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Written By BBC Hindi
Last Modified: शनिवार, 16 जनवरी 2021 (08:55 IST)

कोविन (Co-Win) ऐप: कैसे करें डाउनलोड और वैक्सीनेशन के लिए कैसे कराएं पंजीयन

कोविन (Co-Win) ऐप: कैसे करें डाउनलोड और वैक्सीनेशन के लिए कैसे कराएं पंजीयन - what is Covin APP, How to do registration on it
कोविड-19 को लेकर भारत सरकार का बड़ा वैक्सीनेशन अभियान 16 जनवरी से शुरू हो रहा है। सरकार की योजना इस अभियान में 30 करोड़ से ज़्यादा लोगों को कोविड-19 की वैक्सीन देने की है।
 
इसके पहले चरण में क़रीब तीन करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन दी जाएगी। इसके अलावा संक्रमण की चपेट में आने का जोख़िम रखने वालों और 50 साल से अधिक आयु के 27 करोड़ लोगों को दूसरे चरण में वैक्सीन दी जाएगी।
 
कोविन (Co-Win) ऐप क्या है?
भारत सरकार की ओर से कहा गया है कि कोविन ऐप का प्राथमिक उद्देश्य कोविड-19 वैक्सीनेशन कार्यक्रम का ट्रैक रखने में एजेंसियों की मदद करना है। साथ ही इसके ज़रिए वैक्सीन लेने के लिए लोग अपना आवेदन कर सकेंगे।
 
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कोविन (Co-Win) कोविड-19 वैक्सीनेशन कार्यक्रम को पूरा करने का डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है। यह मोबाइल ऐप वैक्सीनेशन संबंधित आंकड़ों का रिकॉर्ड भी रखेगा। इसके अलावा सभी राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्यकर्मियों का डाटाबेस भी तैयार करेगा।
 
हालांकि इस ऐप के नाम को लेकर कंफ्यूजन की स्थिति भी देखने को मिली है। आधिकारिक वेबसाइट पर कोविन (Co-Win) का पूरा नाम लिखा गया है कोविन (Co-Win: Winning Over COVID-19) जबकि भारतीय मीडिया में इसे कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क भी कहा गया था।
 
कोविन (Co-Win) ऐप को कब और कैसे डाउनलोड किया जा सकता है?
फ़िलहाल कोविन (Co-Win) ऐप किसी ऐप स्टोर पर उपलब्ध नहीं है। हालांकि इसके कई नक़ली प्रारूप उपलब्ध हो चुके हैं। इस महीने की शुरुआत में भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ट्वीट करके लोगों को इसके बारे में सचेत भी किया था। इस ट्वीट में कहा गया था कि कुछ अराजक तत्वों ने कोविन ऐप की नक़ल की है, ऐसे ऐप को ना तो डाउनलोड करें और ना ही शेयर करें। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि कोविन (Co-Win) ऐप के लॉन्च की सूचना लोगों को समय रहते दी जाएगी।
 
जब सरकार की ओर से इसकी आधिकारिक घोषणा हो जाएगी तब आप इसे गूगल प्ले स्टोर या फिर ऐप्पल स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। ये भी माना जा रहा है कि सरकार इस ऐप को डाउनलोड करने का लिंक देश भर में सर्कुलेट कराएगी।
 
कोविन (Co-Win) ऐप कैसे काम करेगा?
कोविड-19 वैक्सीनेशन अभियान की योजना, क्रियान्वन और निगरानी के लिए यह एक क्लाउड बेस्ड प्लेटफ़ॉर्म है। इसके ज़रिए वैक्सीन लेने वालों को रियल टाइम आधार पर ट्रैक करना संभव होगा। इस ऐप में कई मॉड्यूल होंगे जिनकी मदद से स्थानीय अधिकारी बड़ी संख्या में आंकड़ों को अपलोड कर पाएंगे।
 
वैक्सीन लेने के लिए आवेदन करने वाले लोगों के बीच सेशन आयोजित किए जाएंगे, उनके वैक्सीनेशन के स्टेट्स का पता रखा जाएगा। जिन लोगों को वैक्सीन दी जाएगी, उन्हें एसएमएस के ज़रिए जानकारी दी जाएगी। इसका अलावा वैक्सीन लेने पर लोगों को क्यूआर बेस्ड सर्टिफ़िकेट भी प्रदान किए जाएंगे।
 
वैक्सीन कैसे मिलेगी, कहां पंजीयन कराना होगा?
वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सरकार ने एक मोबाइल एप्लिकेशन तैयार किया है, जिसे कोविन (Co-Win) का नाम दिया गया है। हालांकि ये ऐप अभी प्री प्रॉडक्ट फ़ेज़ में है लिहाज़ा आम लोग इसके ज़रिए अपना पंजीयन नहीं करा सकते।
 
जब ये ऐप पूरी तरह से काम करने लगेगा तब इसमें पंजीयन कराने के तीन विकल्प मौजूद होंगे- स्व पंजीयन (सेल्फ़ रजिस्ट्रेशन), एक शख़्स का पंजीयन (व्यक्तिगत पंजीयन) और कई लोगों का पंजीयन (बल्क रजिस्ट्रेशन)। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ये तीनों पंजीयन कैसे कराए जाएंगे।
 
