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Written By WD Feature Desk
Last Modified: सोमवार, 16 जून 2025 (14:24 IST)

मंगल केतु की युति से होता है भयानक हादसों का सृजन, इसलिए 28 जुलाई तक ऐसी जगहों से बचकर रहें

मंगल केतु की युति
Kunj Ketu Yog 2025: 18 मई 2025 को केतु ने सिंह राशि में गोचर किया था और अब इसी राशि में 7 जून 2025 को मंगल ग्रह ने भी प्रवेश करके कुंजकेतु योग बनाया है। यह योग 28 जुलाई 2025 तक रहेगा। 18 साल बाद यह योग बना है। मंगल आग एवं युद्ध और केतु हानि और मोक्ष प्रदाता है। यानी युद्ध या आग में अधिकतर लोगों की मौत होगी। केतु और मंगल की युति से एक ही जगह पर एक ही समय में अधिक संख्या में मौत होती है।  
केतु मंगल का कुंजकेतु योग 'कुजोवत् केतु' अर्थात केतु का स्वभाव मंगल जैसा होता है। दोनों ही उग्र, आक्रामक और प्रतिशोधी ग्रह हैं। यह आग और विस्फोट को जन्म देता है। सूर्य की सिंह राशि को शासक माना गया है। सूर्य को सभी ग्रहों का राजा बताया गया है, जो नेतृत्व, सत्ता और राजधर्म से जुड़ा है। 'राज्येषु सिंहः, बलिनां च बलं हरिः.' यानि मंगल-केतु की युति सत्ता के लिए विस्फोटक है। साथ ही वैश्विक राजनीतिक व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
 
इस दौरान देश दुनिया में घटना, दुर्घटना, खून खराब, आंदोलन और विद्रोह के साथ ही सत्ता परिवर्तन की ओर भी संकेत करता है। मंगल साहस, युद्ध और क्रोध पर प्रभाव डालने वाला है और केतु का काम होता है हर कार्य में रुकावट डालना और दुर्घटनाओं को जन्म देना। इसी के साथ केतु रहस्यमयी विद्याओं की ओर भी संकेत करता है। केतु और मंगल की युति को अच्छा नहीं माना जाता है। यह लोगों में जोश के साथ असंतोष को भी जन्म देता है। यह भ्रम पैदा करके रिश्तों में अलगाव को बढ़ाता है जिसके चलते मानसिक तनाव भी बढ़ाता। ऐसे में ऐसी जगहों से बचकर रहें।
 
भीड़भाड़ वाली जगहों से रहें दूर: सबसे पहले तो ऐसी जगहों से दूर रहें जहां पर अधिक संख्‍या में लोग एकत्रित हो रहे हैं। जहां भगदड़ के चांस है या दुर्घटना के योग बन सकते हैं। यानि किसी तीर्थ स्थान, रेलवे स्टेशन या ऐसी जगह जहां पर लोग बड़ी संख्या में एकत्रित हो रहे हैं। किसी ऐसे कार्यक्रम में भी अभी जाना टाल दें जहां पर हजारों की संख्या में लोग एकत्रित हो रहे हैं। 
 
खतरे वाले क्षेत्र: ऐसे लोग जो खतरे वाले क्षेत्र में रहते हैं- जैसे सीमावर्ती क्षेत्र, ज्वालामुखी वाले क्षेत्र, समुद्र तट, भूकंप वाले क्षेत्र और मिश्रित धर्म या जाति वाले क्षेत्र आदि जगहों पर रहने वाले लोगों को अतिरिक्त सावधानी रखना चाहिए।
 
चार राशियां रहें संभलकर:
इस युति का सिंह, वृश्चिक, कुंभ और वृषभ राशि पर विशेष प्रभाव होगा। इन राशियों के लोगों को अपने संबंध, नौकरी, व्यापार और धन को संभालकर रखना होगा। 28 जुलाई तक हनुमानजी की उपासना करना होगी। मंदिर में एक सफेद ध्वज लगाना होगा। गुस्से और प्रतिशोध की भावना से बचें, अन्यथा यह काल जीवन को पूरी तरह उलझा सकता है। मंगल की मेष और वृश्चिक राशि वालों को भी थोड़ा बहुत सावधान रहने की जरूरत है। 
 
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