• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. कोरोना वायरस
  4. India supplies paracetamol, hydroxychloroquine to 120 countries in 2 months
Written By
Last Modified: गुरुवार, 14 मई 2020 (21:05 IST)

भारत ने 2 महीने में 120 देशों को पैरासिटामोल, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति की

भारत ने 2 महीने में 120 देशों को पैरासिटामोल, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति की - India supplies paracetamol, hydroxychloroquine to 120 countries in 2 months
नई दिल्ली। भारत ने पिछले दो माह के दौरान करीब 120 देशों को पैरासिटामोल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा का निर्यात किया है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यह जानकारी देते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से दुनियाभर में इन दवाओं की मांग काफी बढ़ गई है।
 
गोयल ने कहा कि भारत ने इन दवाओं के निर्यात पर इस उद्देश्य से अंकुश लगाया था कि सिर्फ अमीर और ताकतवर देशों को ही नहीं, बल्कि अल्प विकसित देशों को भी ये दवाएं उपलब्ध हो सकें।
 
मंत्री ने कहा, पिछले दो माह के दौरान हम करीब 120 देशों की इन दवाओं की जरूरतों को पूरा कर सके हैं। 40 से ज्यादा देशों को ये दवाएं अनुदान या मुफ्त में दी गईं। यदि हम ऐसा नहीं करते, तो शायद कुछ अमीर और समृद्ध देश सारी दवाइयां खरीद लेते।
 
बेनेट विश्वविद्यालय के वेबिनार को एक रिकॉर्ड किए गए संदेश के जरिये संबोधित करते हुए गोयल ने कहा, इन दवाओं को दूसरे देशों को भेजते समय राष्ट्रीय हित का पूरा ध्यान रखा गया। 
 
उन्होंने कहा, हमने भारत में खराब से खराब स्थिति में दवाओं की जरूरत पर शोध किया और उसके ऊपर कुछ स्टॉक रखा। हमने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि दूसरे देशों को दवाओं की आपूर्ति करते समय देश में इनकी किसी तरह की कमी पैदा नहीं हो। गोयल ने उदाहरण देते हुए कहा कि किसी उड़ान में गड़बड़ी के दौरान दूसरों की मदद से पहले अपनी सीट बेल्ट बांधने की सलाह दी जाती है। 
 
उन्होंने कहा, भारत ने यह सुनिश्चित किया कि अपनी जरूरतों को पहले पूरा किया जाए। उसके बाद हमने दुनिया के 120 देशों के तीन-चार अरब लोगों की सीट बेल्ट बांधने में मदद की। पैरासिटामोल दर्द निवारक दवा है। वहीं हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन मलेरिया के इलाज में काम आती है।
 
गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्म-निर्भर भारत अभियान पर चीजें स्पष्ट करते हुए कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि भारत सिर्फ अंदर देखेगा। आत्म-निर्भर भारत का मतबल है कि दुनिया के साथ संपर्क रखा जाए, लेकिन उन पर पूरी तरह निर्भर नहीं रहा जाए। उन्होंने कहा कि इससे मतलब इस भरोसे से है कि देश प्रतिस्पर्धी दरों पर गुणवत्ता वाले उत्पादों का उत्पादन कर सकता है। (भाषा)
ये भी पढ़ें
खबर जरा हटके : मुर्गा चोरी के आरोप में 3 पुलिसकर्मी सस्पेंड