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Written By Author पं. अशोक पँवार 'मयंक'

प्रेम चोपडा़ : मंगल ने बनाया खलनायक

प्रेम चोपड़ा
IFM

'प्रेम नाम है मेरा प्रेम चोपडा़, मै वो बला हूं जो शिशे से पत्थर तोड़ता हूं' इस डॉयलाग को बोलने वाले प्रेम चोपडा़ का जन्म 23 सितंबर 1935 को पाक स्थित लाहौर में वृश्चिक लग्न में हुआ। वृश्चिक लग्न वाले जातक हष्टपुष्ट व उत्तम कद काठी के होते हैं।

चंद्र अपनी ही राशि कर्क में होने से प्रेम चोपडा़ का चेहरा अंडाकार है। साथ ही आप भावुक प्रवृत्ति के भी हैं। कहा जाता है कि प्रेम चोपडा़ फिल्म इंडस्ट्री में सबसे सीधे इंसान हैं। प्रेम को अच्छे कपड़े पहनने का शौक है। कर्क राशि भाग्य में होने से सदैव भाग्यशाली रहे।

लग्न में जलतत्व की राशि वृश्चिक में मंगल के होने से आप चरित्र भूमिकाओं को निभाने में भी सफल रहे। पत्रिका के अनुसार पंचम मनोरंजन भाव का स्वामी गुरु द्वितीय भाव का स्वामी होकर बारहवें भाव में होने से आपको घर बाहर रहकर सफलता मिली। कहां पाकिस्तान और कहां मुम्बई। इसे ग्रहों की माया ही कहीं जा सकती है कि कहां जन्म हुआ व उसका रोजगार कहां रहा।

ND
पत्रिका में दशमेश एकादश में है वहीं कला का कारक शुक्र नीचाभिलाषी होकर सप्तमेश व द्वादशेश दशम भाव में है। एकादश भाव का स्वामी बुध शुक्र की राशि तुला में है। आय भाव का एक-दूसरे से संबंध होकर पंचम (मनोरंजन भाव) पर सूर्य का दृष्टि डालना मनोरंजन से आय का कारण बना।

जिस जातक की पत्रिका में भाग्य का स्वामी भाग्य स्थान में हो तथा लग्न का स्वामी लग्न में हो तो वह जातक भाग्यशाली होकर यशस्वी बनता है।

चंद्र से गुरु केन्द्र में होने से गजकेसरी योग भी बनता है, यह एक प्रकार से प्रबल राजयोग भी है। आपकी पत्रिका में जनता भाव में स्वराशि का शनि होने से पंचमहापुरुष योग में से शश नाम का राजयोग भी बनता है। जो जनता के बीच प्रसिद्धि का कारण बनता है।