पत्नी की अजीबो-गरीब तरीके से हुई मृत्यु के बाद वेदप्रकाश बेहद दु:खी है। ठाकुर नामक दोस्त ऐसे समय में उसे दिलासा देता है। वेद की मुसीबतें तब और बढ़ जाती है जब पुलिस उसके घर आती है और जांच-पड़ताल का लंबा सिलसिला शुरू हो जाता है।
इसी बीच वेदप्रकाश के घर पर अजीब-सी घटनाएं घटना शुरू हो जाती हैं। वह इसका जिम्मेदार अपने ड्राइवर मकबूल को समझता है और उसे डांटता है। घटनाओं का सिलसिला जब थमता नहीं है तो वेद को लगता है कि उसकी मृत पत्नी वापस आ गई है।
जब इन घटनाओं का वर्णन वेद अपने दोस्त ठाकुर से करता है तो वह उसे एक मनोचिकित्सक अहमद चतुर्वेदी के पास ले जाता है जो इस विषय का जानकार है। वेद को अहमद जिंदा और मृत, समानांतर दुनिया तथा मृत लोगों की दुनिया के बारे में बताता है। स्याह में ऐसे कई डरावने और रोमांचकारी दृश्य हैं जो हॉरर फिल्म के शौकीनों को पसंद आएंगे।