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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शनिवार, 26 अक्टूबर 2024 (16:24 IST)

धनतेरस पर इस समय करते हैं यम दीपम, पाप और नरक से मिलती है मुक्ति, नहीं रहता अकाल मृत्यु का भय

Yama deepam date time| धनतेरस पर इस समय करते हैं यम दीपम, पाप और नरक से मिलती है मुक्ति, नहीं रहता अकाल मृत्यु का भय
Dhanteras 2024 dhanteras deep daan: धन तेरस पर यमराज जो दीपदान किया जाता है या कहें कि उनके निमित्त घर के चारों ओर दीप जलाकर उनकी पूजा की जाती है। दक्षिण भारत में धनतेरस पर यम दीपम की परंपरा है।ALSO READ: Dhanteras 2024 Date: धनतेरस पर करें नरक से बचने के अचूक उपाय
यम दीपम सायान्ह सन्ध्या- 29 नवंबर 2024 शाम 05:38 से 06:55 के बीच।
दिशा : घर की दक्षिण दिशा में यम दीपम करें।
 
दीपदान : धनतेरस के दिन यमराज के निमित्त जिस घर में दीपदान किया जाता है, वहां अकाल मृत्यु नहीं होती है। धनतेरस की शाम को मुख्य द्वार पर 13 और घर के अंदर भी 13 दीप जलाने होते हैं। लेकिन यम के नाम का दीपक परिवार के सभी सदस्यों के घर आने और खाने-पीने के बाद सोते समय जलाया जाता है। इस दीप को जलाने के लिए पुराने दीपक का उपयोग किया जाता है जिसमें सरसों का तेल डाला जाता है। यह दीपक घर से बाहर दक्षिण की ओर मुख कर नाली या कूड़े के ढेर के पास रख दिया जाता है। इसके बाद जल चढ़ा कर दीपदान करते समय यह मंत्र बोला जाता है-ALSO READ: Dhanteras jhadu: धनतेरस पर कौन सी और कितनी झाड़ू खरीदें?
 
मृत्युना पाशहस्तेन कालेन भार्यया सह।
त्रयोदश्यां दीपदानात्सूर्यज: प्रीतयामिति।।
 
कई घरों में इस दिन रात को घर का सबसे बुजुर्ग सदस्य एक दीया जला कर पूरे घर में घुमाता है और फिर उसे लेकर घर से बाहर कहीं दूर रख कर आता है। घर के अन्य सदस्य अंदर रहते हैं और इस दीये को नहीं देखते हैं। यह दीया यम का दीया कहलाता है। माना जाता है कि पूरे घर में इसे घूमा कर बाहर ले जाने से सभी बुराइयां और कथित बुरी शक्तियां घर से बाहर चली जाती हैं।
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