समीर हाशमी, मध्यपूर्व बिजनेस संवाददाता
				  
	"कोरोना वायरस के नए वैरिएंट के फ़ैलने से एयरलाइंस इंडस्ट्री की रिकवरी धीमी हो जाएगी, लेकिन इससे ठंड के दौरान टिकटों की बढ़ती मांग में कमी नहीं देखी जा रही है।"
				  																	
									  
	 
	ये कहना है अमीरात एयरलाइंस के अध्यक्ष टिम क्लार्क का, जिन्होंने बीबीसी से कहा कि, ओमिक्रॉन ने हमारी चाल को थोड़ा धीमा ज़रूर किया है लेकिन हम अब भी व्यापक रिकवरी में सकारात्मक सुधार देख रहे हैं।
				  
	 
	जो लोग अंतरराष्ट्रीय यात्राएं कर रहे हैं उन्हें कोविड के नए नियमों, जांच, सीमाएं बंद होने और क्वारंटीन जैसे उपायों के लागू किए जाने से दो चार होना पड़ रहा है।
				  						
						
																							
									  
	 
	इस बदलाव ने कई एयरलाइनों के लिए क्रिसमस और नए साल के सीजन से पहले ही चिंताएं बढ़ा दी हैं क्योंकि ये वो समय है जब टिकटों की कहीं अधिक मांग होती है लिहाजा इनकी अच्छी कमाई का मौसम होता है।
				  																													
								 
 
 
  
														
																		 							
																		
									  
	 
	छुट्टियों का ये समय एयरलाइंस इंडस्ट्री के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि दुनिया भर में लाखों की संख्या में लोग अपने परिवारों से मिलने और घूमने निकलते हैं।
				  																	
									  
	 
	कोविड के ओमिक्रॉन वैरिएंट आने के ठीक बाद क्लार्क ने न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में कहा था कि दिसंबर में जब यह अपने चरम पर होगा तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एयरलाइंस के व्यवसाय के लिए यह बड़े नुकसान का कारण बन सकता है।
				  																	
									  
	 
	ओमिक्रॉन के कारण दुनिया भर के कई अन्य एयरलाइंस की तरह अमीरात ने दक्षिण अफ़्रीकी देशों के लिए अपनी उड़ानों को स्थगित कर दिया और सीमाएं बंद होने की वजह से मोरक्को की उड़ानें बंद कर दीं।
				  																	
									  
	 
	लेकिन क्लार्क कहते हैं कि ऑस्ट्रेलिया, यूरोप के कुछ हिस्सों और ब्रिटेन की उड़ानों में मजबूत मांग की बदौलत एयरलाइंस उन कमियों को पूरा करने में सक्षम है। वे कहते हैं, "अब तक बिजनेस पर उसका वैसा प्रभाव नहीं पड़ रहा है जैसा कि अमीरात ने शुरू शुरू में संभावना जताई थी।"
				  																	
									  
	 
	यूनाइटेड अरब अमीरात एयरलाइंस का कहना है कि ओमिक्रॉन के बावजूद उड़ानें अपनी पूरी क्षमता के साथ चल रही हैं। यात्रियों की कमी नहीं होने की एक वजह देश में वैक्सीनेशन का उच्च स्तर और कोविड-19 संक्रमण की दर का बहुत कम होना भी है।
				  																	
									  
	 
	उदाहरण के लिए, अक्तूबर में शुरू हुआ वर्ल्ड एक्सपो 2020 छह महीने तक दुबई में चलेगा, यहां हज़ारों की संख्या में लोग विदेशों से आए हैं।
				  																	
									  
	 
	अबू धाबी स्थित एतिहाद एयरवेज के मुख्य कार्यकारी टोनी डगलस मानते हैं कि दुनियाभर में एयरलाइंस की रिकवरी पर ओमिक्रॉन का अधिक असर नहीं पड़ेगा, ठीक वैसे ही जैसे डेल्टा के मामले में हुआ था। वे कहते हैं, "लोग अपने दोस्तों और परिवारवालों से मिलने के लिए हर हाल में ट्रैवल करना चाहते हैं।"
				  																	
									  
	 
	क़तर एयरवेज प्रमुख अकबर अल बाकर कहते हैं कि उन्हें उम्मीद है कि नए कोविड वैरिएंट का इंडस्ट्री की रिकवरी पर "सीमित व्यापक प्रभाव" पड़ेगा।
				  																	
									  
	 
	अन्य देशों पर प्रभाव?
	जब मध्यपूर्व में एयरलाइंस इंडस्ट्री से जुड़े एक ओर ये कह रहे हैं कि ओमिक्रॉन संक्रमण की बढ़ती रफ़्तार से वो उतने परेशान नहीं हैं तो दूसरी तरफ़ अन्य देशों के एयरलाइन प्रमुख इसे लेकर परेशानी महसूस कर रहे हैं।
				  																	
									  
	 
	नए वैरिएंट को लेकर यात्रा प्रतिबंधों के अतिरिक्त, जांच के नए नियम भी बड़ी चुनौती साबित हो रहे हैं।
				  																	
									  
	 
	ब्रिटिश एयरवेज, रायनएयर और इज़ीजेट ने ब्रिटेन में लाए गए वैक्सीन ले चुके यात्रियों की जांच के नए निमयों को लागू करने में बहुत आनाकानी की और इस सेक्टर को इस नए संकट में बरकरार रखने के लिए वित्तीय सहायता की मांग की।
				  																	
									  
	 
