• HIGHLIGHTS
• मई माह का पहला प्रदोष व्रत कब रखा जागा।
• प्रदोष व्रत क्यों करते हैं।
• प्रदोष व्रत में किसका पूजन किया जाता है।
Ravi pradosh vrat : धार्मिक शास्त्रों के अनुसार प्रतिमाह में 2 बार अर्थात् कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। इस व्रत में भगवान शिव जी तथा माता पार्वती की आराधना की जाती है। प्रदोष व्रतधारी को रविवार के दिन नमकरहित भोजन करना चाहिए। इस बार वर्ष 2024 में मई महीने का प्रथम प्रदोष व्रत वैशाख कृष्ण त्रयोदशी तिथि के दिन 05 मई, दिन रविवार को रखा जा रहा है।
महत्व: मान्यतानुसार यह व्रत लंबी आयु देने और जीवन में खुशियां लाता है। इस व्रत से शिव जी की कृपा से जीवन खुशियों से भर जाता है। धार्मिक पुराणों के अनुसार प्रदोष काल सूर्यास्त से प्रारंभ होता है। और जब त्रयोदशी तिथि और प्रदोष साथ-साथ रहते हैं उसी दिन प्रदोष का व्रत किया जाता है। तब यही समय शिव जी की पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ होता है।
रवि प्रदोष व्रत स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां दूर करके निरोगी बनाने वाला माना गया है, इस व्रत से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही यह व्रत जीवन की सभी समस्या दूर करके खुशहाल जीवन जीने का वरदान देने वाला माना गया है। आइए यहां जानते हैं वैशाख महीने के पहले प्रदोष व्रत के पूजन मुहूर्त-
रवि प्रदोष व्रत पूजा के मुहूर्त 2024 : Ravi pradosh vrat shubh muhurat
05 मई 2024, रविवार : रवि प्रदोष व्रत
वैशाख कृष्ण त्रयोदशी का प्रारंभ- 05 मई को शाम 05 बजकर 41 मिनट से,
समाप्त- 06 मई को दोपहर 02 बजकर 40 मिनट पर।
त्रयोदशी पूजा मुहूर्त और समय : शाम 06 बजकर 59 मिनट से 09 बजकर 06 मिनट तक।
कुल अवधि : 02 घंटे 07 मिनट्स।
05 मई 2024, रविवार : दिन का चौघड़िया
चर- 07 बजकर 17 सुबह से 08 बजकर 57 सुबह
लाभ- 08 बजकर 57 सुबह से 10 बजकर 38 सुबह
अमृत- 10 बजकर 38 सुबह से 12 बजकर 18 शाम
शुभ- 01 बजकर 58 शाम से 03 बजकर 38 शाम
रात्रि का चौघड़िया
शुभ- 06 बजकर 59 शाम से 08 बजकर 19 शाम
अमृत- 08 बजकर 19 शाम से 09 बजकर 38 शाम
चर- 09 बजकर 38 शाम से 10 बजकर 58 शाम
लाभ- 01 बजकर 37 सुबह से 06 मई को 02 बजकर 57 सुबह,
शुभ- 04 बजकर 16 सुबह से 05 बजकर 36 सुबह तक।
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