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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : मंगलवार, 4 मई 2021 (15:04 IST)

कोरोना के कहर को रोकने के लिए अब देशव्यापी सख्त लॉकडाउन ही विकल्प,वेबदुनिया से बोले एम्स निदेशक सरमन सिंह

भोपाल एम्स के निदेशक डॉक्टर सरमन सिंह से वेबदुनिया की खास बातचीत

कोरोना के कहर को रोकने के लिए अब देशव्यापी सख्त लॉकडाउन ही विकल्प,वेबदुनिया से बोले एम्स निदेशक सरमन सिंह - Lockdown is the only option to break the corona transition chain: Director AIIMS
भोपाल। देश में लगातार कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के बाद अब लॉकडाउन लगाए जाने की चर्चा तेज हो गई है। वर्तमान परिस्थितियों में लॉकडाउन ही क्या एक मात्र विकल्प है जिसके सहारे कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सकता है।

भोपाल एम्स के निदेशक डॉक्टर सरमन सिंह 'वेबदुनिया' से खास बातचीत में कहते है कि वर्तमान परिस्थितियों में लॉकडाउन ही एकमात्र विकल्प बचा है। लॉकडाउन को जरुरी बताते हुए डॉक्टर सरमन सिंह कहते हैं कि कम से कम 15 से 21 दिन का टोटल लॉकडाउन पूरे देश में लगना चाहिए। देश में अभी राज्यों में जो लॉकडाउन लग रहा है उससे बढ़कर अब 15 से 21 दिन तक का देशव्यापी सख्त लॉकडाउन लगाना जरुरी है और इसको हमको लगाना ही पड़ेगा। 
 
एम्स निदेशक डॉक्टर सरमन सिंह लॉकडाउन लगाए जाने का कारण बताते हुए कहते हैं कि लॉकडाउन से कोरोना संक्रमण के चेन ब्रेक करने के साथ हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करने का मौका मिल सकेगा। इसमें डॉक्टर,पैरामेडिकल स्टॉफ और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ा हुआ अन्य ह्यूमन रिसोर्स थोड़ा रिलेक्स हो सकेगा क्योंकि वह लंबे समय से ओवरलोड है उसको कम कर सकेंगे।

इसके साथ हमें ऑक्सीजन प्लांट,ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और दवाओं की उपलब्धता करने का मौक मिल सकेगा। वहीं दो से तीन सप्ताह के लॉकडाउन में हमको वैक्सीनेशन का मौका मिल सकेगा और ज्यादा  से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाकर कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ सकेंगे।
 
एम्स के निदेशक डॉक्टर सरमन सिंह कहते हैं कि लॉकडाउन का विरोध करने वाले अर्थव्यस्था की बात उठाते है लेकिन आज युवा कोरोना की चपेट में आ रहे है ऐसे में अर्थव्यवस्था से ज्यादा लोगों की जिंदगी बचाना है।
 
'वेबदुनिया' से बातचीत में डॉक्टर सरमन सिंह कहते हैं कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में लॉकडाउन,सोशल वैक्सीन यानि मास्क और कोरोना वैक्सीनेशन तीन महत्वपूर्ण उपाय है। कोरोना की दूसरी लहर मानवरचित है क्योंकि पहली लहर में हमने देखा था कि अधिक उम्र वाले और कोमार्बिट बीमारी वाले चपेट में आए थे लेकिन इस बार युवा इसकी चपेट में है इसका बड़ा कारण युवाओं के मन में यह धारा कि हमको कुछ नहीं होगा और जनवरी और फरवरी से अब तक युवा अधिक संक्रमित मिले।
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