गुरु मीन में : राशियों पर प्रभाव
कन्या, वृषभ और मकर पर बृहस्पति भारी
ज्योतिषी गणनाओं के अनुसार 2 मई के दिन सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति ने मीन राशि में प्रवेश किया है। जिसका कुछ राशियों पर अच्छा तो कुछ पर खराब प्रभाव पड़ेगा। बृहस्पति के कोप से बचने के लिए दान-पुण्य के साथ ग्रहों को शांत करने के लिए निदान करना आवश्यक है।बृहस्पति जो अभी तक कुंभ में था, वह 2 मई मीन राशि में प्रवेश कर चुका है। ज्योतिषाचार्य पं. जी.एम. हिंगे के अनुसार धनु, सिंह, मेष इन राशियों को क्रमशः चौथा, आठवाँ, बारहवाँ गुरु है। वहीं कन्या, वृषभ, मकर वाले जातकों की राशियों के लिए लोहपाद से बृहस्पति आ रहा है। उनको निदान के लिए पूजा-अर्चना करते रहना चाहिए। मीन, मकर, तुला और मिथुन राशि के लिए क्रमशः पहला, तीसरा, छठवाँ व दसवाँ होने से जाप, दान पूजा इनमें से एक का अनुष्ठान करने से उस ग्रह की पीड़ा का निदान हो सकता है।
ज्योतिषी के अनुसार बृहस्पति के पीड़ा निवारणार्थ पुण्यकाल में जाप, दान, पूजा करना अत्यंत पुण्य फलदायक होता है। कन्या, वृषभ, मकर राशि पर लोहे के पाए से बृहस्पति आया है। इसका फल कष्टकारक है। इन तीनों राशि वाले जातकों को गुरु बृहस्पति की पूजा अवश्य करना चाहिए।बृहस्पति मीन में आने से किसी राशि को फायदा होगा तो किसी को नुकसान होगा। यह धनु, कर्क, मेष राशि के जातकों के लिए चिंताकारक है। वृश्चिक, सिंह, कुंभ राशि के लिए यह शुभकारक है। तुला, मिथुन, मीन राशि के लिए लक्ष्मी जी की प्राप्तिकारक है। वहीं कन्या, वृषभ मकर के लिए यह कष्टकारक है।बृहस्पति की शांति के लिए जातकों को सोना, काँसा धातु, पुखराज, चने की दाल, शक्कर, पीला वस्त्र, पीले फूल, सुपारी, दक्षिणा आदि वस्तुओं का दान करना चाहिए। साथ ही अपने गुरु का मंत्र जाप कर दान करने से बृहस्पति आपको शांति प्रदान करेगा।