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Last Updated : रविवार, 25 अप्रैल 2021 (10:41 IST)

आगरा में ऑक्सीजन की किल्लत, पति को मुंह से सांस देती रही महिला, नहीं बची जान

आगरा में ऑक्सीजन की किल्लत, पति को मुंह से सांस देती रही महिला, नहीं बची जान - Agra Oxygen crises
आगरा। उत्तरप्रदेश में योगी सरकार भले ही यह दावा करें कि राज्य में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है लेकिन धरातल पर स्थिति विकट नजर आ रही है। आगरा की महिला अपने पति की जान बचाने के लिए अस्पताल दर अस्पताल भटकती रही। अपने पति को बचाने के लिए महिला ने उसे मुंह से भी सांस दी लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी। 

सांस लेने में तकलीफ से जूझ रहे अपने पति को लेकर तीन-चार अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद रेणू सिंघल एक ऑटो रिक्शा से एक सरकारी अस्पताल पहुंची और उन्होंने अपने पति को मुंह से भी सांस देने की कोशिश की लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
 
यह घटना शुक्रवार की है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि शहर के आवास विकास सेक्टर सात की रहने वाली रेणू सिंघल अपने पति रवि सिंघल (47) को सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज (SNMC) एंड हॉस्पिटल लेकर आई।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक उसके पति को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और उसे बचाने की जुगत में रेणू ने उसे अपने मुंह से भी सांस देने की कोशिश की। रेणू को एंबुलेंस भी उपलब्ध नहीं हो पाई। एसएनएमसी के डॉक्टरों ने रवि को मृत घोषित कर दिया।
 
इससे पहले तीन-चार निजी अस्पतालों ने रेणू के पति को भर्ती करने से इनकार कर दिया। अस्पतालों में भर्ती करने से इनकार करने की घटनाएं शहर में आम हो गई है। कई लोगों ने शिकायत की है कि उन्हें एक बिस्तर की तलाश में एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर काटते हुए घंटों तक इंतजार करने के लिए मजबूर किया गया।
 
वेंटिलेटर उपलब्ध न होने के कारण मौत : गढ़ी भदौरिया की 52 वर्षीय मरीज मीरा देवी की एक निजी अस्पताल में वेंटिलेटर उपलब्ध न होने के कारण मौत हो गई। वह कोरोना वायरस से संक्रमित थीं और उनका आगरा के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था।
 
उनके बेटे महेंद्र पाल सिंह ने कहा, ‘तीन से पांच निजी अस्पतालों ने मेरी मां को भर्ती करने से इनकार कर दिया और उन्हें सरकारी अस्पतालों में भी भर्ती नहीं किया गया। किसी तरह उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां वेंटिलेटर न होने के कारण उनकी मौत हो गई।‘
 
आगरा में शनिवार को कोरोना वायरस के 530 नए मामले आए जिससे संक्रमण के मामले बढ़कर 16,726 पर पहुंच गए। आगरा में कोविड-19 मरीजों के लिए 34 अस्पताल हैं और सरकारी एसएनएमसी में कोविड वार्ड में करीब 290 बिस्तर हैं।

जिले में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी : आगरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसी पांडे ने कहा कि जिले में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी है। उन्होंने कहा कि हम उपलब्धता के अनुसार व्यवस्था कर रहे हैं। बहरहाल उन्होंने दावा किया कि आगरा के अस्पतालों में गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए बिस्तर उपलब्ध हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि प्रदेश के किसी भी निजी या सरकारी कोविड अस्पताल में मेडिकल ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि समस्या कालाबाजारी और जमाखोरी की है, जिससे सख्ती से निपटा जाएगा। (इनपुट भाषा) 
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