लर्ननेक्स्ट यानी तकनीक के साथ शिक्षा
घर में बैठे पढ़ाई हो और खुद का आकलन भी हो जाए, तो इससे बेहतर क्या होगा। यही कारण है कि ई-शिक्षण कार्यक्रम को अपनाने की लोकप्रियता छात्रों में बहुत तेजी के साथ बढ़ रही है। पढ़ाई करने के तौर-तरीकों में भी नित नए दिन बदलाव आने लगे हैं। इन बदलावों में इंटरनेट सबसे उपयोगी है। इंटरनेट के माध्यम से आप न केवल ऑनलाइन पढ़ाई कर सकते हैं बल्कि खुद का आकलन भी कर सकते हैं। इंटरनेट पर पढ़ाई करना अब बच्चों को खूब रास आ रहा है। आएगा भी क्यों नहीं आखिर समय की बचत के साथ-साथ मनोरंजक भी है।आज शैक्षिक क्षेत्र में तकनीकी और शिक्षा का मिश्रण, नया मंत्र बन गया है। सीबीएसई द्वारा किए गए ताजा सुधारों और कैट द्वारा अपने परीक्षा स्वरूप को ऑनलाइन करने के परिप्रेक्ष्य में, कहा जा सकता है कि भारतीय शिक्षा के क्षेत्र में तकनीकी अपना अहम स्थान बनाती जा रही है और यह दौर लंबा चलेगा।इसके परिणामस्वरूप, सीबीएसई पाठ्यक्रम को अपनाने वाले स्कूलों ने पहले से ही अनेक उपायों को अपनाना शुरू कर दिया है ताकि वे नए परिवर्तनों से अपना तालमेल बनाए रख सकें। अभिभावक भी एक बड़ी सीमा तक ऐसी पद्धतियों को स्वीकृत करने की जरूरत महसूस करने लगे हैं जिससे वे अपने बच्चे के सीखने की गति में मददगार हो सकें। इस प्रकार वे अपने बच्चों को शुरुआती दौर में ही तकनीकी के प्रति अधिक परिचित और ज्ञानपूर्ण बना रहे हैं। इस आवश्यकता की पूर्ति के लिये, सीबीएसई शिक्षा प्रणाली में अनेकों ई-शिक्षण कार्यक्रमों की संभावना जागी है।हेलिक्स टेक्नोलॉजिकल सॉल्युशंस द्वारा लॉन्च लर्ननेक्स्ट, ऐसा ही एक ई-शिक्षण कार्यक्रम है जो सीबीएसई छात्रों की दैनिक अकादमिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने पर विशेष रूप से केन्द्रित है।यह कम्प्यूटर आधारित शिक्षण सहायक कार्यक्रम है जो कक्षा 6 से लेकर 10 तक के सीबीएसई छात्रों के लिए विज्ञान और गणित पर आधारित उपयोगी विस्तृत ऑडियो-विजुअल सामग्री उपलब्ध कराता है। लर्ननेक्स्ट 100 फीसदी एनसीईआरटी पाठ्यक्रम और दिशानिर्देशों के अनुरूप है और विषयों के प्रति छात्रों की समझ को गहन बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। कुछ प्रतिष्ठित शिक्षा विशेषज्ञों का मत है कि भारत में शिक्षा के क्षेत्र में दीर्घकालिक उद्भव हो रहे हैं। ई-शिक्षण ऐसी ही एक पद्धति है जो इस उद्भव में व्यापक योगदान करती है क्योंकि यह सीखने वाले के लिए ज्ञान और सूचनाओं की आपूर्ति की गति तीव्र करता है।
ई-शिक्षण की खासियत है कि इसकी गति आप स्वयं नियंत्रित कर सकते हैं। सीखने वाले, अपनी सुविधा के अनुसार गति को कम या ज्यादा कर सकते हैं। जैसे कि आप यदि पढ़ाई में थोड़ा कमजोर है और आप चाहते हैं कि फलां प्रश्न आप आराम से समझें, तो यह अपनी गति उसी के अनुरूप कर लेगा । वहीं यदि आप पढ़ाई में तेज हैं तो फिर कोई परेशानी ही नहीं ।आप इसकी गति अपने अनुरूप तेज कर सकते हैं। लर्ननेक्स्ट आपको अवधारणों के बारे में समझ को गहरा बनाता है और विषय को स्मृति में अधिक स्थायी बनाने में मदद करता है। यह ऑडियो विजुअल के जरिये गणित, विज्ञान और सामाजिक अध्ययन जैसे जटिल विषयों के प्रति छात्रों की समझ को पूरी तरह से रूपांतरित कर देता है। लर्ननेक्स्ट के द्वारा छात्र अपने प्रदर्शन स्तर की जांच भी कर सकते हैं और स्व-मूल्यांकन और प्रगति की वैयक्तिक आवश्यकता की पूर्ति कर मनचाहे रूप से कर सकते हैं।कुछ प्रतिष्ठित शिक्षा विशेषज्ञों का मत है कि भारत में शिक्षा के क्षेत्र में दीर्घकालिक उद्भव हो रहे हैं। ई-शिक्षण ऐसी ही एक पद्धति है जो इस उद्भव में व्यापक योगदान करती है क्योंकि यह सीखने वाले के लिए ज्ञान और सूचनाओं की आपूर्ति की गति तीव्र करता है और ज्ञानात्मक श्रेष्ठता के नए आयाम खोलता है। जो आपके लिए उपयोगी हैं। सामान्य शिक्षण प्रक्रिया से यह अवधारणा कहीं बेहतर है। इसके अंतर्गत आप अपने टाइमटेबल को मनचाहे ढंग से निर्धारित कर सकते हैं, साथ ही अपना मूल्यांकन भी कर सकते हैं। इसका परफॉर्मेंस ट्रैकर, आपको आपके प्रदर्शन का आंकलन करने में मदद करता है जो पाठ की कवरेज, उदाहरणों और प्रयोगों पर आधारित होता है और उनके कमजोर पहलुओं का विश्लेषण करने में भी उनकी सहायता करता है। साथ ही यह आपको गलत प्रश्नों के सही उत्तर और उसके करने के सही तरीके भी बताता है । इसके साथ किसी भी सवाल को पूरा करने की समय सीमा भी आपको पता चल जाती है। जिससे आप जान सकते हैं कि आपको किसी भी सवाल को हल करने में कितना समय लग रहा है।