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Written By Author डॉ. रमेश रावत
Last Updated : बुधवार, 27 मई 2020 (15:52 IST)

Ground Report : नेपाल में बढ़ रहा है धीरे-धीरे Corona संक्रमण

Ground Report : नेपाल में बढ़ रहा है धीरे-धीरे Corona संक्रमण - Nepal Corona ground report
विश्व में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। अब तक 56 लाख से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं एवं करीब साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर नेपाल में भी लोग सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन तो कर रहे हैं, लेकिन फिर भी अब धीरे-धीरे संक्रमण बढ़ रहा है। अब तक 750 से ज्यादा वहां सक्रमित हो गए हैं।
 
नेपाल के दक्षिण में बिहार से लगी सीमा पर स्थित गजेंद्र मोक्ष नारायण धाम में दक्षिण भारत से पढ़कर आए पंडित पुरुषोत्तम दास ने बताया कि नेपाल सरकार ने कोविड-19 से निपटने के लिए आवश्यक आपूर्ति, उपकरण एवं दवा की खरीद, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं को को विकसित करने के लिए जागरूकता के अनेक उपाय किए हैं।
 
उन्होंने बताया कि इस महामारी से निपटने के लिए सरकार ने डॉक्टर्स को प्रशिक्षित किया है। इनमें देशव्यापी लॉकडाउन के साथ ही अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को भी रद्द किया गया है। स्कूल, कॉलेज एवं विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। अस्थायी एवं उच्च सुविधायुक्त अस्पताल स्थापित किए जा रहे हैं। नए साल 2020 से संबंधित सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। पर्यटन, निर्माण, रोजगार, शिक्षा सहित सभी क्षेत्रों पर इसका प्रभाव देखा जा रहा है।
 
पंडित पुरुषोत्तम दास ने बताया कि आरंभ में जब कोविड-19 के बारे में जानकारी सामने आई तो हमारे गांव को सरकार ने सील कर दिया था। शुरुआत में समस्या थोड़ी कम थी। अभी भी सुबह 9 बजे से 11 बजे तक जरूरी सामान खरीदने के लिए बाजार जा सकते हैं। ट्रकों में ही खाने पीने का सामान लाया जाता है। बाकी आवाजाही पूर्णत: बंद है।
 
क्या करते हैं प्रतिदिन : सुबह पांच बजे उठकर नित्यकर्म से निवृत होकर 6 से 8 बजे तक भगवत आराधना करते हैं। 11.30 बजे पुनः भगवत आराधाना एवं नैवेद्य के बाद सांय 4 बजे तक मंदिर बंद रहता है। इसके बाद पुनः 4 से 8 बजे तक आराधना एवं भोजन के बाद रात्रि साढ़े दस बजे तक स्वाध्याय करते हैं। 
 
उन्होंने बताया कि कोविड 19 से पहले भक्तों की संख्या बहुत अधिक थी। इस कारण से स्वाध्याय नहीं हो पाता था। अब भक्तों की संख्या कम होने से स्वाध्याय हो रहा है।
 
कैसा है पर्यावरण : यहां गर्मी बहुत कम है। जलवायु में बहुत सुधार हुआ है। सूरज के दर्शन दो से तीन दिन में हो रहे हैं। लॉकडाउन के चलते सड़कों पर वाहन नहीं के बराबर हैं, अत: तुलनात्मक रूप से वायु की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है। 
 
सब्जी उत्पादन एवं अन्न वितरण : पंडित पुरुषोत्तम दास ने बताया कि लॉकडाउन में सब्जियों की आवक कम होने से एवं आस-पास के गांवों में सब्जी की आपूर्ति करने के उद्देश्य से महात्मा देवनायक प्रपन्न रामानुज दास, कृष्ण प्रपन्नाचार्य, आचार्य अखंड ज्योति बाबा कमलनयनाचार्य महाराज ने अन्य सभी लोगों के साथ मिलकर सब्जियां उगाई हैं।
 
उन्होंने बताया कि इन सब्जियों का आवश्यकता पड़ने पर आसपास के गांवों में जरूरतमंद लोगों को वितरण किया जाता है। इससे पहले त्रिवेणी, नवल परासी, रूपौलिया, सत्पती, छिपनी, रानी नगर, केउलानी, वाल्मीकि नगर (जहां सीता माता ने पुनः वनवास बिताया था) आदि स्थानों पर सब्जी एवं अन्न का वितरण भी किया गया।