मंगल ने बनाया साइना नेहवाल को सफल
भारत की ओलिंपिक स्टार साइना नेहवाल के सितारे
सुप्रसिद्ध बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल का जन्म हिसार (हरियाणा) में वृश्चिक लग्न में हुआ। भारत की बेटियों में गजब की शक्ति है, साइना नेहवाल ने भारत की शान बनकर ये साबित कर दिखाया। खेल के लिए साहस-ऊर्जा के कारक मंगल को पत्रिका में जन्म के समय उच्च या स्वराशि मेष व वृश्चिक के साथ मित्र राशियों में होना चाहिए। साइना की कुंडली के अनुसार उनके जन्म के समय मंगल उच्च का होकर राशि लग्न से तृतीय (पराक्रम) भाव में मित्र के शुक्र व राहु के साथ है और यही एक कारण है कि अक्सर हाथों में श्रेष्ठ सफलता आते-आते खिसक जाती है।
पत्रिका के अनुसार स्वविवेक का स्वामी गुरु मिथुन राशि में होकर अष्टम में है। वहीं बुध नीच का है। गुरु का बुध की राशि मिथुन में होने से नीच भंग भी होता है। इसी वजह से अति उत्साह में उच्चतम शिखर पर पहुंच कर भी नहीं पहुंच पाती। गोचर में वृषभ का गुरु चल रहा है, जो आपकी राशि व लग्नानुसार सप्तम भाव से भ्रमण कर लग्न में चंद्र पर दृष्टि डाल कर गजकेसरी नामक राजयोग बना रहा है। अत: साइना खेलते समय ध्यान को केन्द्रित कर लक्ष्य पर टिके रहकर अपने दमखम पर सामने वाले को परास्त कर सकती हैं। सावधानी और संयम आपको उम्मीद पर खरा उतार सकते हैं।