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Written By ND

सुडौल बाँहें सुंदरता की निशानी !

सुडौल बाँहें सुंदरता की निशानी ! -
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सुडौल, पतली, लंबी बाँहें सुंदरता की निशानी मानी जाती हैं। मोटी, थुलथुली बाहें सारे सौंदर्य को नष्ट कर देती हैं। जिस प्रकार समूचे शरीर का सुडौल होना सौंदर्य में वृद्धि करता है, उसी प्रकार बाँहों का सुडौलपन भी सौंदर्य को बढ़ाता है। इसलिए बाँहों की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए।

बाँहों का रूखापन समाप्त करने के लिए ऑलिव ऑइल से मालिश करें या टमाटर का रस, नींबू का रस और कच्चा दूध मिलाकर रगड़ें, इससे रंग भी साफ होगा। अधिक पतली बाँहों को जैतून या बादाम के तेल से मालिश करें। मोटी बाँहों के लिए भी मालिश फायदेमंद है, क्योंकि मालिश से अतिरिक्त चर्बी पिघल जाती है और रक्त संचार ठीक रहता है।

बाँहों की सुंदरता में कोहनी का स्थान भी प्रमुख होता है। अक्सर यह भाग उपेक्षित रहता है, जिससे वहाँ मैल की परतें जमने से चमड़ी सख्त पड़ जाती है। इसके लिए नहाने से पूर्व साबुन का झाग बनाकर तथा उसके साथ सरसों का तेल लगाकर कोहनी पर रगड़ लें और थोड़ी देर रहने दें। फिर रोएँदार तौलिए से रगड़कर साफ करें। चार-छः दिनों में ही कोहनी साफ व मुलायम हो जाएगी। इसके अतिरिक्त एक बड़े नींबू को दो बराबर भागों में काटकर कोहनी पर 10 मिनट तक रगड़ें। इससे भी कोहनी की सफाई होगी। साफ करने के बाद कोहनी पर मॉयश्चराइजर अवश्य लगाएँ।

बाँहों की खूबसूरती के लिए बालों का साफ करना भी जरूरी है। वैक्सिंग द्वारा बाँहों और बगलों की सफाई करें और अधिक पसीने की समस्या से निजात पाने के लिए डियोडोरेन्ट का इस्तेमाल करें। ग्लीसरीन, नींबू और गुलाब जल मिलाकर रखें। रात्रि में सोते समय अच्छी तरह पूरी बाँहों पर लगाएँ। इससे रंग भी साफ होगा व त्वचा का रूखापन भी कम होगा।

अगर आपको स्लीवलेस परिधान पहनने का शौक है तो बाँहों की सुडौलता पर ध्यान देना जरूरी है। इसके लिए नृत्य कर सकती हैं। तैरना, बैडमिंटन खेलना भी बेहद फायदेमंद है। इसके अलावा कुछ नियमित व्यायाम भी आपकी मदद कर सकते हैं, जैसे-

* सीधे खड़े होकर बाँहों को सामने की ओर फैलाएँ। फिर सिर से ऊपर गोलाई में ले जाते हुए घुमाएँ। यह क्रिया दोनों बाँहों पर दस-दस बार करें।

* जमीन पर आराम से सीधी होकर बैठें, अब जिस तरह गाँवों में चक्की चलती है या दही बिलौने का कार्य करते हैं, इसका अभिनय करें। नियमित रूप से इन दोनों व्यायामों को 15 मिनट तक करें। निश्चित ही बाँहों का थुलथुलापन कम होगा और आप स्वस्थ, सुंदर, सुडौल बाँहों की स्वामिनी होंगी।