सोमवार, 2 दिसंबर 2024
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मेडिटेशन से जीत लीजिए कोरोना के डर को, रोज 5 मिनट करें ध्यान

Meditation Yaga | मेडिटेशन से जीत लीजिए कोरोना के डर को, रोज 5 मिनट करें ध्यान
मेडिटेशन अर्थात ध्यान। ध्यान करना बहुत ही सरल है। मात्र 5 मिनट का ध्यान चमत्कारिक लाभ दे सकता है। आओ जानते हैं कि कोराना संकट के दौर और लॉकडाउन में ध्यान करना क्यों जरूरी है।
 
 
1. ध्यान का अर्थ : ध्यान के कई अर्थ है। ध्यान का मूल अर्थ है जागरूकता, अवेयरनेस, होश, साक्ष‍ी भाव और दृष्टा भाव।  विचारों पर नियंत्रण है ध्यान। लेकिन ध्यान का अर्थ स्मरण और एकाग्रता को भी माना जाता है। सही मायने में ध्यान से आप रिफ्रेश और रिचार्ज हो जाते हैं।

 
2. ध्यान क्यों : निरोगी रहने के लिए ध्यान करना जरूरी है। ध्यान से उच्च रक्तचाप नियंत्रित होता है। सिरदर्द दूर होता है। ध्यान से शरीर में स्थिरता बढ़ती है। यह स्थिरता शरीर को मजबूत करती है। ध्यान से मन और मस्तिष्क शांत रहता है। ध्यान आपके होश पर से भावना और विचारों के बादल को हटाकर शुद्ध रूप से आपको वर्तमान में खड़ा कर देता है।

 
डॉक्टर कहते हैं कि डर से आपकी प्रतिरोधक क्षमता पर असर पड़ता है। इसीलिए कहा गया है कि ध्यान से शरीर में प्रतिरक्षण क्षमता (इम्यून) का विकास होता है। ध्यान करने से तनाव नहीं रहता है। दिल में घबराहट, भय और कई तरह के विकार भी नहीं रहते हैं।
 
 
3. कैसे करें ध्यान? 
ध्यान करने के लिए सबसे पहले स्नान आदि से निवृत्त होकर कुश आसन पर सुखासन में आंखे बंद करके बैठ जाएं। बस आपको 5 मिनट तक के लिए आंखें बंद करके रखना है। इस दौरान शरीर को हिलाना डुलाना नहीं है।
 
 
इस दौरान आंखों के सामने के अंधेरे को देखते रहना और श्वासों के आवागमन को महसूस करते रहना है। इस दौरान आपके भीतर कई विचार आएंगे और जाएंगे। उन्हें होशपूर्वक देखें कि एक विचार आया और गया फिर ये दूसरा विचार आया। बस यही करना है। मानसिक हलचल को बस देखें। श्वास की गति अर्थात छोड़ने और लेने पर ही ध्यान देंगे तो मनसिक हलचल बंद हो जाएगी। आप पर देखें और समझें कि क्यों में व्यर्थ के विचार कर रहा हूं?
 
 
आप ये भी कर सकते हैं कि बार की आवाजों को ध्यान से सुनते रहें। ध्यान दें, गौर करें कि बाहर जो ढेर सारी आवाजें हैं उनमें एक आवाज ऐसी है जो सतत जारी रहती है- जैसे प्लेन की आवाज जैसी आवाज, फेन की आवाज जैसी आवाज या जैसे कोई कर रहा है ॐ का उच्‍चारण। अर्थात सन्नाटे की आवाज। इसी तरह शरीर के भीतर भी आवाज जारी है। ध्यान दें। सुनने और बंद आंखों के सामने छाए अंधेरे को देखने का प्रयास करें। बस प्रतिदिन पांच मिनट तक यही करना है। एक दिन स्वत: ही ध्यान घटित होगा।