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Last Updated : मंगलवार, 15 मार्च 2022 (07:51 IST)

सूर्य मीन संक्रांति क्या है, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा की सरल विधि

सूर्य मीन संक्रांति क्या है, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा की सरल विधि । Meen Sankranti 2022 - What is Meen Sankranti Shubha Muhurt and worship method
14 मार्च 2022 सोमवार को मीन संक्रांति 2022 है। यह अंतिम संक्रांति मानी गई है। 14 और 15 मार्च की मध्य रात्रि में होगा सूर्य का राशि परिवर्तन। मीन संक्रांति क्या होती है, इस दिन के शुभ मुहूर्त और पूजा की सरल विधि जानिए। मीन संक्रांति के दूसरे दिन से खरमास प्रारंभ हो जाता है। खरमास में किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।
 
 
मीन संक्रांति क्या होती है (Surya ka Meen rashi me gochar 2022) : सूर्य के एक राशि से दूसरे राशि में गोचर करने को संक्रांति कहते हैं। सूर्य प्रत्येक माह दूसरी राशि में गोचर करता है। इस तरह वर्ष में 12 संक्रातियां होती हैं। सूर्य मेष राशि से अंतिम राशि मीन तक (Sun transit in Pisces Meen Rasi 2022) भ्रमण करता है। सूर्य के मीन राशि में प्रवेश को मीन संक्रांति कहते हैं। मीन राशि गुरु की राशि है। सूर्य और गुरु आपसी में मित्र हैं और इनकी राशियां भी मित्र राशियां हैं।
 
 
शुभ योग : सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: 06:08 से रात्रि 10:08 तक।
 
14 मार्च के शुभ मुहूर्त :
अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:43 से दोपहर 12:31 तक।
अमृत काल मुहूर्त : दोपहर 03:11 से 04:56 तक।
विजय मुहूर्त : दोपहर 02:07 से 02:55 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 05:54 से 06:18 तक।
सायाह्न संध्या मुहूर्त : शाम 06:06 से 07:18 तक
निशिता मुहूर्त : रात्रि 11:43 से 12:31 तक।
 
surya in meen
सरल पूजा विधि :
1. मीन संक्रांति के दिन सूर्यदेव की पूजा और उपासना की जाती है, जिससे जीवन की नकारात्मकता दूर होकर ऊर्जा की प्राप्ति होती है।
 
 
2. इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर नदी में स्नान करें या घर में सामान्य पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें। 
 
3. स्नान करने के बाद तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें चंदल, चावल तथा फूल मिलाकर सूर्यदेव को प्रणाम करके उन्हें अर्घ्य दें। उस समय तांबे या कांसे की थाली नीचे रख लें ताकि सूर्य को चढ़ाया गया जल उसमें एकत्रित हो जाए। उस जल को माथे पर, हृदय पर और दोनों बाहों में लगाएं।
 
 
4. मंदिर जाकर भगवान के दर्शन करें और सूर्य देव के मंत्रों का जाप करें। साथ ही आदित्यह्रदय स्त्रोत का पाठ करें। ऐसा करने से कुंडली में सूर्य ग्रह के नकारात्मक प्रभाव में कमी आती है।
 
5. इस दिन दान करना और गाय का चारा खिलाना भी बहुत शुभ माना गया है।
 
वर्जित कार्य : सूर्यदेव का जब-जब गुरु की राशि धनु एवं मीन में परिभ्रमण होता है या धनु व मीन संक्रांति होती है तो वह मलमास कहलाती है। ऐसे में सभी तरह के मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं। मलमास में नामकरण, विद्या आरंभ, कर्ण छेदन, अन्न प्राशन, उपनयन संस्कार, विवाह संस्कार, गृहप्रवेश तथा वास्तु पूजन आदि मांगलिक कार्यों को नहीं किया जाता है। मतलब यह कि 14 मार्च से 14 अप्रैल तक सभी मांगलिक कार्य बंद रहेंगे।
 
 
क्या करें : इस माह में अपने अराध्य देव की अराधना करें। सूर्यदेव को अर्घ्य दें। तिल, वस्त्र और अनाज का दान करें। गाय को चारा खिलाएं। गंगा, यमुना आदि पवित्र नदियों में स्नान करें। बृहस्पति का उपवास करें और उपाय भी करें। गुरुवार को मंदिर में पीली वस्तुएं दान करें।