Ayesha Case A Different Angle : आयशा, तुम बखेड़ा क्यों खड़ा कर गई?
सीमा व्यास | शुक्रवार,मार्च 5,2021
आयशा तुमने कहा ,प्यार एकतरफा नहीं होना चाहिए। मैं तो कहती हूं, हर बार एक तरफा ही हो और हर बार उंगलियां खुद की ओर उठी ...
24 जनवरी बालिका दिवस : हो रामा हमरे घर आ जाए बिटिया
सीमा व्यास | रविवार,जनवरी 24,2021
बस एक बार चुप्पी टूट जाए फिर देखना बहुत क्षमता है किशोरी में। वह हंसती है तो चांदनी बिछ जाती है धरती पर। वह उछलती है तो ...
हे स्वर्णपुरुष ! मैं नित करती हूं तुम्हारा इंतजार
सीमा व्यास | रविवार,जनवरी 17,2021
विवस्वान की ऊर्जा धरती को चैतन्य कर देती है। तृण से लेकर वन तक, जीव से लेकर जगत तक, बूंद से लेकर सागर तक, सभी में ऊष्मा ...
लोकगंध में पगी कहानी - मेरी बई, बरत और बारता
सीमा व्यास | मंगलवार,जून 9,2020
कहावत तो सात वार नौ त्योहार की है, पर हमारी बई के तो सात वार में नौ बरत आते थे। कभी सोमवार के साथ ग्यारस आ जाती तो कभी ...
विश्व साइकिल दिवस पर एक यादगार अनुभव
सीमा व्यास | बुधवार,जून 3,2020
’दादाजी, मैं साइकिल चलाना नहीं सीखूंगी।’ दादाजी ने अखबार से चेहरा निकालते हुए पूछा, ’क्यों? गिर पड़ी क्या?’
अमृत जो नर्मदा संग बहता रहा
सीमा व्यास | सोमवार,जुलाई 9,2018
अमृतलाल वेगड़, एक ऐसी शख्सियत जिसने नर्मदा यात्रा के अपने जुनून को नदी की निर्मल धार की भांति शब्दों में बांधकर हिन्दी ...
मदर्स डे पर लघुकथा : एक चुटकी प्यार
सीमा व्यास | शनिवार,मई 12,2018
’मां, पता है आज मैंने आपके जैसा हलवा बनाना सीख लिया।’ बेटे ने चम्मच भर गरमागरम हलवा मुंह में डालते हुए कहा।
सुनो....कि अब लब आजाद हैं मेरे....
सीमा व्यास | शनिवार,अप्रैल 14,2018
अब मैं कभी सहेलियों के साथ नहीं खेल पाऊंगी, कभी दौड़कर खाने की चीज लेने नहीं जा पाऊंगी, कभी पाठ नहीं पढूंगी और इबारत भी ...
संक्रांति पर पढ़ें नन्ही चिड़िया की कहानी : प्लीज, हमें बचा लो...
सीमा व्यास | शनिवार,जनवरी 13,2018
पहचानते है मुझे ? नहीं ?? अरे, मैं नन्ही चिड़िया गुनगुन। यहीं पास ही के पेड़ पर रहती हूं। रोज आती तो हूं तुम्हारे आंगन ...
रक्षाबंधन पर कहानी : उम्मीद
सीमा व्यास | शुक्रवार,अगस्त 4,2017
उत्साह और उम्र का भला क्या संबंध? उत्साह पैदा होते ही उम्र को कहीं पीछे धकेल देता है। उम्र कितनी ही हो जाए, बेटियों का ...