Astrology Prediction 2024: वर्ष 2020 के बाद से ही देश और दुनिया के हालात लगातार बदलते और गिरते जा रहे हैं। महामारी, भूकंप, बाढ़, दंगे, विद्रोह, आंदोलन, तख्तापलट, युद्ध, आतंकवाद और महंगाई की चपेट में हर देश है। ऐसा समय करीब 80 वर्ष पहले था जबकि दूसरा विश्व युद्ध प्रारंभ हुआ था। ज्योतिष मानते हैं कि यह सभी ग्रहों के कारण हुआ था और वर्तमान में भी ग्रहों की ऐसी ही स्थिति बनी हुई है। आओ डालते हैं ज्योतिष के साथ ही भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणियों पर एक नजर।
शनि का मीन में गोचर : ज्योतिष के अनुसार 29 मार्च 2025 को शनि मीन राशि में प्रवेश करेंगे। 29 मार्च 2025 को जब शनि ग्रह कुंभ से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेगा तब दुनिया में विश्व युद्ध की शुरुआत की भूमिका का दूसरा चरण प्रारंभ होगा। रशिया यूक्रेन, इजरायल हमास के बाद बदलती दुनिया में अब नए मोर्चों पर युद्ध का बिगुल बज सकता है। कुंभ राशि में स्थित शनि के प्रभाव के कारण अकाल, युद्ध, विस्फोट, भूचाल, महामारी के साथ ही जनवरी माह 2025 में कोई बड़ी प्राकृतिक आपदा आने की संभावना है जिसके चलते बड़ी तादाद में जन और धन हानि होने की आशंका है।
तीन गुना अतिचारी बृहस्पति का मिथुन में गोचर : ज्योतिष के अनुसार 14 मई 2025 से गुरु ग्रह वृषभ से निकलकर मिथुन राशि में 3 गुना अतिचारी हो रहे हैं। अतिचारी यानी वे अब तेज गति से एक राशि को बहुत कम समय में पार करके पुन: उसी राशि में वक्री लौटेंगे और फिर मार्गी होकर पुन: अगली राशि में चले जाएंगे। ऐसे वे 8 वर्षों तक करेंगे। बृहस्पति की इस असामान्य गति से धरती पर हलचल बढ़ जाएगी, क्योंकि बृहस्पति की मीन राशि में शनि और राहु की युति मई 18 मई 2025 तक रहेगी। बृहस्पति ग्रह जीवन, शीतलता, सुख, समृद्धि, उन्नति और बुद्धि प्रदान करता है परंतु जब इसकी चाल बिगड़ जाए तो भारी नुकसान देखने को मिलते हैं। बड़े पैमाने पर जलवायु परिवर्तन के चलते धरती के मौसम और तापमान में बदलाव हो जाएगा।
राहु का मीन में गोचर : 18 मई 2025 को राहु ग्रह बृहस्पति की राशि मीन से निकलकर कुंभ में प्रवेश करेगा। कुंभ में राहु के जाने से देश दुनिया हलचल और तेज हो जाएगी। कोरोना वायरस की तरह किसी नई महामारी के आने की संभावना है। टेक्नोलॉजी इतनी विकसित हो जाएगी जिसकी कभी किसी ने कल्पना नहीं की होगी। लोग अंतरिक्ष में जाने की योजना बनाएंगे।
13 दिन का पक्ष : हिंदू पंचांग के अनुसार संवत 2081 में इस बार आषाढ़ माह में 15 दिन की बजाय 13 दिन का पक्ष रहा। यह पक्ष 23 जून से शुरू होकर 5 जुलाई को समाप्त हुआ। कहते हैं कि 13 दिन के पक्ष के चलते देश और दुनिया में प्राकृतिक आपदाएं, युद्ध, विद्रोह, महामारी और भूस्खलन, भूकंप और बादल फटने जैसे हादसे होते हैं। जब जब यह पक्ष आया है तो दुनिया में तबाही का दौर भी शुरू हुआ है।
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नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी : 521 वर्ष पूर्व हुए नास्त्रेदमस के अनुसार '27 अक्टूबर 2025 को मेष के प्रभाव में तीसरी किस्म की जलवायु आएगी, एशिया का राजा मिस्र का भी सम्राट बनेगा। युद्ध, मौतें, नुकसान और ईसाइयों की शर्म के हालात बनेंगे।-( नास्त्रेदमस 3/77 सेंचुरी)।
'एक मील व्यास का एक गोलाकार पर्वत अंतरिक्ष से गिरेगा और महान देशों को समुद्री पानी में डुबो देगा। यह घटना तब होगी, जब शांति को हटाकर युद्ध, महामारी और बाढ़ का दबदबा होगा। इस उल्का द्वारा कई प्राचीन अस्तित्व वाले महान राष्ट्र डूब जाएंगे।' (I-69) तबाही के बाद शांति होगी। इस शांति से पहले पूरी दुनिया में 72 घंटे का अंधेरा छा जाएगा। पहाड़ों पर बर्फ गिरेगी और कई देशों के युद्ध शुरू होते ही खत्म हो जाएंगे। ऐसा एक प्राकृतिक घटना के कारण होगा।
बाबा वेंगा की भविष्यवाणी : 113 वर्ष पूर्व हुए बाबा वेंगा के अनुसार वर्ष 2025 में यूरोप की आबादी लगभग खत्म हो जाएगी या शून्य हो जाएगी। बाबा वेन्गा के अनुसार महान युद्ध होगा जिसमें ड्रैगन दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति बन जाएगा। उन्होंने कहा कि एक मजबूत ड्रेगन मानवता को जब्त कर लेगा।
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अच्युतानंद की भविष्यवाणी : 514 वर्ष पूर्व ओडिशा में हुए संत अच्युतानंद दास की भविष्यवाणी का अनुवाद करने वाले लोगों के अनुसार 29 मार्च 2025 को जब शनि ग्रह कुंभ से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेगा तब दुनिया में विश्व युद्ध की शुरुआत की भूमिका का दूसरा चरण प्रारंभ होगा। जब गगन गादी संभालेंगे तब जगन्नाथ का मंदिर समुद्र के जल में डूब जाएगा। मंदिर क्या संपूर्ण ओडिशा में जल प्रलय होगी। भविष्यवाणी के अनुसार एक संत के हाथों में होगी देश की बागडोर जो अविवाहित होगा। वही संपूर्ण क्षत्रप होगा। जब गगन गादी पर होंगे और उड़ीसा के दिव्य सिंह राजा गादी पर होंगे तब भारत पर आक्रमण होगा। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में ओडिशा के राजा देवी सिंह गजपति गद्दी पर विराजमान हैं और गगन नामक सेवक भी जगन्नाथ मंदिर की गद्दी पर विराजमान हैं। उड़ीसा में ऐसी जनश्रुति है कि वर्ष 2024 से लेकर 2033 तक दुनिया में सब कुछ बदल जाएगा।