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Last Updated : सोमवार, 28 फ़रवरी 2022 (19:10 IST)

क्या शनि और बुध के प्रभाव से बढ़ रहा है अंतरराष्ट्रीय तनाव, जानिए सितारों की चाल

क्या शनि और बुध के प्रभाव से बढ़ रहा है अंतरराष्ट्रीय तनाव, जानिए सितारों की चाल - Russia Ukraine War Saturn Mercury planet
Russian ukraine war: ज्योतिष विद्वानों के अनुसार वर्तमान में रशिया यूक्रेन के बीच युद्ध के चलते जो अंतरराष्ट्रीय तानव देखने को मिल रहा है वह मकर राशि में स्थित शनि और बुध की युति के साथ ही पंचग्रही योग है जिसके चलते यह स्थिति बनी है।
 
 
बुध का गोचर मकर राशि में : 15 जनवरी से ही बुध कभी वक्री तो कभी मार्गी होकर मकर राशि में बना हुआ है। बुध साल 2022 में 6 मार्च को रविवार की सुबह 11 बजकर 31 मिनट पर मकर राशि से कुंभ राशि में गोचर करेगा। इसके बाद 18 मार्च, 2022 को बुध ग्रह इसी राशि में अस्त हो जाएगा। फिर 24 मार्च, 2022 को मीन राशि में गोचर करेगा।
 
 
शनि का गोचर मकर राशि में : शनि ग्रह तो पिछले दो साल से ही मकर रशि में गोचर कर रहा है। यह जब से मकर में आया है तब से देश दुनिया में टेंशन बढ़ गई है। इस राशि में यह कभी वक्री तो कभी मार्गी, कभी उदय तो कभी अस्त होता रहा है। 29 अप्रैल 2022 को यह कुंभ राशि में गोचर करेगा।
 
मकर में बुध और शनि की युति : ज्योतिष विद्वानों के अनुसार मार्च माह तक यह तनाव रहेगा क्योंकि शनि की राशि में शनि के साथ बुध गोचक करके बुद्धिभ्रष्ट कर रहा है। कहा जा रहा है कि लग्नेश शनि जो है, वह बुध ग्रह के साथ स्वग्रही है और जब यह स्थिति बनती है तो वह बुद्धि को भ्रष्ट करने का काम करते हैं। अनेक देशों में शनि और बुध मिलकर तनाव पैदा करेंगे। शनि और राहु का नवम पंचम योग भी बनने के कारण देशों के बीच निर्णय नहीं होगा और भतभेद कायम रहेगा। इसे घबराहट और अराजकता की स्थिति बनी रहेगी।
panch grahi yog
पंचग्रही योग : इस वक्त मकर राशि में शनि, बुध विराजमान है। सूर्य और बृहस्पति ग्रह कुंभ राशि में, मंगल और शुक्र ग्रह धनु राशि में, चंद्र वृश्‍चिक राशि में, राहु वृषभ में और केतु वृश्‍चिक राशि में मौजूद है। 27 फरवरी को मंगल और 28 फरवरी को शुक्र और चंद्र मकर राशि में प्रवेश करके पंचग्रही योग बनाएंगे। यह योग 1 मार्च की शाम तक बना रहेगा फिर चंद्र निकलकर कुंभ में प्रवेश करेंगे तब मकर राशि में चतुग्रही योग कई दिनों तक बना रहेगा। पंचग्रही योग 27 फरवरी से 10 मार्च तक प्रभावी रहेगा।
 
 
मंगल शनि की युति का असर : कहा जाता है कि मंगल जब भी शनि की राशि में गोचर करता है या शनि के सात युति बनाता है तब-तब धरती पर संतोष, युद्ध, अग्निकाण्ड, भूकंप और तूफाओं का जन्म होता है। वर्तमान में ऐसा ही कुछ हो रहा है। ज्योतिष में मंगल ग्रह को युद्ध का कारक ग्रह और मंगलदेव को युद्ध का देवता माना जाता है। मकर राशि में शनि के साथ युति बनाकर मंगल करेगा राजनीति में परिवर्तन। 17 मई 2022 तक रहेगी देश-दुनिया में राजनीतिक अस्थिरत। सत्ता परिवर्तन होंगे। मंगल से संबंधित वस्तुओं में तेजी रहेगी और जनता परेशान रहेगी। जंगल में आग लगने की संभावना है। मंगल का यह गोचर और शनि के साथ उसकी युति दुनिया में तृतीय विश्‍व युद्ध की भूमिका तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। लेकिन अच्छी बात यह रहेगी कि मंगल के प्रभाव के चलते महामारी का प्रकोप लगभग समाप्त हो जाएगा।
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