पति-पत्नी के रिश्ते में हास्य की बहुत गुंजाइश रहती है शायद इसीलिए सबसे ज्यादा जोक्स पति-पत्नी की नोकझोक पर आधारित रहते हैं। कई गंभीर और हास्य फिल्में भी इसी रिश्ते पर बन चुकी हैं।
नो एंट्री के बाद अनीस बज्मी ने एक बार फिर इस विषय पर कॉमेडी फिल्म ‘थैंक यू’ बनाई है जो नो एंट्री का ही विस्तार लगती है। इसमें भी लंपट पति हैं जो अपनी खूबसूरत पत्नी होने के बावजूद बाहर मुँह मारने से बाज नहीं आते हैं।
वे मर्द हैं। दो-चार अफेयर तो उनकी पत्नी माफ कर ही सकती हैं, ऐसा उनका मानना है। बीवियाँ बेहद सीधी-सादी हैं। पति का अफेयर चल रहा है, ये पता चलने के बावजूद वे करवा चौथ का व्रत करती हैं।
तीन दोस्तों में से एक की बीवी को अपने पति पर शक होता है और पति को रंगे हाथ पकड़ने का जिम्मा एक जासूस को देती है। जब पतियों के कारनामे पत्नियों तक पहुँचने लगते हैं तो वे (पति) उस आदमी को पकड़ने का जिम्मा उसी जासूस को देते हैं जो उनकी पत्नियों के लिए काम कर रहा है।
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यही बात फिल्म को मजेदार बनाती हैं और हास्य की बहुत सारी गुंजाइश पैदा होती हैं। लेकिन इसका पूरी तरह दोहन अनीस बज्मी और उनके लेखक नहीं कर पाए। नि:संदेह स्क्रीनप्ले में कई हास्य और मनोरंजक सीन हैं, लेकिन इसमें पूरी तरह सफाई नहीं है। फिल्म देखते समय दर्शक हँसता जरूर है, लेकिन लॉजिक के बारे में सोचने पर उसे थोड़ी निराशा हाथ लगती है। लेखन में फिनिशिंग टच की आवश्यकता महसूस होती है।
अनीस द्वारा निर्देशित फिल्में तेज गति से भागती हैं। ‘थैंक यू’ का पहला हाफ बेहद मनोरंजक और उम्दा है, लेकिन दूसरे हाफ में फिल्म में नीरस क्षणों का प्रतिशत ज्यादा है। खासतौर पर फिल्म का क्लाइमैक्स कमजोर है और जल्दबाजी में निपटाया गया है।
मुकेश तिवारी और अक्षय-विद्या वाले ट्रेक कमजोर और ठूँसे हुए लगते हैं। अनीस ने फिल्म की कन्टीन्यूटी पर भी ध्यान नहीं दिया है और कलाकारों की ड्रेसेस बदली हुई नजर आती हैं।
थैंक यू तो फिल्म के कलाकारों को कहा जाना चाहिए जिन्होंने स्क्रिप्ट की कमियों को अपने बेहतरीन अभिनय से ढँक लिया और मनोरंजन के स्तर को बनाए रखा। अक्षय कुमार का अभिनय उम्दा है और वे लाउड नहीं हुए हैं। हालाँकि उनके प्रशंसक उनका रोल देख निराशा महसूस कर सकते हैं क्योंकि उन्हें और अन्य कलाकारों को बराबरी के फुटेज मिले हैं।
यह देखना दिलचस्प था कि अनीस की मसालेदार फिल्म में इरफान खान कैसा काम करते हैं और कहना होगा कि इरफान एक बार फिर सब पर भारी पड़े हैं। उनके और रिमी सेन के दृश्य मजेदार हैं।
बहुत दिनों बाद सुनील शेट्टी ने याद रखने लायक अभिनय किया है। बॉबी देओल ठीक हैं। हीरोइनों में रिमी सेन का अभिनय अच्छा है, लेकिन काम कम होने से उनके शरीर पर चर्बी जमा हो गई है।
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सोनम कपूर का मेकअप खराब था और अभिनय औसत। सेलिना जेटली शुरुआत के चंद दृश्यों के बाद क्लाइमैक्स में नजर आती हैं। मल्लिका शेरावत पर एक गाना फिल्माया गया है, जो उतना हॉट नहीं बन पाया है जैसी कि उम्मीद की गई थी।
संगीतकार प्रीतम काम के मामले में ओवरलोड हो रहे हैं, लेकिन वे ये अच्छी तरह जानते हैं कि किस निर्देशक को किस तरह की धुन टिकाना है। अनीस को उन्होंने रिजेक्टेड धुनें थमा दी हैं। पुराने गाने का नया वर्जन ‘प्यार दो प्यार लो‘ ही याद रहता है। कनाडा के लोकशन्स शानदार तरीके से फिल्माए गए हैं और फिल्म पर अच्छा पैसा खर्च किया गया है।
‘थैंक यू’ देखते समय ज्यादा दिमाग पर जोर नहीं दिया जाए तो यह एक अच्छा टाइम पास है।