विशेष- यह राशिफल गोचर ग्रहों पर आधारित है। जन्म पत्रिका में ग्रहों की स्थिति भिन्न होने से थोड़ा बहुत अंतर आना स्वाभाविक है।
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मेष : इस राशि का स्वामी मंगल है। यह अग्नि तत्व प्रधान राशि व चर होने से इस राशि वाले जातक जल्द उत्तेजित होने वाले अतिमहत्वाकांक्षी, साहसी, पराक्रमी होते हैं। मंगल तुला में होने से राशि पर पूर्ण दृष्टि पड़ने से आपके कार्य में प्रगति आएगी। आप जो भी कार्य स्वप्रयत्नों से करेंगे उसमें लाभ होगा। राज्य, व्यापार, नौकरी आदि में सफल होंगे। पत्नी पक्ष में सावधानी रखना होगी। स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। संतान अादि मामलों में, पढ़ाई के क्षेत्र में संभलकर चलना होगा।
मातृपक्ष का ध्यान रखें। पिता से वाद-विवाद न करें। भाग्योन्नति में वृद्धि होगी। मामा पक्ष का सहयोग मिलेगा। भोग-विलास की सामग्री बढ़ेगी। विवाह आदि में बाधा के योग बनते हैं। मित्र वर्ग से सहयोग मिलता रहेगा। आर्थिक मामलों में सावधानी बरतें। मेष राशि वाले मूँगा व पुखराज पहनें तो लाभ होगा। पीले-लाल वस्त्र भी धारण कर सकते हैं। आपके मित्र सिंह, धनु वाले होंगे। शुभ वार मंगल, रवि, गुरु। शुभ दिशा पूर्व-उत्तर। ---------------------------
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वृषभ : इस राशि का स्वामी शुक्र है। यह स्थिर राशि है व वायु तत्व प्रधान होने से इस राशि वाले मस्त स्वभाव के उत्तम कद-काठी के आकर्षक व्यक्तित्व के धनी होते हैं। शुक्र वर्तमान में मंगल राशि वृश्चिक में होने से आपका स्वभाव रसिक मिजाज होगा। सेक्स की ओर रुझान बढ़ेगा। महत्वपूर्ण यात्राएँ होंगी। विद्या, संतान के मामलों में अच्छी सफलता पाएँगे। वाद-विवाद प्रतियोगिता में सफल होंगे।
प्रेम संबंध बढ़ेंगे। शत्रु प्रभावहीन होंगे। बाहरी संबंध बनेंगे जो अनुकूल भी रहेंगे। स्वास्थ्य की दृष्टि से वर्षभर ठीक रहेंगे। आर्थिक मामलों में मिली-जुली स्थिति रहेगी। भाग्योन्नति में वृद्धि होगी। दाम्पत्य जीवन में मधुर वातावरण बना रहेगा। नाना-नानी की ओर से दु:खद समाचार मिल सकता है। कर्ज ना लें तो ही अच्छा रहेगा। साझेदारी के मामलों में सावधानी बरतें। आपके अच्छे मित्र कन्या, मकर राशि वाले होंगे। शुभ वार शुक्र, शनि, बुध। शुभ रत्न ओपल। शुभ दिशा दक्षिण। ---------------------------
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मिथुन : इस राशि का स्वामी बुध है। यह द्विस्वभाव राशि है। इस राशि वाले जातक सामान्य कदकाठी के कुछ स्थूल शरीर वाले दिमागी मामलों में तेज होते हैं। अपनी विद्वता से मान-सम्मान पाने वाले होते हैं। बुध उच्चता का होन से आप प्रत्येक क्षेत्र में अच्छी सफलता पाने वाले होंगे। कार्य में अच्छी सफलता मिलेगी। संतान पक्ष से लाभ मिलेगा। वाहनादि सुख मिलेगा। जनता से संबंधित कार्यों से सफल होंगे।
