गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राम मंदिर अयोध्या
  4. Prime Minister Narendra Modi address in Ayodhya, Ram Mandir Pran Pratishtha
Last Updated : सोमवार, 22 जनवरी 2024 (15:08 IST)

राम आ गए, कंठ अवरुद्‍ध है, शरीर स्पंदित है...

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, हमें सदियों के धैर्य की धरोहर मिली है

Ayodhya Ram Mandir
  • राम राष्ट्र की चेतना के विस्तार का प्रतीक है
  • राम चेतना भी हैं तो राम चिंतन भी हैं
  • रामकाज से राष्ट्रकाज होना चाहिए
Narendra Modi on Ram Mandir Pran Pratistha: कंठ अवरुद्ध है... शरीर स्पंदित है... 22 जनवरी, 2024 कैलेंडर की एक तारीख मात्र नहीं है, यह नए कालचक्र का उद्‍गम है। अयोध्या राम मंदिर में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण सदियों के धैर्य की धरोहर है। हम इस पल को साक्षात देख रहे हैं। लोग इस पल की हमेशा चर्चा करेंगे। 
 
पीएम मोदी ने देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि हमारे राम आ गए हैं। सदियों की प्रतीक्षा के बाद राम आ गए हैं। कंठ अवरुद्ध है, शरीर स्पंदित है, मैं गर्भगृह में ईश्वरीय चेतना का साक्षी बना। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का क्षण पवित्र और अलौकिक है।  
 
उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण सदियों के धैर्य की धरोहर है। राम चेतना भी हैं तो राम चिंतन भी हैं। राम व्यापक हैं, राम आस्था हैं। यह समय सामान्य समय नहीं है, यह कालचक्र पर बनी अमिट स्मृति रेखा है। हम इस पल को साक्षात देख रहे हैं। हजारों वर्षों बाद भी इस दिन की चर्चा होगी। पूरे देश का उत्साह बढ़ता जा रहा है। गुलामी की मानसिकता तोड़कर राष्ट्र आज खड़ा हुआ। दिशाएं दिव्यता से पूर्ण हैं, ये सामान्य समय नहीं है।
 
पीएम मोदी ने कहा कि प्रभु राम हमें अवश्य क्षमा करेंगे क्योंकि हम इतनी सदियों से यह काम नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि वनवास का वियोग केवल 14 साल का था। हमारी कई पीढ़ियों ने सैकड़ों वर्षों का वियोग सहा है। संविधान की पहली प्रति में भगवान राम विराजमान हैं, लेकिन संविधान के अस्तित्व में आने के बाद राम के अस्तित्व को लेकर लंबी लड़ाई चली। हम सभी कारसेवकों के ऋणी हैं। 

उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय पालिका ने न्याय की लाज रख ली। न्याय के पर्याय प्रभु राम का मंदिर भी न्यायबद्ध तरीके से ही निर्मित हुआ। राम भारतवासियों के अंतर्मन में विराजे हुए हैं। हमारा समर्पण राम और राष्ट्र के लिए होना चाहिए। देव से देश और राम से राष्ट्र की चेतना के विस्तार का समय है। मोदी ने रामसेतु के निर्माण में गिलहरी के योगदान का भी उल्लेख कराया। उन्होंने कहा कि हर किसी का अपना योगदान होता है। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala