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Last Modified: शनिवार, 3 दिसंबर 2022 (14:09 IST)

'पाताल लोक' के बाद जयदीप अहलावत की लोकप्रियता में हुआ इजाफा, एक्टर बोले- अब लोग पहले मेरे दृष्टिकोण के बारे में...

'पाताल लोक' के बाद जयदीप अहलावत की लोकप्रियता में हुआ इजाफा, एक्टर बोले- अब लोग पहले मेरे दृष्टिकोण के बारे में...  | actor jaideep ahlawat interview
ओटीटी और सिनेमा दोनों की अपनी महत्वपूर्ण भूमिका है। कई सारे कलाकार जैसे नवाज या पंकज त्रिपाठी जी ऐसे कलाकार हैं जो है बड़ी ही बेहतरीन हैं। लेकिन क्या करें फिल्मों की अपनी एक भाषा है। उसमें एक हीरोइन होगी एक हीरो होगा उसकी कहानी होगी। फिल्म किसी छोटे से कमरे की तरह है जिसमें उतने ही लोग समा सकते हैं। हीरो हीरोइन तय होने के बाद फिर आप उसमें बहुत कम गुंजाइश से देख पाते हैं कि कई और कलाकार भर सके। 

 
अब ओटीटी यानी छोटे से कमरे को बड़े कमरे में तब्दील कर दीजिए। इसमें और ज्यादा लोग समा सकेंगे। हर किरदार का अपना ग्राफ हो सकता है। सिर्फ हीरो-हीरोइन ही नहीं और भी कैरेक्टर आर्टिस्ट इस में समा सकते हैं और इतने समा सकते हैं जितना कि आप की कहानी कहने की क्षमता होती है। यह जो एक बदलाव आया है फिल्म से लेकर ओटीटी प्लेटफॉर्म का इसे मैं बहुत अच्छे तरीके से देख सकता हूं और इसे अपनाना चाहिए। इसका स्वागत भी किया जाना चाहिए।
 
यह कहना है जयदीप अहलावत का जो हालिया रिलीज फिल्म 'एन एक्शन हीरो' में एक महत्वपूर्ण किरदार को निभाते नजर आए। वैसे जयदीप अहलावत की फिल्म राजी हो या फिर पाताललोक, जयदीप के काम की सराहना बहुत हुई है। ऐसे में अपनी फिल्म के प्रमोशन इंटरव्यू के दौरान जयदीप ने वेबदुनिया से कई सारी दिल के राज खुलकर सामने रखे। 
 
अपनी बातों को आगे बढ़ाते हुए जयदीप कहते हैं कि मेरा और पुलिस की कभी कोई लड़ाई हो ऐसा मौका नहीं पड़ा लेकिन हां पाताल लोक के बाद वह मुझे पहचानने लगे हैं। और मैं हमेशा सोचता आया हूं कि यह भी तो इंसान ही है। अगर कहीं कोई गड़बड़ हो गई है तो उस गड़बड़ को मान लिया जाए। कोई पुलिस वाला है तो हम तो यह भी नहीं पहचान पाते हैं कि वह सिपाही है या किस रैंक का है? 
 
वह यह हवलदार ही क्यों ना हो, वर्दी के पीछे एक इंसान छुपा है। पता नहीं घर में किस तकलीफ से गुजर कर आया हो। हो सकता है आज सुबह से बड़े साहब ने डांट दिया हो। जब ऐसे लोगों को देखता हूं तो मुझे ऐसा लगता है कि हम इनसे इंसानों की तरह पेश आए और इनका नया रूप देखने को मिल जाएगा आपको। 
 
आपके काम के पहले आपकी वेब सीरीज के लिए जो रिव्यु मिलते थे और पाताल लोक के बाद रिव्यु मिल रहे हैं, उसमें क्या कोई अंतर आया है।
बहुत अंतर आए हैं। पहले थोड़ा बात कर ली जाती थी लेकिन राजी और पाताल लोक के बाद लोग लिखने लगे हैं कि हां काम अच्छा लगा है। अब जैसे इंटरव्यू की ही बात कर ले। पहले जब लोग इंटरव्यू करते थे तो पहला या दूसरा सवाल हुआ करता था कि आप जिन एक्टर के साथ काम कर रहे हैं, उनके साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा। आज यह सवाल, बहुत बाद में पूछा जाता है। पहले मेरे दृष्टिकोण के बारे में जानना चाहते हैं। लोग मेरे काम करने के तरीके के बारे में जानना चाहते हैं। मुझसे मेरा नजरिया पूछा जाता है। तो यह अंतर आया है। 
 
आप की उपलब्धियां देखते हुए आपके घर वाले कितना खुश होते हैं।
घरवाले तो खुश हैं। घर में मम्मी-पापा मुझे कहीं भी देख लेते हैं किसी फिल्म या वेब सीरीज में तो खुश हो जाते हैं कि हां बेटा अच्छा कर रहा है। अब जब कभी शूट पर आ जाते हैं तो देखते हैं कि चार-पांच लोग मेरे आस-पास खड़े हैं या फिर कोई है जो मुझे हैंडल कर रहा है, मेरा मैनेजर है, तो उनकों लगता है, वाह! बेटा तो बहुत ही अच्छा कर रहा है। फिर मेरी बहन के बच्चे हैं, बड़े हो गए हैं। पहले देखते थे, मामा जी इस तरीके के कपड़े पहनते हैं। अब देखना है कि मामा के ब्रांड बदल गए हैं। और हम लोगों के बीच में पैसे और कीमत की बात हो जाती है वहां तक ठीक है। 
 
मैं अपने पापा को कभी नहीं बताता हूं कि उनको जो मैं जूते गिफ्ट कर रहा हूं या फिर जो जूते मैंने पहने वह कितने के हैं। कभी उन्हें मालूम पड़ जाए तो मेरे पिताजी तो सकते में आ जाएंगे इसलिए मैं बताता ही नहीं है उनको लेकिन हां घर में सभी लोग बहुत खुश हैं। 
 
आप करीना कपूर और विजय वर्मा के साथ एक फिल्म में काम कर रहे हैं। उस बारे में बताएं। 
बहुत खुश हूं कि करीना कपूर के साथ काम करने का मौका मिल रहा है और मजेदार बात यह है कि मुझे विजय वर्मा के साथ भी काम करना है। हम दोनों एक्टिंग स्कूल के यार हैं। बहुत सारा समय एक दूसरे के साथ बिताया है जब हम पढ़ाई कर रहे थे। जब वह दिन हम याद करते हैं जब कभी सेट पर या फिर किसी फाइव स्टार होटल में बैठे हुए होते हैं। 
 
कहां वह हैदराबाद से निकला कहां मैं हरियाणा से निकला एक साथ एक्टिंग स्कूल में आए। झल्ले से बैठे रहते थे। सपने देखते रहते थे और कहां आज का यह समय है कि ऐसा हो गया है आप हाथ भी उठाओ तो दस लोग खड़े हो जाते हैं और पूछते हैं क्या चाहिए। हम दोनों एक दूसरे को देखते रहते हैं और फिर बोलते हैं। अरे हम यहां आ गए देखो करीना के साथ काम कर रहे हैं। 
 
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