मातृपक्ष से लाभ होगा। स्त्री पक्ष से प्रसन्नता रहेगी। अविवाहित विवाह सूत्र में बँधेंगे। संतानादि के कार्य में सावधानी बरतें। शत्रु प्रभावहीन होंगे। प्रेम संबंधित मामलों में सतर्कता बरतें। भोग-विलास की सामग्री में वृद्धि होगी। यात्रा के योग बनेंगे। आर्थिक मामलों में सुधार होगा। गुप्त बीमारियों की संभावना रहेगी। शुभ रत्न पन्ना पहनें। शुभ वार बुध, शनि, शुक्र। आपके अच्छे मित्र तुला, कुंभ वाले होंगे। शुभ दिशा पश्चिम। ---------------------------
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कर्क : इस राशि का स्वामी चंद्र होकर यह जल तत्व प्रधान राशि है तथा स्वभाव चर है। अत: इस राशि वाले शांत प्रवृत्ति के कोमल स्वभाव वाले धीर-गंभीर होते हैं। इनका मन चंचल होता है। यह वर्ष आपके लिए खुशहाली का रहेगा। शनि की साढ़े साती उतरती होने से शुभ फल देगी। मान-प्रतिष्ठा व्यापार के क्षेत्र में वृद्धि होगी। जिद्दी स्वभाव त्यागें। स्वास्थ्य आदि उत्तम रहेगा।
नाना-मामा की ओर से सहयोग मिलेगा। संतान से लाभ। कन्या संतति के योग बनेंगे। दाम्पत्य जीवन में मिली-जुली स्थिति रहेगी। आर्थिक लाभ के योग बनते रहेंगे। कुटुम्ब से विशेष लाभ नहीं, आयु उत्तम रहेगी। मातृपक्ष को कष्ट रह सकता है। नौकरीपेशा लाभान्वित होंगे। पुखराज धारण श्रेष्ठ रहेगा। शुभ वार सोम, मंगल, गुरु, शुभ दिशा पूर्व, अच्छे मित्र वृश्चिक, मीन राशि वाले होंगे। ---------------------------
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सिंह : इस राशि का स्वामी सूर्य अग्नि तत्व प्रधान होकर स्थिर राशि है। इस राशि में जन्मे व्यक्ति साहसी, महत्वाकांक्षी, आकर्षक व्यक्तित्व वाले उत्तम कदकाठी के होते हैं। प्रभावशाली होने के साथ दृढ़संकल्पी होते हैं। भाग्योन्नति में इस वर्ष प्रगति होगी। महत्वपूर्ण कार्य बनेंगे। दाम्पत्य जीवन मधुर रहेगा। विवाह संबंध होंगे। आर्थिक उन्नति होगी। बचत के योग भी बनेंगे।
शत्रु प्रभावहीन होंगे। विद्या के क्षेत्र में सफलता मिलेगी। वाद-विवाद प्रतियोगिता में सफल होंगे। राज्य-व्यापार, नौकरी, राजनीति आदि क्षेत्र में सफलता पाएँगे। पिता से लाभ होगा। बाहरी मामलों में सावधानी बरतें। मित्रों से मिली-जुली स्थिति पाएँगे। शुभ रत्न माणिक। शुभ वार रवि, मंगल। शुभ दिशा उत्तर, पूर्व। अच्छे मित्र धनु, मेष राशि वाले होंगे। ---------------------------
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कन्या : इस राशि का स्वामी बुध द्विस्वभाव राशि होने के साथ वायु तत्व प्रधान होने से इस राशि वाले जातक का स्वभाव स्थिर न होकर बदलता रहता है। यह मिली-जुली, मध्यम कदकाठी के होते हैं। दिमागी कार्य में तेज होते हैं। अभी शनि की साढ़े साती के दौर से गुजर रहे हैं, जो इनके लिए ठीक नहीं है। मानसिक अशांति ही महसूस करेंगे। बुध उच्च का होने से कुछ राहत प्रदान करेगा।
मातृपक्ष से लाभ। मकान संबंधी कार्य में सफलता मिलेगी। भाग्य साथ देता नजर आएगा। कुटुम्ब से विशेष लाभ वाली बात नहीं रहेगी। स्वास्थ्य ठीक रहेगा। शत्रु प्रभावहीन होंगे। संतान, विद्या आदि में समय ठीक रहेगा। दाम्पत्य जीवन मधुर बना रहेगा। आर्थिक दृष्टि से यह समय स्वप्रयत्नों से लाभदायक रहेगा। इस बार सरसों का तेल कटोरी में भरकर मुँह देखकर दान करें। शनिपीड़ा शांत होगी। शुभ वार बुध, शनि, शुक्र। शुभ दिशा दक्षिण, पश्चिम। अच्छे मित्र मकर, वृषभ वाले होंगे। ---------------------------
