गुरुवार, 31 अक्टूबर 2024
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Written By WD

कन्या राशि फलादेश

कन्या राशि फलादेश -
(राशि के आद्याक्षर - पा, पी, प, पु, पं, प, पे, पो, पौ, टो)

आपकी जन्मकुंडली में चंद्रमा 6 अंक के साथ लिखा होगा। इसी कारण आपकी जन्मराशि कन्या मानी गई है। राशि चक्र में इसका स्थान छठवाँ है। इस राशि का स्वामी या मालिक ग्रह बुध माना गया है।

यह राशि चंचल होती है और साधारण तथा कमजोर कही जाती है, किन्तु इस राशि में पैदा हुए कुछ व्यक्ति काफी पराक्रमी व बुद्धिमान पाए गए हैं। यही सही है कि इनका हृदय काफी भावुक रहता है किन्तु फिर भी इन्हें बाल्यावस्था में जैसी शिक्षा-दीक्षा दी जाए, उसके अनुसार ही आचरण बना सकते हैं। इनका मन परिवर्तनशील रहता है। झाँसी की रानी व राजा विक्रमादित्य की भी कन्या राशि थी लेकिन ये व्यक्ति साहस और बुद्धिमानी में किसी से पीछे नहीं थे।

कन्या राशि वाले व्यक्ति चतुर, बुद्धिवादी तथा अपना कार्य अच्छे ढंग से करने वाले होते हैं। बुध ग्रह ज्योतिष शास्त्र में बुद्धिप्रधान माना गया है। इस राशि में बुध ग्रह बलवान होता है। गुरु का फल अच्छा है। शुक्र ग्रह यदि इस राशि में पड़ा हो तो अशुभ माना जाता है।

जन्मकुंडली में बुध किसी अन्य ग्रह के साथ नहीं होना चाहिए। अकेला रहने पर वह अच्छा फल देता है तथा किसी अन्य ग्रह के साथ रहने पर उस ग्रह के अनुसार अच्छा या बुरा फल देता है। कन्या राशि में चंद्रमा के साथ यदि शनि भी पड़ा हो तो ये व्यक्ति हमेशा उदासीन बने रहेंगे। ये शौकीन होते हैं व काफी ठाट-बाट से रहते हैं। नीतिमान तथा विश्वासपात्र होते हैं। अपमान कभी भी सहन नहीं करते हैं। धार्मिक व ईश्वर को मानने वाले होते हैं।