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Last Modified: शुक्रवार, 23 फ़रवरी 2018 (11:06 IST)

क्या मोबाइल के इस्तेमाल से कैंसर हो सकता है?

क्या मोबाइल के इस्तेमाल से कैंसर हो सकता है? - Mobile radiation
आपके मोबाइल फ़ोन से निकलने वाले रेडिएशन से कितना नुकसान होता है? क्या इन रेडिएशन से ट्यूमर होने का ख़तरा है? इनसे कैसे बचा जा सकता है? इन सवालों पर वैज्ञानिक कई सालों से ख़ोज कर रहे हैं लेकिन अभी तक कोई सटीक जवाब नहीं मिला है।
 
लेकिन दो बात हमें पता है वो ये है कि रेडियो फ्रीक्वेंसी वेब नॉन आओनाइज़ेशन रेडिएशन हैं, जो कि एक्स रे और अलट्रावॉयलेट रेडिएशन की तुलना में कम ताक़तवर होते हैं। एक्स रे और अलट्रावॉयलेट रेडिएशन हमारे डीएनए में मौजूद केमिकल बॉन्ड को तोड़ने की क्षमता रखते हैं।
 
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी शोध कर रही है कि क्या इन रेडिएशन से दिमाग, सिर और गले में ट्यूमर हो सकता है। सोसाइटी के मुताबिक मोबाइल फ़ोन से निकलने वाले रेडिशन में इतनी ताक़त तो नहीं होती है कि वो हमारे डीएनए में बदलाव ला सकें इसलिए ये अभी तक साफ़ नहीं है कि मोबाइल के रेडिएशन कैसे कैंसर जैसी बीमारी पैदा कर सकते हैं।
 
किस फ़ोन से ज़्यादा रेडिएशन निकलते हैं?
किस फ़ोन से कितना रेडिएशन निकलता है, ये जानने के लिए स्पेस्फिक एबसॉर्पशन रेट यानि कि एसएआर एक पैमाना बनाया गया है। इससे हमें ये पता चलता है कि किस तरह के रेडिएशन का असर मानव शरीर में रह जाता है।
 
एसएआर वो लेवल होता हो जो कि जो तब निकलता है जब आपका मोबाइल सबसे ज़्यादा पावर का इस्तेमाल कर रहा होता है। मोबाइल बनाने वाली कंपनियों को इसकी जानकारी देश के रेग्यूलेटरी संस्था को देनी होती है। लेकिन हम से ज़्यादातर लोग फ़ोन ख़रीदते समय इस पर ध्यान नहीं देते।
 
जर्मन फ़ेडरल ऑफ़िस फॉर डेटा प्रोटेक्शन ने एक लिस्ट बनाई है जिसमें कई नए और पुराने स्मार्टफ़ोन से निकलने वाले रेडिएशन की जानकारी दी गई है। सबसे ज़्यादा रेडिएशन वाली लिस्ट में वन प्लस और हूआवी और नोकिया लूमिया सबसे ऊपर हैं। आईफ़ोन 7 दसवें, आई फ़ोन 8 बारहवें और आई फ़ोन 7 प्लस पंद्रहवें नंबर पर है। सोनी एक्सपीपिया एक्स ज़ेड कॉम्पैक्ट (11) ज़ेड टी ई एक्सॉन 7 मिनी (13) ब्लैकबेरी डीटीईके 60 (14) भी इस लिस्ट में शामिल हैं।
 
मोबाइल रेडिएशन को लेकर कोई भी ऐसी गाइडलाईन नहीं है जो बता सके कि कितने रेडिएशन को सुरक्षित माना जा सकता है। जर्मनी की एक एजेंसी केवल उन्हीं फ़ोन को मान्यता देती है जिनका एब्सार्पशन लेवल 0.60 से कम होता है। इस लिस्ट में जितने भी फ़ोन है उनका लेवल इससे दोगुना है।
 
सबसे कम रेडिएशन वाले फ़ोन की बात करें तो, इस लिस्ट में सोनी एस्पीरिया एम 5 (0.14) सबसे ऊपर है। इसके बाद सैमसंग गैलेक्सी नोट 8 (0.17) एस सिक्स एज प्लस (0.22) गूगल प्लस एकसेल (0.25), और सैमसंग गैलेक्ली एस 8 (0.26) और एस 7 एज (0.26) हैं।
 
मोटोरोला के कुछ फ़ोन में भी कम में रेडिएशन कम पाए गए। अगर आप अपने फ़ोन का रेडिएशन चेक करना चाहते हैं, तो अपने मॉडल का मैनुअल चेक कर सकते हैं, फ़ोन की वेबसाइट पर, या फ़ेडरल कम्यूनिकेशन्स कमिशन ऑफ यूनाइटेड स्टेट्स की वेबसाइट भी देख सकते हैं।
 
रेडियोफ्रीक्वेंसी से कैसे बचें?
रेडियो फ्रीक्वेंसी सबसे ज़्यादा आपके फ़ोन के अंदर के एंटीना के पास होता है। तो आप अपने फ़ोन को ख़ुद से पास रखेंगे, नुकसान की संभावना ज़्यादा होती है। लेकिन कुछ औऱ भी फैक्टर हैं जिसका असर होता है:-
 
*आप फ़ोन कितनी देर तक इस्तेमाल करते हैं।
*फ़ोन और पास के मोबाइल टावर के बीच की दूरी।
*मोबाइल फ़ोन सिग्नल का ट्राफ़िक।
 
ज़्यादा फ्रीक्वेंसी से बचने के तरीके:-
*फ़ोन को स्पीकर या हैंड्सफ्री मोड पर इस्तेमाल करें।
*कॉल से ज़्यादा मेसेज पर बात करने की कोशिश करें।
*कम एसएआर लेवल वाला फ़ोन ख़रीदें।
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