नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण लागू राष्ट्रव्यापी Lockdown (बंद) 4.0 का अगला चरण सोमवार से शुरू होगा और इसमें लोगों को ज्यादा रियायत और लचीलापन देखने को मिलेगा।
अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि बंद के इस चौथे चरण (लॉकडाउन 4.0) में यात्री रेल सेवा और घरेलू यात्री उड़ानों को क्रमिक रूप से शुरू किए जाने के साथ ही राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को अपने यहां हॉटस्पॉट को परिभाषित करने का अधिकार दिया जाएगा।
देश में कहीं भी स्कूल, कॉलेज, मॉल और सिनेमा घरों को खोलने की इजाजत नहीं होगी लेकिन कोविड-19 निषिद्ध क्षेत्रों को छोड़कर सैलून, नाई की दुकानें और चश्मों की दुकानों को रेड जोन में खोलने की मंजूरी दी जा सकती है।
केंद्र सरकार में बंद में छूट को लेकर चल रही बातचीत की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कहा कि लॉकडाउन 4.0 में पहले के चरणों की अपेक्षा लोगों को ज्यादा छूट मिलेगी और इस दौरान ग्रीन जोन को पूरी तरह खोल दिया जाएगा, ऑरेंज जोन में बेहद कम बंदिश होगी जबकि रेड जोन के निषिद्ध क्षेत्रों में ही सख्त पाबंदियां होंगी।
अंतिम दिशानिर्देश हालांकि राज्य सरकारों से मिले परामर्श का अध्ययन करने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए जाएंगे। राज्य सरकारों और केंद्र शासित के प्रशासकों से शुक्रवार तक अपनी सिफारिशें देने को कहा गया है।
अधिकारियों के मुताबिक, पंजाब, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, असम और तेलंगाना चाहते हैं कि बंद जारी रखा जाए, इनमें से कुछ चाहते हैं कि कोविड-19 की स्थिति के मुताबिक जिलों को जोन (रेड, ऑरेंज और ग्रीन) के निर्धारण का अधिकार उन्हें दिया जाए।
अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकारों के अनुरोध को स्वीकार किया जा सकता है जिससे वे जमीनी स्थिति के आधार पर किसी खास जगह लोगों की आवाजाही और आर्थिक गतिविधियों पर पाबंदी या उन्हें शुरू करने की मंजूरी दे सकें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि लॉकडाउन-4 नए नियमों के साथ “बिल्कुल अलग स्वरूप” में होगा। अधिकारी ने कहा,कोई भी राज्य बंद को पूरी तरह खत्म नहीं करना चाहता लेकिन सभी क्रमिक रूप से आर्थिक गतिविधियों को बहाल करना चाहते हैं।
रेलवे और घरेलू उड़ानों के क्रमिक और आवश्यकता आधारित संचालन को अगले हफ्ते से मंजूरी मिलने की संभावना है लेकिन दोनों ही सेक्टरों के पूरी तरह खुलने की संभावना अभी तत्काल नहीं है। अधिकारी ने कहा कि बिहार, तमिलनाडु, कर्नाटक उन राज्यों में शामिल थे जो नहीं चाहते हैं कि ट्रेन और हवाई सेवाओं को पूरी तरह बहाल किया जाए, कम से कम मई के अंत तक तो नहीं।
रेलवे दिल्ली से 15 स्थानों के लिए पहले ही विशेष ट्रेनों का संचालन शुरू कर चुका है और इसके अलावा बंद की वजह से देश के अलग-अलग इलाकों में फंसे प्रवासी कामगारों को उनके गंतव्यों तक पहुंचाने के लिए सैकड़ों 'श्रमिक विशेष' ट्रेनों का भी संचालन किया जा रहा है।
वहीं एअर इंडिया भी ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत बंद की वजह से विदेश में फंसे हजारों भारतीयों की वापसी के लिए अभियान में जुटा है।स्थानीय ट्रेन, बस और मेट्रो सेवा का रेड जोन के गैर निषिद्ध क्षेत्रों में सीमित क्षमता में परिचालन शुरू हो सकता है।
रेड जोन में ऑटो और टैक्सियों को भी यात्रियों की सीमित संख्या के साथ संचालन की इजाजत मिल सकती है। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि इनमें से अधिकतर सेवाओं की जिले के गैर निषिद्ध क्षेत्रों में ही इजाजत होगी और राज्य सरकार इन्हें फिर से खोलने पर फैसला कर सकती हैं।
ऑरेंज और रेड जोन में बाजार को खोलने का अधिकार राज्य सरकारों को दिया जा सकता है जो गैर आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को खोलने के लिए ऑड-ईवन नीति अपना सकती हैं। रेड जोन में भी निषिद्ध क्षेत्र को छोड़कर गैर आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों को इजाजत दी जा सकती है।
ग्रीन और ऑरेंज जोन में पहले ही ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा गैर-जरूरी वस्तुओं की बिक्री की इजाजत है। वायरस के कारण बुरी तरह प्रभावित महाराष्ट्र मुंबई, उसके उपनगरीय इलाकों और पुणे में बंद के सख्त उपाय चाहता है और किसी तरह के अंतर राज्यीय या अंतर जिला परिवहन के खिलाफ है।
वहीं गुजरात प्रमुख शहरी केंद्रों में आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने के पक्ष में है। महाराष्ट्र के बाद देश में संक्रमण के मामलों के लिहाज से गुजरात दूसरे नंबर पर है। अधिकारी ने कहा कि दिल्ली, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और केरल समेत कुछ राज्य आर्थिक गतिविधियों को खोलने के पक्ष में हैं।
माना जा रहा है कि पर्यटन उद्योग को पटरी पर लाने के लिए केरल ने रेस्तरां और होटलों को फिर से खोलने का सुझाव दिया है। बिहार, झारखंड और ओडिशा में हाल में प्रवासी मजदूरों की वापसी के बाद कोविड-19 के मामलों में तेजी आई है और वे चाहते हैं कि बंद जारी रहे और लोगों की आवाजाही पर सख्ती हो।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को पहली बार 21 दिनों के लिए बंद की घोषणा की थी। इसे पहले तीन मई तक और फिर 17 मई तक बढ़ा दिया गया था।