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तुला : इस राशि का स्वामी शुक्र है व पृथ्वी तत्व की राशि होकर चर स्वभाव है। इस राशि में जन्मे जातक सुंदर, स्वस्थ, इकहरे शरीर वाले होते हैं। सौंदर्य व यात्राओं से अधिक लगाव रहता है। इस वर्ष आपको सावधानी रखकर चलना होगा। पारिवारिक मामलों में अनुकूल स्थिति पाएँगे। मकान आदि में सफलता। मातृपक्ष से लाभ। पराक्रम में वृद्धि। भाइयों का सहयोग। आर्थिक मामलों में सफलता मिलेगी।
वाहनादि सावधानी से चलाएँ। राजनीतिज्ञ संभलकर चलें। संतानपक्ष ठीक रहेगा। मनोरंजन पर व्यय होगा। सेक्सी भावना प्रबल होगी। धन का व्यय कुटुम्बियों में हो सकता है। बाहर गाँव की यात्रा या विदेश यात्रा भी संभव। दाम्पत्य जीवन मिला-जुला रहेगा। अपनी नीतियों द्वारा शत्रु पर विजय मिलेगी। स्वास्थ्य ठीक रहेगा। शुभ रत्न औपल 5 रत्ती का चाँदी में पहनें। शुभ वार शुक्र, शनि, बुध। शुभ दिशा पश्चिम। अच्छे मित्र कुंभ व मिथुन राशि वाले होंगे। ---------------------------
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वृश्चिक : इस राशि का स्वामी मंगल सौम्य होगा। स्थिर राशि व जल तत्व प्रधान होने से ऐसे जातक खरी बोलने वाले हृष्ट-पुष्ट होते हैं। शुक्र का भ्रमण वृश्चिक पर होने से भोग-विलास की भावना में वृद्धि होगी। दाम्पत्य सुख उत्तम रहेगा। विवाहादि के योग बनेंगे। पारिवारिक सुख-शांति, मातृ से लाभ रहेगा। पिता को कष्ट। व्यापार, नौकरी आदि में सावधानी बरतें। बाहरी व्यक्तियों से सावधानी रखें।
यात्रा आदि संभलकर करें। आर्थिक उन्नति के योग बनेंगे। संतान आदि में सामान्य स्थिति रहेगी। कुटुम्बियों का सहयोग मिलेगा। स्वास्थ्य ठीक रहेगा। धर्म-कर्म में आस्था बढ़ेगी। शत्रुवर्ग प्रभावहीन होंगे। कर्ज आदि उतरने की संभावना अधिक है। शुभ रत्न मोती व मूँगा। शुभ वार सोम, गुरु, मंगल। शुभ दिशा पूर्व। अच्छे मित्र मीन, कर्क राशि वाले होंगे। ---------------------------
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धनु : इस राशि का स्वामी गुरु द्विस्वभाव राशि होने के साथ अग्नितत्व प्रधान है। इस राशि वाले जातक सामान्य कदकाठी के महत्वाकांक्षी, उच्च सोच रखने वाले प्रभावशाली होते हैं। इनमें ईमानदारी और धर्म के प्रति आस्था का गुण होता है। इस वर्ष गुरु का भ्रमण धनु पर होने से इनके कार्य में सफलता मिलेगी। राज्यपक्ष मजबूत होगा। व्यापार-व्यवसाय में सफल होंगे। पिता से लाभ। नौकरी में सफलता पाएँगे।
विद्यार्थी वर्ग उत्तम स्थिति पाएँगे। संतान से लाभ। भोग-विलास में मन अधिक लगेगा। भाग्य में थोड़ी बाधा के साथ सफलता पाएँगे। मित्रों, भाइयों से सहयोग मिलेगा। शत्रुवर्ग प्रभावहीन होंगे। मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी। चोट आदि लगने की संभावना रहेगी। दाम्पत्य जीवन मधुर बना रहेगा। स्त्री पक्ष से लाभ होगा। अविवाहित विवाह सूत्र में बँधेंगे। शुभ रत्न माणिक, पुखराज। शुभ वार गुरु, रवि, मंगल। शुभ दिशा पूर्व। अच्छे मित्र मेष,सिंह वाले होंगे। ---------------------------
