रविवार, 27 अप्रैल 2025
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. »
  3. धर्म-दर्शन
  4. »
  5. बौद्ध धर्म
Written By WD

दिल्ली के लोटस मंदिर में 'विश्व करूणा दिवस' मना

बुद्ध पूर्णिमा पर अनूठा आयोजन

बुद्ध पूर्णिमा
माधवीश्री

पिछले दिनों बुद्ध पूर्णिमा उत्सव को पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया गया। दिल्ली के बहाई लोटस मंदिर में आयोजित एक कार्यक्रम में विभिन्न धर्मों के लोगों ने भी इस उत्सव को एक साथ मिलकर हर्षोल्लास के साथ मनाया।

FILE


आध्यात्मिक सभा- बहाई, महाबोधि सोसइटी और हैबयार्ट फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में यह आयोजन 'विश्व करूणा दिवस' के रूप में पहली बार मनाया गया। इसमें हर धर्म, वर्ग और उम्र के लोगों ने बुद्ध की करूणा को समझने की कोशिश की।

करूणा ही बुद्ध की प्रमुख शिक्षा है। अन्य सभी धर्म भी इसी पर जोर देते हैं। महान विचारक दलाई लामा ने भी कहा है कि- करूणा के व्यक्तिगत अनुभव की चमक बाहर की ओर अपने आप आ जाती है। यही चमक बाद में अन्य लोगों के साथ बेहतर तालमेल पैदा करती है।

इस अवसर पर बहाई फाउंडेशन के प्रमुख डॉ. एके मर्चेंट ने कहा कि- इस युग में जब लोग एक-दूसरे के विरूद्ध खड़े हैं तब करूणा की बहुत आवश्यकता है। करूणा एक मरहम की तरह काम करता है। इस वक्त की मांग है मित्रता, समरसता और परस्पर मधुरता। विश्व करूणा दिवस का आयोजन इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

महाबोधि सोसाइटी की उपाध्यक्ष रेखा मोदी के अनुसार, ' पहले के मुकाबले आज बुद्ध अधिक प्रासंगिक है। उनकी जरूरत आज ज्यादा है। आज जब सारी दुनिया बुद्ध को अपना रही है तब हमें तो बिलकुल भी पीछे नहीं रहना चाहिए क्योंकि भारत तो बुद्ध की जन्मस्थली है। श्रीमती मोदी ने अपनी ताजा चीन यात्रा के अनुभव भी साझा किए।

दिल्ली के बिड़ला मंदिर प्रमुख पुजारी श्री नागर जी, दिल्ली विश्वविद्यालय में बौद्ध धर्म शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष तथा त्रिपुरा की महारानी ने भी पने विचार व्यक्त किए।

अंत में सीमा कोहली द्वारा निर्देशित फिल्म 'आनंद की प्रतीक्षा में' का प्रदर्शन भी किया गया। यह फिल्म महिला बौद्ध भिक्षुणियों के अवदान पर निर्मित है। सभी उपस्थितजनों ने बुद्ध को पूर्णिमा के चांद के समक्ष मोमबत्तियां अर्पित की।