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Written By WD Feature Desk

रंगपंचमी को क्यों कहते हैं देव होली, कैसे मनाते हैं इस त्योहार को?

रंगपंचमी को क्यों कहते हैं देव होली, कैसे मनाते हैं इस त्योहार को? - Why is Rangpanchami called Dev Holi, how is this festival celebrated
Importance of Rang Panchami : रंगपंचमी होली के पांच दिन बाद चैत्र कृष्ण पंचमी को मनाया जाता है। यह रंगों के उत्सव का एक और रूप है, जिसमें लोग एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाकर खुशी और भाईचारे का संदेश देते हैं। आइए जानते हैं पर्व का महत्व...ALSO READ: होली या रंगपंचमी पर रंग छुड़ाने के 5 आसान तरीके
 
रंगपंचमी का महत्व: रंग पंचमी एक ऐसा त्योहार है जो रंगों के महत्व को दर्शाता है। रंगपंचमी होली के उत्सव को आगे बढ़ाता है और रंगों के साथ खेलने का एक और मौका प्रदान करता है। यह त्योहार वसंत ऋतु के आगमन और प्रकृति के रंगों का जश्न मनाने का प्रतीक भी है। एकता और भाईचारे का यह पर्व लोगों को एक साथ आने, भेदभाव भूलने और खुशी और उत्साह के साथ त्योहार मनाने का अवसर प्रदान करता है।
 
इस दिन लोग एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाते हैं, ढोल-नगाड़ों और संगीत के साथ नाचते-गाते हैं। रंग पंचमी एक ऐसा त्योहार है जो हमें खुशियां मनाने और अपनों के साथ समय बिताने का अवसर देता है। हमें इस त्योहार को प्रेम और सद्भाव के साथ मनाना चाहिए।ALSO READ: इन 5 कारणों से मनाते हैं होली के बाद रंग पंचमी, रंगपंचमी का महत्व और कहां-कहां है इसका प्रचलन
 
इस दिन विशेष रूप से पानी वाले रंगों का उपयोग किया जाता है, जिससे यह त्योहार और भी मजेदार और रोमांचक बन जाता है। लोग एक दूसरे पर पानी डालते हैं, पिचकारियों से रंग भरते हैं और रंगों में सराबोर होकर आनंद लेते हैं। साथ ही रंगपंचमी पर सूखे रंगों की होली खेलकर यह दिन पानी बचाने का संदेश भी देता है। 
 
रंगपंचमी का धार्मिक महत्व: धार्मिक मान्यता के अनुसार, रंगपंचमी के दिन देवी-देवता भी होली खेलते हैं। रंग पंचमी को 'देव पंचमी' भी कहा जाता है। इस दिन देवताओं की पूजा की जाती है और उन्हें रंग अर्पित किए जाते हैं। मान्यता है कि इस दिन रंग खेलने से देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसलिए इस दिन रंग खेलना और भी शुभ माना जाता है। इस दिन हवा में गुलाल उड़ाने की परंपरा है। 
 
रंगपंचमी की मान्यता के मुताबिक इस दिन रंगों से देवी-देवताओं की पूजा की जाती है तथा आसमान में उड़ाए गए रंगों से देवी-देवता हमसे खुश होकर अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं। इस संबंध में ऐसी भी मान्यता है कि आपसी प्रेम का त्योहार होली और देवी-देवताओं की आराधना का त्योहार रंग पंचमी होता है। इतना ही नहीं रंगपंचमी पर हवा में गुलाल को उछालकर देवताओं को यह अर्पित भी किया जाता है।
 
यह त्योहार भारतीय संस्कृति में रंगों के महत्व को दर्शाता है तथा रंग हमारे जीवन में खुशी, उत्साह और सकारात्मकता लाते हैं। रंग पंचमी को सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिकता का प्रतीक माना जाता है। यह त्योहार हमें प्रकृति के साथ जुड़ने और जीवन में खुशियां लाने का संदेश देता है।
 
यह त्योहार वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है। तथा लोगों को एक साथ आने और सामाजिक बंधनों को मजबूत करने तथा धार्मिक उत्सवों को नया अवसर प्रदान करता है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और हमें यह याद दिलाता है कि हमें हमेशा प्रेम, भाईचारे और एकता के साथ रहना चाहिए। 
 
इस तरह रंगपंचमी एक रंगीन और आनंदमय त्योहार है जो हमें खुशी, भाईचारा और एकता का संदेश तो देता ही है, साथ ही यह त्योहार हमें यह भी याद दिलाता है कि हमें जीवन को रंगों से भरना चाहिए और हर पल का आनंद लेना चाहिए। इस दिन लोग एक-दूसरे को गले मिलकर शुभकामनाएं देते हैं। ALSO READ: रंग पंचमी पर आजमा लें ये 5 अचूक उपाय, पूरा साल रहेगा खुशियों भरा

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