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मकर : इस राशि का स्वामी शनि है। यह चर राशि होकर पृथ्वी तत्व प्रधान राशि होने से इसके जातक मिली-जुली कदकाठी के सरल स्वभाव वाले कुछ साँवले रंग के भी होते हैं। शनि इस वर्ष प्रारंभ में सूर्य की राशि सिंह में होने से कार्य क्षमता में कमी रहती है। राहु का भ्रमण मकर से होने से मानसिक चिंता रहती है। पत्नी से वाद-विवाद की स्थिति बनती है। बाहरी संबंधों से लाभ यात्रा में सफलता मिलेगी।
संतान से लाभ। विद्या में लाभ। मनोरंजन पर खर्च होगा। कन्या संतति हो सकती है। व्यापार-व्यवसाय, नौकरीपेशा, राजनीति से संबंधित व पिता के मामलों में सावधानी बरतें। शेयर सट्टा आदि से बचें। संबंधित लाभ रहेगा। भाग्य साथ देगा। इस वर्ष पन्ना पहनें लाभ होगा। शुभ वार शुक्र, बुध, शनि। शुभ दिशा पश्चिम। अच्छे मित्र वृषभ, कन्या राशि वाले होंगे। ---------------------------
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कुंभ : इस राशि का स्वामी शनि स्थिर राशि होने के साथ वायु तत्व प्रधान राशि है। इस कारण इस राशि वाले जातक इकहरे शरीर, सामान्य सुंदर, मिला-जुला रंग रूप वाले होते हैं। आपको काफी मेहनत करने पर सफलता मिलेगी। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। पत्नी पक्ष से चिंता रहेगी। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। मान-प्रतिष्ठा बनी रहेगी। आर्थिक मामलों में सफलता पाएँगे। भाग्योन्नति में रुकावटों के बाद सफलता मिलेगी।
व्यापार-व्यवसाय में मिली-जुली स्थिति रहेगी। नौकरीपेशा अपने कार्य के प्रति सजग रहें। पिता से मिला-जुला लाभ व सहयोग रहेगा। विवाह आदि के मामलों में सावधानी रखना होगी। गुप्त कार्यों में सफलता पाएँगे। शुभ रत्न फिरोजा। शुभ वार बुध, शुक्र, शनि। शुभ दिशा दक्षिण। अच्छे मित्र मिथुन, तुला वाले होंगे। ---------------------------
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मीन : इस राशि का स्वामी गुरु सौम्य होगा। यह जल तत्व प्रधान द्विस्वभाव राशि है। इस राशि में जन्मे जातक उत्तम कदकाठी के सुंदर, मिलनसार होते हैं। गुरु के गोचरी भ्रमण धनु से होने से राज्यपक्ष, व्यापार, नौकरी के क्षेत्र में अच्छी सफलता पाएँगे। पिता से अच्छा सहयोग मिलेगा। पत्नी पक्ष से लाभ होगा। अविवाहित विवाह सूत्र में बँधेंगे। शत्रु वर्ग से बचकर चलें। वाहनादि सावधानी से चलाएँ।
आर्थिक बचत के योग बनेंगे। कुटुम्बियों से सहयोग मिलेगा। माता से मिली-जुली स्थिति पाएँगे। भाइयों, मित्रों से सहयोग मिलेगा। बाहरी संबंधों में सुधार व सहयोग पाएँगे। यात्रा के योग भी बन सकते हैं। प्रेम विवाह आदि के योग भी बन सकते हैं। शुभ रत्न पुखराज। शुभ दिशा पूर्व, उत्तर। शुभ वार सोम, मंगल, गुरु। अच्छे मित्र कर्क, वृश्चिक राशि वाले होंगे।