यदि बुध खराब है तो करें लाल किताब के यह उपाय..
कैसे दूर करें बुध ग्रह के अशुभ प्रभाव को...
सूर्य के सबसे निकटतम बुध ग्रह है। इसका हमारे जीवन में गहरा प्रभाव पड़ता है। पौराणिक चरित्रों में चंद्रमा के पुत्र हैं बुध। जिनकी माता का नाम रोहिणी और वे अथर्ववेद के ज्ञाता माने गए हैं। उनका विवाह वैवस्वत मनु की पुत्री इला से हुआ। उन्हें बुध ग्रह का स्वामी माना गया है। देवों की सभा में बुध को राजकुमार कहा गया है।
लाल किताब अनुसार बुध ग्रह के बुरे प्रभाव को शांत करने के लिए दुर्गा की पूजा करने की हिदायत दी गई है। यह कुंडलिनी में बारहवें स्थान के स्वामी होने के साथ ही दलाली और व्यापार के कार्यों में मदद करते हैं। कन्या और मिथुन राशि के स्वामी बुध के सूर्य, शुक्र और राहु मित्र, चंद्र शत्रु और मंगल, गुरु, शनि और केतु सम। लेकिन अकेले शुक्र के साथ बुध बैठकर बलशाली बन जाते हैं।
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यदि आप पर बुध ग्रह का अशुभ प्रभाव पड़ रहा है तो आपको व्यापार, दलाली, नौकरी आदि कार्यों में नुकसान उठाना पड़ेगा। आपकी सूंघने की शक्ति कमजोर हो जाएगी। समय पूर्व ही दांत खराब हो जाएंगे। आपके मित्रों से संबंध बिगड़ जाएंगे। संभोग की शक्ति क्षीण हो जाएगी। बहन, बुआ और मौसी किसी विपत्ति में है, तो भी आपका बुध ग्रह अशुभ प्रभाव वाला माना जाएगा।इसके अलावा यदि आप तुतले बोलते हैं तो भी बुध ग्रह अशुभ माना जाएगा। व्यक्ति खुद ही अपने हाथों से बुध ग्रह को खराब कर लेता है, जैसे यदि आपने अपनी बहन, बुआ और मौसी से संबंध बिगाड़ लिए हैं तो बुध ग्रह विपरीत प्रभाव देने लगेगा। कुंडली में यदि बुध ग्रह केतु और मंगल के साथ बैठा है तो यह मंदा फल देना शुरू कर देता है। शत्रु ग्रहों से ग्रसित बुध का फल मंदा ही रहता है। ऐसे में यह उपरोक्त सभी तरह के संकट खड़े कर देता है। आठवें भाव में बुध ग्रह शनि और चंद्र के साथ बैठा है तो पागलखाना, जेलखाना या दवाखाना किसी भी एक की यात्रा करा देता है। हालांकि बुध ग्रह को अच्छे प्रभाव देने वाला भी बनाया जा सकता है।
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