कोविन (Co-Win) ऐप के लिए कौन पंजीयन करा सकते हैं?
फ़िलहाल आम लोग इस ऐप पर अपना पंजीयन नहीं करा सकते हैं। क्योंकि अभी यह केवल अधिकारियों की पहुँच में है, इसके ज़रिए सबसे पहले केवल स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स का वैक्सीनेशन होगा। इसके बाद जब ऐप आम लोगों के लिए उपलब्ध होगी तब वे अपना पंजीयन करा पाएंगे।
 
कोविन (Co-Win) ऐप में पंजीयन कराने के लिए किन दस्तावेज़ों की ज़रूरत होगी?
पंजीयन के लिए एक फ़ोटो पहचान पत्र की ज़रूरत होगी। सेल्फ़ रजिस्ट्रेशन के लिए ई-केवायसी फ़ॉर्म भरना होगा जिसमें इन 12 फ़ोटो पहचान पत्र के साथ पंजीयन संभव होगा जिनमें मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, मनरेगा जॉब कॉर्ड, बैंक पासबुक या पोस्ट ऑफ़िस पासबुक, पासपोर्ट, पेंशन प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज़ शामिल हैं।
 
कोविन (Co-Win) ऐप में पंजीयन होने के बाद आगे क्या होगा?
पंजीयन होने के बाद, लाभार्थी को रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस के ज़रिए पंजीकृत होने की सूचना मिल जाएगी। इसके अलावा कोविड -19 वैक्सीन दिए जाने की जगह, तारीख़ और समय के बारे में जानकारी मिलेगी।
 
कोविन (Co-Win) ऐप पर सेल्फ़ रजिस्ट्रेशन कैसे होगा?
कोविन (Co-Win) ऐप पर सेल्फ़ रजिस्ट्रेशन का विकल्प पहले चरण के पूरा होने के बाद ही मिलेगा। वैक्सीन लगाने की इच्छा रखने वाले 12 फ़ोटो पहचान पत्रों में से किसी एक को अपलोड करके पंजीकृत हो सकते हैं। इस दौरान तीन तरह से लोगों की पहचान की जाएगी- बायोमेट्रिक, ओटीपी बेस्ड और जन्म के दिन के ज़रिए पहचान।
 
कोविन (Co-Win) ऐप के पाँच मॉड्यूल क्या हैं और उनका इस्तेमाल किन चीज़ों के लिए होगा?
कोविन (Co-Win) ऐप के पाँच माड्यूल हैं- एडमिनिस्ट्रेटर मॉड्यूल, रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल, वैक्सीनेशन मॉड्यूल, बेनिफ़िशियरी एकनॉलेजमेंट मॉड्यूल और रिपोर्ट मॉड्यूल। एडमिनिस्ट्रेटर मॉड्यूल उन लोगों के लिए है जो वैक्सीनेशन के सेशन से जुड़े होंगे। रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल से जो लोग पंजीकरण कराएंगे उन लोगों की जानकारी एडमिनिस्ट्रेटर को मिलेगी, इसके बाद वे सेशन्स का आयोजन करेंगे जिसके बाद वैक्सीन लगाने वाले लोगों को ज़रूरी जानकारी और अलर्ट मिलेंगे।
 
वैक्सीनेशन मॉड्यूल में कोविन (Co-Win) ऐप लाभार्थियों के विवरण की जाँच करेगा और उनके वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को अपडेट करेगा। इसके बाद बेनिफ़िशियरी को पंजीकृत होने की जानकारी मिलेगी, वैक्सीन लगाए जाने के बाद उन्हें क्यूआर आधारित सर्टिफ़िकिटे भी दिए जाएंगे।
 
रिपोर्ट मॉड्यूल में कितने वैक्सीन सेशन हुए हैं, कितने लोगों ने उन सेशंस में हिस्सा लिया है, कितने ड्रॉप आउट हुए, कितनों को वैक्सीन लगी, ये सब जानकारी होगी।
 
कोविन (Co-Win) ऐप के इस्तेमाल से प्राइवेसी को लेकर क्या चिंताएं हैं?
कोविन (Co-Win) ऐप अभी आम लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है लेकिन इसके इस्तेमाल पर प्राइवेसी को लेकर सवाल उठ रहे हैं। सरकार के सामने इसके उपयोगकर्ता और उनके डेटा को गोपनीय रखने की चुनौती है और सरकार के सामने इस मुद्दे पर लोगों का भरोसा हासिल करने की चुनौती है। इससे पहले आरोग्य सेतु ऐप में भी विश्षेज्ञों ने ख़ामियां निकाली थीं।
 
दरअसल सरकार इन ऐप के ज़रिए जिस तरह के आंकड़े एकत्रित कर रही है, जिसमें स्वास्थ्य संबंधी संवेदनशील जानकारी शामिल हैं। ऐसे में इसकी गोपनीयता को लेकर सवाल उठ रहे हैं और उठेंगे। निजी जानकारी से जुड़े आंकड़ों की गोपनीयता को लेकर स्पष्ट क़ानून के अभाव में चिंताएं उठती रहेंगी।
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