	18 महीनों की गिरावट के बाद, यूरोप के एयरलाइंस ने गर्मियों के मौसम में इस साल एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्राओं में वृद्धि देखनी शुरू की थी।
				  																	
									  
	 
	ये मानते हुए कि एयरलाइंस इंडस्ट्री के सबसे बुरे दौर में से एक कोरोना महामारी का ख़राब वक़्त अब निकल गया है, नवंबर में दुबई एयरशो के दौरान नए विमानों के लिए 78 अरब डॉलर के वाणिज्य और रक्षा सौदौं पर हस्ताक्षर किए गए थे।
				  																	
									  
	 
	उस पांच दिवसीय आयोजन के दौरान जहां एयरलाइन कंपनियों ने अरबों डॉलर के समझौते किए, वहीं एयरबस को 400 से अधिक जेट के ऑर्डर मिले।
				  																	
									  
	 
	वैसे तो एयरलाइंस इंडस्ट्री ने 2022 में वापसी की उम्मीद जताई है लेकिन नए वैरिएंट के आने से फिलहाल परिस्थितियां बदली सी दिख रही हैं।
				  																	
									  
	 
	कंस्लटेंसी फ़्रॉस्ट ऐंड सुलिवन में एयरोस्पेस ऐंड डिफेंस के निदेशक ओरकुन अल्टिंटास कहते हैं कि ओमिक्रॉन कितना प्रभाव डालेगा यह आकलन अभी से करना जल्दबाजी होगी। लेकिन वे उम्मीद करते हैं कि हाल के घटनाक्रमों से बहुत जल्दी रिकवरी की उम्मीद करना बेमानी होगा।
				  																	
									  
	 
	वे कहते हैं, "एयरलाइंस इन छुट्टियों में बीते वर्ष की तुलना में काफ़ी कमाई की उम्मीदें कर रही थीं लेकिन अब वो इसे लेकर निश्चिंत नहीं हैं।"
				  																	
									  
	 
	इससे पहले दिसंबर में फ़िंच रेटिंग्स ने भी 2021 की ग्लोबल एयर ट्रैफ़िक 2019 की तुलना में 50% से कुछ अधिक रखा है, जबकि पहल इसने केवल 35% की गिरावट का पूर्वानुमान लगाया था।
				  																	
									  
	 
	फ़िंच ने 2022 और 2023 के पूर्वानुमानों में भी यह देखते हुए संशोधन किया है कि "संक्रमण की एक और लहर से सरकारें अपनी नीतियों में बदलाव लाएंगी जिससे यात्राओं पर प्रतिबंध या कुछ समय के लिए रुकावट या कुछ समय के लिए ट्रैफिक में गिरावट देखी जा सकती है।"
				  																	
									  
	 
	जापान, इसराइल मोरक्को समेत कुछ देशों ने अनिवासी विदेशियों पर अस्थायी रोक लगा दी है।
				  																	
									  
	 
	यह ख़बर लिखे जाने तक, सिंगापुर आने वालों को उनके आगमन के बाद सात दिनों तक रोज़ जांच करनी होगी, जबकि अमेरिका ने लोगों को अपनी यात्रा से 24 घंटे पहले तक के कोविड निगेटिव रिपोर्ट लेकर यात्रा करने को कहा है।
				  																	
									  
	 
	दक्षिण अफ़्रीका, लेसोथो, इस्वातिनी, नामीबिया, बोत्सवाना, मालावी, मोज़ाम्बिक़ और ज़िम्बाब्वे के लिए उड़ानें यूरोपीय संघ और अमेरिका समेत कई देशों ने निलंबित कर रखे हैं।
				  																	
									  
	 
	इस बीच इंटरनैशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) ने चेतावनी दी है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की सलाह के बावजूद कई देशों ने जो यात्रा प्रतिबंध लगाई है उससे एयरलाइन सेक्टर की रिकवरी को ख़तरा हो सकता है।
				  																	
									  
	 
	आईएटीए की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस वैरिएंट के आने से पहले तक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ट्रैवल में हाल के महीनों में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है।
				  																	
									  
	 
	आईएटीए के महानिदेशक ने एक बयान में कहा, "ग्लोबल कनेक्विविटी को एक बार फ़िर बनाने में बड़ा लंबा वक़्त लगा लेकिन दुर्भाग्य से ओमिक्रॉन ने आकर उसे एक बार फ़िर ख़तरे में डाल दिया है।"
				  																	
									  
	 
	यात्रा के सख़्त नियमों के बावजूद, जानकारों का कहना है कि इस बार कैंसिलेशन और बुकिंग में कमी वैसी नहीं देखी जा रही है जैसे कि तब हुआ था जब कोरोना के आने के बाद पहली बार इन नियमों को कड़ाई से लागू किया गया था।
				  																	
									  
	 
	ओरकुन अल्टिंटास कहते हैं कि उन्हें इस बात का विश्वास है कि अगर मौजूदा वैक्सीन ओमिक्रॉन में भी प्रभावी हुए तो एयरलाइन सेक्टर की स्थित में जल्द ही सुधार आएगा।
				  																	
									  
	 
	वे कहते हैं, "मांग बहुत नियंत्रित हैं। वैक्सीन को लेकर नियमों और प्रतिबंधों के बारे में एक बार और अधिक स्पष्टता मिल गई तो यात्रा में तेज़ी आएगी। लेकिन अभी बहुत सी चीज़ें हैं जिन्हें हम नहीं जानते।"है।