संक्रांति का शुभ फल विविध प्रकार के दान देने से कई गुना बढ़ जाता है। तिलदान, वस्त्रदान, कम्बल-गर्म वस्त्रदान, चावल तथा मूंग की दाल की खिचड़ी, गुड़, तिल व गुड़ से बनी वस्तुएं जैसे गजक, रेवड़ी, लड्डू इत्यादि का दान, बर्तन या रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुएं दान करने का विशेष महत्व है।
तिल मिले जल से स्नान, तिल को पीसकर बनाया उबटन, तिल से हवन, तिल का सेवन इत्यादि का प्रयोग करने से पुण्य फल मिलता है।
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जानिए मकर संक्रांति का राशिफल
1. मेष राशि : प्रतिष्ठा, सम्मान वृद्धि।
2. वृषभ राशि : भय, क्लेश, चिंता।
3. मिथुन : ज्ञान वृद्धि, आध्यात्मिक रुचि।
4. कर्क राशि : कलह, विवाद, द्वेष।
5. सिंह राशि : धन, यश लाभ।
6. कन्या राशि : सुख-शांति, संतोष।
7. तुला राशि : धन, ऐश्वर्य वृद्धि।
8. वृश्चिक राशि : हानि, दु:ख।
9. धनु राशि : यश, धनवृद्धि।
10. मकर राशि : आध्यात्मिक रुचि, इष्ट लाभ।
11. कुम्भ राशि : आध्यात्मिक रुचि, धर्म लाभ।
12. मीन राशि : हानि, कष्ट, दु:ख।
आगे पढ़ें संक्रांति का महत्व और सूर्य के मंत्र
वायु पुराण के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में स्नान तथा बाल सूर्य को अर्घ्य देकर नमस्कार कर गौशाला में चारा व गरीबों को भोजन कराएं।
इसी दिन सूर्य उत्तरायन होता है। देवताओं की रात्रि समाप्त होकर दिन शुरू होता है।
सूर्य देवता का पूजन तथा पितृ शांति हेतु किए गए उपाय सफल रहते हैं।
श्वेत वस्त्र धारण कर भगवान आदित्य के किसी भी मंत्र का यथाशक्ति जप करें।
नदी, सरोवर आदि तीर्थस्थल पर स्नान से कई गुना पुण्य फल बढ़ जाता है।
सूर्य मंत्र-
1. ॐ घृणिं सूर्याय नम:।
2. ॐ ह्रां ह्रीं ह्रों स: सूर्याय नम: इत्यादि।