गुरुवार, 28 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. ज्योतिष आलेख
  4. Manglik dosh hone ke fayde
Written By
Last Updated : गुरुवार, 13 अप्रैल 2023 (17:22 IST)

मांगलिक होने के फायदे भी हैं, जानिए

मांगलिक होने के फायदे भी हैं, जानिए - Manglik dosh hone ke fayde
Mangal dosh ke upay: किसी भी व्यक्ति की जन्मकुंडली में मंगल लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में से किसी भी एक भाव में है तो यह 'मांगलिक दोष' कहलाता है। कुंडली में आंशिक या पूर्ण मंगल दोष होता है। मान्यता अनुसार 'मांगलिक दोष' वाले जातक की पूजा वर अथवा कन्या का विवाह किसी 'मांगलिक दोष' वाले जातक से ही होना आवश्यक है।
 
मांगलिक दोष या योग : मांगलिक दोष को दोष न कहते हुए योग कहना चाहिए। कई लोगों का माना है कि किसी की कुंडली में मांगलिक दोष है तो ऐसे जातक को विवाह में अड़चने आती है और यह यह दोष सही नहीं माना जाता है, लेकिन यह मान्यता गलत है। मंगल का काम ही मंगल करना। महाराष्ट्र में जिला जलगांव में धुले के पास अमरनेर में मंगलदेव का प्राचीन मंदिर है जहां पर मंगल दोष की शांति के लिए अभिषेक किया जाता है।
 
मांगलिक होने के फायदे :-
 
प्रथम भाव में मंगल: जिसकी कुंडली में प्रथम में मंगल है वह जातक साहसी, पराक्रमी और जिद्दी होता है। उसके चेहरे पर चमक होती है। ऐसा जातक किसी कठिनाइयों से नहीं घबराता है और सभी समस्याओं को आसानी से निपटा देता है।
 
चतुर्थ भाव में मंगल : जिसकी कुंडली में चतुर्थ भाव में मंगल होता है। वह जातक भी शक्तिशाली और पराक्रमी होता है। लोग उसकी ओर आसानी से आकर्षित होते हैं। हालांकि ऐसे जातक यदि अपने क्रोध पर काबू रखे और जिद्दीपन छोड़ दे तो सफलता प्राप्त करता है।
 
सप्तम भाव में मंगल : यदि जातक की कुंडली के सप्तम भाव में मंगल है तो वह संपत्तिवाला होता है। उच्च पद पर रहकर अच्‍छे कार्य करता है। यदि वह अपनी पत्नी के साथ शांतिपूर्वक रहना सीख लेता है तो जीवन सुखमय गुजरता है अन्यथा नहीं।
 
अष्टम भाव में मंगल : ऐसा जातक चिकित्सक बन सकता है। आकस्मिक धन लाभ होता है और कोई भी शत्रु उसके सामने टिक नहीं पाता है। हालांकि ऐसा जातक अपने विचार दूसरों पर थोपने का प्रयास न करें तो बहुत अच्छा जीवन यापन कर सकता है।
 
द्वादश भाव में मंगल : यदि कुंडल में 12वें भाव में मंगल है तो जातक सुख और समृद्धि पूर्वक जीवन यापन करता है। वह विदेश की यात्रा करता है और वहां से लाभ भी कमाता है। हालांकि उसे अपनी सेहत और संबंधों को संभालकर रखने की जरूरत है। विलासितापूर्ण जीवन जीने के बजाय वह यदि धार्मिक जीवन यापन करता है तो ज्यादा सुख पाता है।
 
कुंडली अनुसार उपाय :अष्टम का मंगल है तो तंदूरी मीठी रोटी कुत्ते को 40 या 45 दिन तक खिलाएं और गले में चांदी की चेन पहनें। अदि सप्तम का मंगल है तो बुध और शुक्र का उपाय करने के साथ ही घर में ठोस चांदी रखें। यदि चौथा मंगल है तो वटवृक्ष की जड़ में मीठा दूध चढ़ाएं। चिड़ियों को दाना डालें, बंदरों को गुड़ और चना खिलाएं। अपने पास सदैव चांदी रखें। यदि मंगल लग्न में हैं तो शरीर पर सोना धारण करना चाहिए। यदि मंगल 12वें भाव में हैं तो नित्य सुबह खाली पेट शहद का सेवन करें। एक किलो बताशे मंगल के दिन बहते जल में प्रवाहित करें या मंदिर में दान दें।