योगी का इलाज, ‘कोरोना से भागे’ तो होगी सीधे ‘एफआईआर’
योगी जी फिर से चर्चा में हैं। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ। हाल ही में वे दंगाईयों के पोस्टर लगवाकर सुर्खियों में आए थे। अब कोरोना को लेकर खबरों में हैं। आइए जानते हैं क्यों।
कोरोना से बचने के लिए पूरी दुनिया उपाय और इलाज खोज रही है। ऐसे में योगी जी ने अपने अंदाज में इसे रोकने का इंतजाम किया है। योगी जी के इस इंतजाम को सोशल मीडिया पर जमकर सराहा जा रहा है।
लोग कह रहे हैं कि कुछ भी हो भाई योगी जी के पास हर समस्या का समाधान और हर बीमारी का इलाज है।
दरअसल, यूपी की योगी सरकार की ओर से स्पष्ट निर्देश हैं कि जो लोग कोरोना वायरस की रोकथाम में सरकार का सहयोग नहीं करेंगे उन्हें जेल भेज दिया जाएगा।
देश में कई जगह से खबरें आ रही हैं कि किसी अस्पताल से कोरोना का संदिग्ध मरीज भाग गया तो कहीं लोग इलाज में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार तमाम इंतजामों में जुटी हुई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना के लिए ‘आउटब्रेक रिस्पॉन्स कमिटी’ गठित की है।
इसके साथ ही किसी आदमी की बीमारी छिपाने, सूचना नहीं देने, अस्पताल में भर्ती न करवाने या जांच और भर्ती के लिए पहुंची टीम का सहयोग नहीं करने वालों के खिलाफ प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा।
तो हो जाएगी जेल
योगी सरकार के मुताबिक यदि कोरोना वायरस का कोई भी संदिग्ध रोगी, पारिवारिक सदस्य या संपर्क में आया अन्य व्यक्ति अगर जांच नहीं करवाता है और जांच करने के लिए पहुंची टीम का सहयोग नहीं करता है, तो इसे बाधा डालकर माहौल खराब करने का आरोपी मानते हुए आईपीसी की धारा 188 के तहत संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। इसके तहत छह माह तक की कैद, एक हजार रुपए जुर्माना या दोनों सजा हो सकती हैं।
योगी सरकार के इस फैसले की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ हो रही है। लोग उनकी सरहाना कर रहे हैं।