ईसाई समाज का बुधवार से 41 दिवसीय उपवास (राख बुधवार) प्रारंभ हो गया, जो कि गुड फ्राइडे तक चलेगा। चर्च के फादर ने बताया कि बुधवार से प्रारंभ हुए इस उपवास एवं प्रार्थना का शुभारंभ क्रिश्चयन लोग अपने माथे पर खजूर की डालिया जलाकर उसकी राख से माथे पर क्रुस का चिह्न बनाकर करते हैं।
इस दिन से समाज के लोग प्रार्थना द्वारा प्रभु यीशु के दुखभोग एवं पुनरुर्त्थान को याद करते हैं। इस दौरान जो भी धनराशि एकत्रित की जाती है उसे चर्च द्वारा गरीबों को दान दिया जाता है।
उन्होंने बताया ईसा मसीहा स्वयं की परीक्षा लेने जंगल में गए थे। इस दौरान वे 40 दिन और 40 रात वे भूखे-प्यासे रहे। उन्हें डराकर शैतान ने उनकी प्रतिज्ञा तोड़ने की कोशिश भी की थी, लेकिन वे नहीं डरे। उन्हीं के स्मरण में क्रिश्चयन समाज द्वारा यह 40 दिनों का राख उपवास किया जाता है।