जोगी पर भारी रमन
बदलाव के आसार नहीं
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में रमनसिंह की अगुवाई में चल रही भाजपा की सरकार के अगले पाँच साल के लिए फिर से चुने जाने की प्रबल संभावना है। विधानसभा की 90 सीटों के लिए यहाँ दो चरणों में होने वाले मतदान से पहले स्टार न्यूज और नेल्सन के सर्वेक्षण के मुताबिक छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी को इस बार पिछली दफा से ज्यादा वोट और सीटें मिल सकती हैं जबकि कांग्रेस को दोनों ही मोर्चों पर खासा नुकसान उठाना पड़ सकता है।कांग्रेस को नुकसान का अंदेशा : सर्वेक्षण के मुताबिक भाजपा को 55 सीटें मिल सकती हैं। मौजूदा रूझान बने रहने और 1.5 फीसदी वोट और मिलने पर सीटों की यह संख्या 62 तक भी जा सकती है। वहीं कांग्रेस को 1.7 फीसदी वोट के नुकसान के साथ 33 सीटें मिलने का अनुमान है। अगर मतदाताओं का मिजाज नहीं बदला तो कांग्रेस का खाता 26 सीटों पर भी बंद हो सकता है। भाजपा को पिछले चुनाव से 1.7 फीसदी ज्यादा वोट मिल सकते हैं जबकि कांग्रेस को इतने का ही नुकसान होने का अनुमान है। राज्य में 24 फीसदी वोट के साथ दूसरे दल या उम्मीदवार मात्र 2 सीटें झटक पाएँगे।सबको भाया रमन का राजकाज : मुख्यमंत्री रमनसिंह की लोकप्रियता, उनकी छवि और उनकी सरकार के प्रदर्शन से लोग बेहद संतुष्ट दिख रहे हैं और इसका फायदा उन्हें मिल सकता है। रमनसिंह की सरकार को 75 फीसदी वोटर अच्छा या बहुत अच्छा मानते हैं जबकि इसे खराब या बहुत खराब बताने वाले मात्र 6 फीसदी निकले। सरकार के प्रदर्शन को औसत मानने वालों की तादाद भी 17 फीसदी है जो भाजपा के लिए राहत भरी खबर है।भाजपा-कांग्रेस बराबरी पर : मुख्यमंत्री के रूप में रमनसिंह के प्रदर्शन को 80 फीसदी वोटर अच्छा या बहुत अच्छा मानते हैं जबकि औसत मानने वाले भी 15 फीसदी हैं। रमनसिंह को खराब या बेकार मानने वाले महज 4 फीसदी वोटर रहे। 56 फीसदी वोटर रमनसिंह को मुख्यमंत्री पद के लिए बेहतर उम्मीदवार मानते हैं जबकि कांग्रेस के अजीत जोगी को पसंद करने वालों की संख्या मात्र 26 फीसदी मिली। 62 फीसदी वोटर रमनसिंह और 38 फीसदी अजीत जोगी की छवि को अच्छा मानते हैं जबकि 54 फीसदी वोटर भाजपा और 35 फीसदी कांग्रेस की छवि को ठीक मानते हैं। खास बात ये है कि 28-28 फीसदी वोटर कांग्रेस और भाजपा दोनों को ही सांप्रदायिक मानते हैं।प्रभावशाली मुद्दे : छत्तीसगढ़ के वोटरों के मुताबिक राज्य में सबसे अहम पाँच मुद्दे प्रभावित कर सकते हैं-1.गाँवों का विकास, 2. गरीबों के साथ न्याय, 3. महँगाई, 4. रोजगार, 5. गरीबी में कमी।पिछले पाँच साल का लेखा-जोखा : 73 फीसदी वोटर मानते हैं कि पिछले 5 साल में हाल बेहतर हुए हैं। बदतर मानने वालों की संख्या 4 फीसदी है। 21 फीसदी मानते हैं कि हालात में कोई बदलाव नहीं आया है। कांग्रेस के लिए मुश्किल : कांग्रेस को अच्छा या बहुत अच्छा मानने वालों की संख्या 34 फीसदी है। औसत मानने वाले 40 फीसदी हैं। कांग्रेस के विपक्षी तेवर को बेकार मानने वालों की संख्या भी 12 फीसदी है। अटल बिहारी, सब पर भारी : देश के अगले प्रधानमंत्री के रूप में भाजपा के नेता अटलबिहारी वाजपेयी अब भी छत्तीसगढ़ के वोटरों की पहली पसंद बने हुए हैं। 29 फीसदी वोटरों ने वाजपेयी को इस पद के लिए बेहतर उम्मीदवार माना। 18 फीसदी वोटरों की पसंद के साथ यूपीए अध्यक्ष सोनिया गाँधी दूसरे पायदान पर हैं जबकि 13 फीसदी वोट के साथ प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह तीसरे नंबर पर रहे। भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को बेहतर उम्मीदवार मानने वालों की संख्या 10 फीसदी रही जबकि राहुल गाँधी को 7 फीसदी लोग इस पद के लिए बेहतर दावेदार मानते हैं। ऐसे पता लगाया सर्वेक्षण 27 अक्टूबर से 4 नवंबर के बीचकितनी सीटों पर- छत्तीसगढ़ की 39 सीटों पर कितनों से की बात- 7871 मतदाताओं से चर्चाकितने पुरुषों से- 4071 कितनी महिलाओं से- 3800, ग्रामीण वोटर- 6145, शहरी वोटर-1726। 7871
मतदाताओं में 18 वर्ष उम्र से लेकर 46 वर्ष से ऊपर तक के मतदाताओं के चार समूह बनाए गए थे और हरेक समूह में करीब दो हजार वोटरों को रखा गया था।18
से 25 वर्ष के- 1760।26
वर्ष से 35 वर्ष के- 218436
वर्ष से 45 वर्ष के- 195746
वर्ष से ऊपर उम्र के- 1970