क्या आप जानते हैं कि धनत्रयोदशी की शाम किया गया एक साधारण-सा उपाय आपके पूरे परिवार को सुरक्षा कवच दे सकता है? तो आइए जानते हैं इस त्योहार पर यम दीपम जलाने का अचूक उपाय कैसे करें और जीवन के सबसे बड़े डर को कैसे दूर करें...। धनतेरस का पर्व इस वर्ष 18 अक्टूबर 2025, शनिवार को मनाया जाएगा।
अकाल मृत्यु से सुरक्षा पाने के लिए धनतेरस की शाम को ये 5 अचूक उपाय अवश्य करें:
धनतेरस 2025 पर जानें अकाल मृत्यु से बचने के 5 अचूक उपाय:
1. यम दीपम जलाना Yam Deepam: यह धनतेरस का सबसे प्रमुख और अनिवार्य अनुष्ठान है, जिसे यम दीपदान भी कहा जाता है।
• समय: धनतेरस की शाम को, घर के सभी सदस्यों के घर लौटने और भोजन करने के बाद, सोने से ठीक पहले।
• दीपक: आटे का एक चौमुखी दीपक (चार मुख वाला) तैयार करें। इसमें सरसों का तेल भरें और चारों बत्तियां जला दें।
• स्थान और दिशा: घर का सबसे बुजुर्ग सदस्य इस दीपक को जलाकर घर के मुख्य द्वार के बाहर या आंगन में दक्षिण दिशा की ओर मुख करके रखता है।
• मान्यता: यह दीपदान यमराज को समर्पित होता है, जिससे वे प्रसन्न होते हैं और परिवार को अकाल मृत्यु के भय से सुरक्षा प्रदान करते हैं। यम दीपम का यह उपाय अकाल मृत्यु से बचने का सबसे प्रमुख और अचूक उपाय है, जिसे इस दिन अनिवार्य रूप से किया जाता है।
2. 13 दीपक जलाना: यम दीपदान के अलावा, धनतेरस की शाम को घर में 13 दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
• 13 दीपक: घर के अंदर और बाहर कुल तेरह दीपक जलाएं।
3. धन्वंतरि पूजन और प्रार्थना: धनतेरस के दिन आयुर्वेद और चिकित्सा के देवता भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था। उनकी पूजा उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु प्रदान करती है।
• पूजन: धनतेरस की शाम शुभ मुहूर्त में भगवान धन्वंतरि की पूजा करें।
• प्रार्थना: उनसे पूरे परिवार के लिए उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करें।
• मंत्र: रोग मुक्ति के लिए 'ॐ धन्वंतरये नमः' मंत्र का जाप करें।
4. तुलसी के पौधे के पास दीपदान: तुलसी को देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है और यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत है।
• उपाय: धनतेरस की शाम को तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक अवश्य जलाएं।
• लाभ: तुलसी के पास दीपदान करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और यह स्वास्थ्य संबंधी कष्टों को दूर करने में सहायक होता है।
5. धनतेरस की कथा सुनना: धार्मिक मान्यता है कि धनतेरस के दिन यमराज और राजा हेमा के पुत्र की कथा को सुनने से अकाल मृत्यु का भय टल जाता है।
• कथा पाठ: शाम के समय पूजा के बाद परिवार के सभी सदस्य एक साथ बैठकर इस यम कथा का पाठ या श्रवण करें।
• सुरक्षा कवच: माना जाता है कि जो व्यक्ति धनतेरस के दिन विधिपूर्वक दीपदान करता है और कथा सुनता है, उसे यमराज के प्रकोप और अकाल मृत्यु से सुरक्षा मिलती है।
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