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Written By BBC Hindi
Last Modified: मंगलवार, 2 फ़रवरी 2021 (08:48 IST)

बजट 2021: कोरोना काल के पहले बजट की तीन सबसे अहम बातें

बजट 2021: कोरोना काल के पहले बजट की तीन सबसे अहम बातें - 3 important things about budget 2021
निखिल इनामदार, बीबीसी बिज़नेस संवाददाता, मुंबई
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फ़रवरी को लोकसभा में देश का आम बजट प्रस्तुत किया। ऐसे समय में जबकि देश आर्थिक मंदी का सामना कर रहा है तो बजट से काफी उम्मीदें थीं।
 
कोविड19 महामारी से दुनिया का कोई देश अछूता नहीं है और भारत के संदर्भ में भी यह बात शत-प्रतिशत लागू होती है। कोविड19 महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से प्रभावित किया है। जीडीपी घटा है, बेरोज़गारी बढ़ी है और बैंकिंग सेक्टर भी गंभीर संकट के दौर से गुज़र रहा है। हालांकि बैकिंग सेक्टर तो पहले से ही संकट के दौर में है। आज पेश हुए बजट का लक्ष्य विकास को बढ़ावा देने के लिए बड़े निवेश पर है।
 
बजट पेश करने के दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा, "2021-22 का बजट 6 स्तंभों पर टिका है। पहला स्तंभ है स्वास्थ्य और कल्याण, दूसरा - भौतिक और वित्तीय पूंजी और अवसंरचना, तीसरा - आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना, पांचवा - नवाचार और अनुसंधान और विकास, छठा स्तंभ - न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन।"
 
एक फरवरी को पेश किये गए आम बजट में स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे जैसे प्रमुख क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने पर ज़ोर दिया गया है। डायरेक्ट टैक्स यानी प्रत्यक्ष कर में कोई वृद्धि नहीं हुई है।
 
2020-21 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 9.5% है। 2021-22 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.8% होने का अनुमान है। 2025-26 तक राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.5% लाने का लक्ष्य है।
 
बजट 2021-2022 के महत्वूर्ण तथ्य...

स्वास्थ्य बजट में 137% की बढ़ोतरी
स्वास्थ्य बजट को बढ़ाकर 2,23,846 करोड़ किया गया है। भारत के हेल्थ सेक्टर के लिहाज़ से यह एक बहुत बड़ी और उत्साहित करने वाली घोषणा है। ख़ासतौर पर तब जब यह सेक्टर लंबे समय से अंडर-फंडेड ही रहा है।
 
इस बजट में छह साल की अवधि में प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीय स्तर पर स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को उन्नत बनाने के लिए 64,180 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
 
बजट में कोविड 19 वैक्सीन के लिए 35000 करोड़ रुपये की घोषणा की गई है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चला रहा है, जिसके तहत 130 करोड़ से अधिक लोगों को टीका दिया जाएगा।
 
निर्मला सीतारमण ने इस दौरान कहा कि अगर ज़रूरत पड़ेगी तो सरकार फंड बढ़ाएगी। हालांकि यह अभी तक अस्पष्ट है कि क्या यह पूरी आबादी के टीकाकरण के लिए भुगतान करने की योजना है।
 
भारत अभी भी टीकाकरण के पहले चरण में है, जिसके तहत फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका दिया जाना है और ऐसी उम्मीद है कि इस पर 2 अरब डॉलर (146 अरब रुपये) तक की लागत आएगी।
 
इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा
केंद्रीय वित्त मंत्री ने एक नए विकास वित्त संस्थान यानी डीएफ़आई की स्थापना की घोषणा की। जो कि 2.7 अरब डॉलर (197 अरब रुपये) की पूंजी के साथ शुरू किया जाएगा। बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं की सहायता के लिए इसकी स्थापना की जाएगी। इससे कर्ज़ के पहाड़ में डूबे बैंकों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
 
इसके साथ ही बजट में बैंकों के बही खाते ठीक करने के उपायों पर भी ज़ोर दिया गया है। इसके लिए ऐसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड और ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी के गठन का प्रस्ताव वित्त मंत्री ने दिया है। जिससे बैंकों के एनपीए को ट्रांसफ़र किया जाएगा।
 
इसके अलावा जिन राज्यों में चुनाव (तमिलनाडु, केरल, असम, पश्चिम बंगाल) होने हैं वहां के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग और इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरिडोर की भी घोषणा की गई है। देशभर में टेक्सटाइल पार्क की स्थापना की भी घोषणा की गई है। बुनियादी ढांचे पर होने वाले कुल ख़र्च में 35 फ़ीसदी की बढ़ोत्तरी है।
 
विनिवेश के लिए महत्वाकांक्षी योजना
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश करते हुए कहा कि इस साल विनिवेश का लक्ष्य 1.75 लाख करोड़ रुपये का है।
 
उन्होंने कहा वित्तीय वर्ष 2020-21 में सरकार ने अपनी हिस्सेदारी बेचकर 2.1 लाख करोड़ रुपए हासिल करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन यह पूरा नहीं हो पाया।
 
वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले साल बड़े विनिवेश की योजना तैयार की गई थी। जिसमें एलआईसी के शेयर बेचे जाने की बात भी शामिल थी। इस योजना को इस साल पूरा किया जा सकता है।
 
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार की वित्त वर्ष 2021-22 के अंत तक सार्वजनिक क्षेत्र की कुछ कंपनियों, जिनमें कर्ज़ में डूबी एयर इंडिया भी शामिल है, को बेचने की योजना है।
 
विनिवेश के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार की दो सरकारी बैंकों और एक इंश्योरेंस कंपनी समेत कई पब्लिक सेक्टर की कंपनियों की हिस्सेदारी बेचने की योजना है।
 
इसके अलावा वित्त मंत्री ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के शेयर बाज़ार में उतारे जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा, "हम साल 2021-22 में जीवन बीमा निगम का आईपीओ लेकर आएँगे, जिसके लिए इसी सत्र में ज़रूरी संशोधन किए जा रहे हैं।"
 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि बीमा कंपनियों में एफ़डीआई यानी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को भी बढ़ाये जाएगा।
 
निर्मला सीतारमण की इन घोषणाओं का सीधा असर शेयर बाज़ार पर देखने को मिला जहां 4.5 प्रतिशत का उछाल आया।
 
विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले समय में भारत की अर्थव्यवस्था में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। चालू वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की जीडीपी में 7.7 फ़ीसदी की गिरावट का अनुमान है लेकिन 2021-22 वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर के 11 फ़ीसदी रहने का अनुमान जताया गया है। भारत दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। शुक्रवार को भारतीय रिज़र्व बैंक मौद्रिक समीक्षा करेगा।

जापानी वित्तीय कंपनी नोमुरा (NOMURA) में भारतीय विश्लेषक ऑरोदीप नंदी कहते हैं, "कुल मिलाकर कहें तो सुधार के लिए की गई घोषणाएं सकारात्मक हैं और पूंजीगत व्यय पर फ़ोकस स्वागत योग्य क़दम है।"
 
"हालांकि मूल सवाल यह है कि जबकि लक्ष्य विकास का है तो क्या यह निगेटिव रेटिंग से प्रभावित होगा?"
 
एसएंडपी, मूडीज़ और फिच जैसी रेटिंग कंपनियों ने हाल ही में निवेश ग्रेड रेटिंग में भारत को सबसे निचले पायदान पर रखा है।
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