जानिए क्या है पुष्य नक्षत्र का महत्व
क्या होता है पुष्य नक्षत्र
सामान्यजन पुष्य नक्षत्र से बहुत गहराई से परिचित नहीं हैं, लेकिन फिर भी इसके अत्यंत शुभ होने के बारे में जानकारी तो जन-जन में है। इस शुभ काल में खरीद-फरोख्त बहुत शुभ मानी जाती है। आइए, गहराई से जानते हैं कि पुष्य नक्षत्र क्या होता है और इस नक्षत्र में जन्मे जातक किस प्रकार अपने जीवन में उन्नति करते हैं।
पुष्य नक्षत्र को अन्य नामों जैसे तिष्य और अमरेज्य से भी जाना जाता है। इस नक्षत्र की उपस्थिति कर्क राशि के 3-20 अंश से 16-40 अंश तक है। 'अमरेज्य' का शाब्दिक अर्थ है, देवताओं के द्वारा पूजा जाने वाला। शनि इस नक्षत्र के स्वामी ग्रहों के रूप में मान्य हैं, लेकिन गुरु के गुणों से इसका साम्य कहीं अधिक बैठता है।जब किसी जातक की कुंडली में चन्द्रमा इस नक्षत्र पर आता है, तो उस व्यक्ति में निम्नलिखित गुण दिखाई देते हैं- ब्राह्मणों और देवताओं की पूजा करने में अटूट विश्वास, धन-धान्य की संपन्नता, बुद्धिमत्ता, राजा या अधिकारियों का प्रिय होना, भाई-बंधुओं से युक्त होना। देखा जाए तो ये सभी गुण गुरु के हैं और यह इन बातों से सिद्ध भी होता है।