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Written By मनीष शर्मा

लेते रहो चुनौती तो दूर रहेगी पनौती

गुरुमंत्र मनीष शर्मा
ताजा मछलियाँ खाने के शौकीन जापानियों की बढ़ती माँग की पूर्ति करना फिशिंग कंपनियों के लिए चुनौती बना हुआ था, क्योंकि आसपास के समुद्र में मछलियाँ खत्म हो गई थीं और दूरदराज के समुद्र से पकड़ी गई मछलियाँ तट तक आते-आते बासी हो जाती थीं। इस समस्या के निदान के लिए कंपनियों ने जहाजों में फ्रीजर लगवा लिए, लेकिन इनमें रखी मछलियों का स्वाद ताजा मछलियों जैसा नहीं रहता था। इसलिए उनके अच्छे दाम नहीं मिलते थे।

इसके बाद मछलियों को जिंदा हालत में पकड़कर लाने के लिए जहाजों में पानी के बड़े-बड़े टैंक लगवाए गए। लेकिन इससे भी समस्या हल नहीं हुई, क्योंकि टैंक में मछलियाँ डर के कारण निष्क्रिय हो जातीं और वे जिंदा रहकर भी मृतप्राय नजर आतीं। इससे उनके स्वाद में भी अंतर आ जाता था। इस तरह व्यापारियों के तमाम उपाय एक के बाद एक बेकार हो रहे थे।

तब एक कंपनी के अधिकारी को इस समस्या से निपटने का अनोखा तरीका सूझा। उसके तरीके से सारी परेशानियाँ ही दूर हो गईं। इससे दूर समुद्र से लाई जाने वाली मछलियों का स्वाद और कंपनियों का मुनाफा, दोनों ही बढ़ गए।
हर टैंक में एक छोटी शार्क मछली छोड़ देना। यह शार्क कुछ मछलियों को चट जरूर कर जाती थी, लेकिन अधिकतर मछलियाँ अपनी जान बचाने की जद्दोजहद में एक्टिव या सक्रिय बनी रहतीं। था न कमाल का तरीका।


दोस्तो, आप सोच रहे होंगे यह सब तो ठीक है, लेकिन वह तरीका कौनसा था। वह था हर टैंक में एक छोटी शार्क मछली छोड़ देना। यह शार्क कुछ मछलियों को चट जरूर कर जाती थी, लेकिन अधिकतर मछलियाँ अपनी जान बचाने की जद्दोजहद में एक्टिव या सक्रिय बनी रहतीं। था न कमाल का तरीका।

वैसे यही तरकीब उन लोगों के साथ भी अपनाई जा सकती है जो अपनी एकरस जिंदगी से ऊब चुके हैं। जिनके चेहरे पर हमेशा मुर्दानगी छाई रहती है। ऐसे लोगों के लिए भी एक शार्क की जरूरत होती है जो उन्हें एक्टिव कर सके। अब सवाल यह है कि इस शार्क को कैसे और किस रूप में लाया जाए। तो यह शार्क हो सकती है नई-नई चुनौतियाँ।
ये चुनौतियाँ निश्चित ही ऐसे लोगों के जीवन को उल्लास से भर देंगी। इसलिए यदि आपको लगता है कि आपके ऑफिस में भी कुछ निष्क्रिय हैं या खाली बैठे हैं तो उन्हें चुनौतीपूर्ण काम दे दें। ऐसा करने से उनकी निष्क्रियता सक्रियता में बदल जाती है। साथ ही इससे नई स्फूर्ति और नए उत्साह का संचार होता है। और यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो निष्क्रियता छूत की बीमारी की तरह दूसरों तक फैल जाएगी।

और जब लोग दिए गए चैलेंज को पूरा करते हैं तो उनकी और आपकी, दोनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहता, क्योंकि आपका काम हर तरह से जो बन जाता है। वैसे भी वही कंपनी शिखर पर पहुँचती और बनी रहती है, जिसके अंदर नई-नई चुनौतियाँ लेने और उनका सामना करने की ललक होती है।

इसके साथ ही यदि आप हमेशा एक विजेता की तरह जीना चाहते हैं, तो कभी भी एक कामयाबी के बाद रुकें नहीं, थमें नहीं। नए-नए चैलेंज, नई-नई रिस्क लेते रहें। इससे कुछ कर दिखाने का जुनून आप में लगातार हिलोरे मारता रहेगा। वर्ना चुनौतीहीन जीवन जीना तो एक पनौती यानी दुर्भाग्य है। इसलिए जब हर चुनौती को स्वीकारेंगे तो पनौती आपसे दूर रहेगी और आपकी हर मनौती पूरी होगी।

दूसरी ओर, शार्क को एक खतरनाक बॉस के रूप में भी देखा जा सकता है। इस तरह के बॉस से आपको चौतरफा फायदे होते हैं। एक तो आप उसके कोप से बचने के लिए दौड़धूप करते हैं यानी वह आपको सक्रिय बनाए रखता है। इसके साथ ही आप अपनी क्षमताओं का अधिकतम दोहन करना सीख जाते हैं। आप ऐसा कुछ कर गुजरते हैं जो आपसे कोई और नहीं करवा सकता और जिसे करने के बाद आपको भी आश्चर्य होता है।

ऐसे बॉस के कारण आपके धैर्य की परीक्षा होती है, आपका आत्मविश्वास बढ़ता है। आप नई-नई चुनौतियों का मुकाबला करना सीख जाते हैं। इसलिए कभी भी ऐसे बॉस से घबराएँ नहीं। उसे ही एक चुनौती के रूप में लें। और जब आप ऐसे बॉस के टैंक में रहकर अपने आपको बचा ले जाएँगे तो आपके भी स्वाद और दाम दोनों बढ़ जाएँगे यानी आप इतने काबिल हो जाएँगे कि हर कोई आपके अच्छे दाम लगाएगा, क्योंकि आप उसका मुनाफा जो बढ़ाएँगे। अरे भाई, ये शार्क कहाँ मिलती है।