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Written By ND

दीपिका पादुकोण : मैं जानती हूँ मुझे क्या चाहिए

दीपिका पादुकोण : मैं जानती हूँ मुझे क्या चाहिए -
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मायानगरी में ऐसी चर्चाएँ भी चली थीं कि बिपाशा से अलग होने के बाद जॉन अब्राहम दीपिका से नजदीकियाँ बढ़ा रहे हैं। 'देसी बॉयज' की शूटिंग के दौरान भी दोनों का रिलेशन फ्रेंडशिप से कुछ ज्यादा देखने में आया।

पिछले चार सालों में दीपिका का नाम जॉन के अलावा सिद्घार्थ माल्या, रणबीर कपूर और शाहिद कपूर के साथ भी जोड़ा जाता रहा है। अब यह तो दीपिका ही जानती हैं कि इन सबमें से कौन उनका असली बॉयफ्रेंड है और कौन केवल फ्रेंड है!

खैर...! फिर दीपिका की फिल्मों की ओर लौटते हैं... 'कॉकटेल', 'राणा' के अलावा अयान मुखर्जी की अगली फिल्म 'ये जवानी है दीवानी' में भी हैं। इस फिल्म में दीपिका के साथ रणबीर कपूर होंगे। अभी इस फिल्म की महज घोषणा की गई है और इस बात से दीपिका खूब खुश हैं।

वे कहती हैं कि रणबीर और मेरे बारे में बहुत कुछ लिखा गया है, अब उनके साथ मैं अच्छा काम करना चाहती हूँ ताकि लोग हमारे बारे में कही गई बातों को भुला दें। इस फिल्म की कहानी लव स्टोरी के इर्द-गिर्द ही होगी और लव स्टोरी पर आधारित फिल्में दीपिका को खास पसंद हैं।

पिछले चार सालों से दीपिका बॉलीवुड में काम कर रही हैं और अब वे ऐसा महसूस करती हैं कि वे भी इस इंडस्ट्री का ही हिस्सा हैं। वैसे अब दीपिका ने अपने काम पर फोकस करना शुरू कर दिया है। उन्होंने अब अपनी प्राथमिकताएँ तय कर ली हैं कि उन्हें क्या करना हैं।

दीपिका पादुकोण कहती हैं कि मैं बचपन से ही बहुत महत्वाकांक्षी हूँ। मुझे पता है कि मुझे क्या चाहिए और अब मैं उसी के लिए प्रयासरत हूँ। आप चाहें तो मेरे मम्मी-पापा से पूछ सकते हैं, बचपन से ही मैं जो करना चाहती हूँ वही करती हूँ और उसके लिए मुझे कोई रोक नहीं सकता। किसी फिल्म को साइन करने से पहले भी वे अपने मम्मी-पापा से नहीं पूछती हैं। हाँ! वे कुछ लोगों से राय जरूर लेती हैं किन्तु अंततः निर्णय उनका ही होता है।

दीपिका ने हाल ही में अपनी कमाई से फ्लैट भी खरीदा है और वे कहती हैं कि इस घर को खरीदने के लिए मैंने कड़ी मेहनत की है। मैंने ऐसा ही घर खरीदने का सपना देखा था। अब जब लोग मेरे घर की तारीफ करते हैं तो मुझे बड़ी खुशी होती है और इसके लिए मैं अपनी पीठ खुद थपथपाती हूँ कि मैंने कुछ अच्छ किया है। साथ ही वे यह भी कहती हैं कि ये सब भौतिक चीजें मेरे लिए कोई खास मायने नहीं रखती हैं। मैं अच्छी फिल्मों में काम करूँ और मेरी फिल्में खूब चलें, तभी मुझे असली खुशी होगी, तभी मुझे रचनात्मक संतुष्टि मिलेगी।