजें, छप्तर फाड़ के बरसेगा धन

दिवाली पूजा की सामग्री
Laxmi puja samagri list in hindi: इस बार दिवाली का त्योहार 20 अक्टूबर 2025 को मनाया जा रहा है। सुख-समृद्धि और धन की देवी माता लक्ष्मी को कुछ वस्तुएं अत्यंत प्रिय हैं। धार्मिक मान्यता है कि दिवाली की महालक्ष्मी पूजा में इन विशेष 12 सामग्रियों का उपयोग करने से वे शीघ्र प्रसन्न होती हैं और भक्त के घर में धन-धान्य की अटूट बरकत होती है।
 
महालक्ष्मी पूजन की 12 अत्यंत प्रिय सामग्रियां:-
1. पुष्प (फूल) और वस्त्र
कमल और गुलाब: देवी लक्ष्मी को पुष्पों में कमल और गुलाब विशेष प्रिय हैं। इन फूलों को पूजा में अवश्य शामिल करें।
प्रिय वस्त्र: उन्हें लाल-गुलाबी या पीले रंग के रेशमी वस्त्र अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
 
2. फल और सुगंध
प्रिय फल: पूजन में श्रीफल (नारियल), सीताफल, बेर, अनार और सिंघाड़े का नैवेद्य अवश्य चढ़ाएं।
इत्र और सुगंध: पूजा में केवड़ा, गुलाब और चंदन के इत्र का प्रयोग अवश्य करना चाहिए, यह देवी लक्ष्मी को तुरंत आकर्षित करता है।
 
3. भोग और नैवेद्य
अनाज: पूजा में चावल (अक्षत) का उपयोग करना चाहिए, जो अन्न और धन की पूर्णता का प्रतीक है।
मिठाई/नैवेद्य: घर में बनी हुई शुद्धता पूर्ण केसर की मिठाई या हलवे का नैवेद्य अर्पित करना सर्वोत्तम होता है।
 
4. प्रकाश और आभूषण
दीपक का प्रकाश: प्रकाश के लिए गाय का घी, या मूंगफली/तिल्ली के तेल का दीपक जलाना मां को शीघ्र प्रसन्न करता है।
आभूषण और रत्न: मां लक्ष्मी को स्वर्ण आभूषण प्रिय हैं, और उन्हें रत्नों से भी विशेष स्नेह है। पूजन में प्रतीकात्मक रूप से इन्हें अवश्य रखें।
 
5. अन्य विशिष्ट सामग्री
गन्ना और बिल्वपत्र: मां लक्ष्मी की अन्य प्रिय सामग्रियों में गन्ना, कमल गट्टा, खड़ी हल्दी, और बिल्वपत्र शामिल हैं।
पवित्र जल और सिंदूर: पूजन में पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल का मिश्रण), गंगाजल और सिंदूर का उपयोग करना अनिवार्य है।
भोजपत्र: धन और समृद्धि की कामना के लिए पूजन में भोजपत्र का उपयोग भी किया जाता है।
 
6. पूजन स्थल और आसन के नियम
स्थल की पवित्रता: मां लक्ष्मी के पूजन स्थल को गाय के गोबर से लीपा (या आधुनिक संदर्भ में शुद्धिकरण) जाना चाहिए, जो पवित्रता का सर्वोच्च प्रतीक है।
आसन की महत्ता: ऊन के आसन पर बैठकर लक्ष्मी पूजन करने से जातक को तत्काल फल की प्राप्ति होती है।
 
अतः महालक्ष्मी पूजन के दौरान इन सभी 12 सामग्रियों का उपयोग और नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए, ताकि देवी लक्ष्मी की कृपा से आपका घर धन-धान्य से भरा रहे।