गुरुवार, 28 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. तंत्र-मंत्र-यंत्र
  4. Haldi ke Totke
Written By

बहुत शुभ होती है हल्दी पूजा में, क्यों है इसका इतना महत्व... 11 काम की बातें

बहुत शुभ होती है हल्दी पूजा में, क्यों है इसका इतना महत्व... 11 काम की बातें - Haldi ke Totke
हम सबकी रसोई में सभी मसाले औषधीय महत्व रखते हैं उनमें से भी हल्दी का एक अलग स्थान है वह जितनी सेहत के लिए लाभप्रद है उतना ही धार्मिक कार्यों में भी उसका महत्व है। यहां हम हल्दी के धार्मिक महत्व पर चर्चा करेंगे। 
 
हल्दी विशेष प्रकार की औषधि है, जिसमें दैवीय गुण मौजूद होते हैं। विवाह में वर-वधु को हल्दी चढ़ाने के पीछे भी यही महत्व है कि उन्हें बाहरी बाधाओं से बचाया जाए साथ ही सेहत और सुंदरता के लाभ भी उन्हें मिले। 
 
वास्तव में हल्दी का संबंध बृहस्पति ग्रह से है। 
 
1. पूजा के समय कलाई में या गर्दन पर हल्दी का छोटा सा टीका लगाने पर बृहस्पति मजबूत होता है और वाणी में मजबूती आती है।
 
2.  हल्दी का दान करना शुभ माना जाता है। इससे कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का अंत होता है। गुरु ग्रह में अनुकूलता आती है। 
 
3. पूजा के बाद माथे पर हल्दी का तिलक लगाने से विवाह संबंधी कार्यों में सफलता मिलती है।
 
 
4. घर की बाउंड्री की दीवार पर अगर हल्दी की रेखा बना दी जाए तो घर में नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश नहीं होता।
 
5. नहाते समय अगर नहाने के पानी में चुटकी भर हल्दी डालकर नहाया जाए तो यह शारीरिक और मानसिक शुद्धता देती है। करियर में सफलता के लिए भी यह प्रयोग अचूक है। 
 
6. हल्दी की गांठ पर मौली लपेट कर सिरहाने रखा जाए तो बुरे सपने नहीं आते। बाहरी हवा से भी बचाव होता है। 
 
7. प्रति गुरुवार श्री गणेश को मात्र एक चुटकी हल्दी चढ़ाई जाए तो विवाह संबंधी रुकावटें दूर होती हैं। 
 
8. भगवान विष्णु और लक्ष्मी की प्रतिमा के पीछे हल्दी की पुड़िया छुपा कर रखने से अति शीघ्र विवाह के योग बनते हैं। 
 
9. हल्दी के प्रयोग से जीवन में संपन्नता आती है। यह मानस की नकारात्मकता दूर करती है। इसीलिए इसे हवन में भी इस्तेमाल किया जाता है। 
 
10. सूर्य को हल्दी मिला जल चढ़ाने से कन्या की शादी मनचाहे वर से होती है। 
 
11. हल्दी की माला से कोई भी मंत्र जप किया जाए तो विलक्षण बुद्धि के स्वामी हो सकते हैं। 

ये भी पढ़ें
अयोध्‍या में राम मंदिर बनने और अंतिम बार तोड़े जाने तक का इतिहास