ग्रहों के अनुरूप चुनें विषय
चौथे व पाँचवें भाव से जानें विषय
दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण करते ही 'कौन-सा विषय चुनें' यह यक्ष प्रश्न बच्चों के सामने आ खड़ा होता है। माता-पिता को अपनी महत्वाकांक्षाओं को परे रखकर एक नजर कुंडली पर भी मार लेनी चाहिए। बच्चे किस विषय में सिद्धहस्त होंगे, यह ग्रह स्थिति स्पष्ट बताती है। * विषय के चुनाव हेतु कुंडली के चौथे व पाँचवें भाव का प्रमुख रूप से अध्ययन करना चाहिए। साथ ही लग्न यानी व्यक्ति के स्वभाव का भी विवेचन कर लेना चाहिए। ग्रहानुसार विषय : * यदि चौथे व पाँचवें भाव पर हो।1.
सूर्य का प्रभाव - आर्ट्स, विज्ञान2.
मंगल का प्रभाव - जीव विज्ञान3.
चंद्रमा का प्रभाव - ट्रेवलिंग, टूरिज्म, 4.
बृहस्पति का प्रभाव - किसी विषय में अध्यापन की डिग्री5.
बुध का प्रभाव - कॉमर्स, कम्प्यूटर6.
शुक्र का प्रभाव- मीडिया, मास कम्युनिकेशन, गायन, वादन7.
शनि का प्रभाव- तकनीकी क्षेत्र, गणितइन मुख्य ग्रहों के अलावा ग्रहों की युति-प्रतियुति का भी अध्ययन करें, तभी किसी निष्कर्ष पर पहुँचें। (जैसे शुक्र और बुध हो तो होम्योपैथी या आयुर्वेद पढ़ाएँ) ताकि चुना गया विषय बच्चे को आगे सफलता दिला सके।